बीकानेर। कृषि विभाग, राजस्थान द्वारा किसानों के हित में अनेक योजनाओं की घोषणा करता है। लेकिन धरातल पर किसान उसका लाभ नहीं ले पाता। किसान मोर्चे ने एक ज्ञापन राज्य सरकार के मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री को भेजकर वस्तुस्थिति से अवगत करवाया है।
इन्दिरा गांधी नहर क्षेत्र में पानी के सदुपयोग हेतु डिग्गी निर्माण, फव्वारा खेती, बून्द-बून्द सिंचाई, सौलर वाटर पम्प जैसी योजनाऐं सरकार द्वारा घोषित की गई है। सरकार की घोषणा केे अनुरूप किसान अनेक बार इन योजनाओं का लाभ लेने हेतु ऑनलाईन आवेदन करते है। लेकिन हर बार अनेक किसान वंचित हो जाते है। कृषि विभाग पहले आओ-पहले पाओ की नीति के अनुसार वरियता के आधार पर किसानों को अनुदान व वांछित लाभ प्रदान किया करता था लेकिन गत 2-3 वर्षो से लॉटरी सिस्टम तथा ई-मित्र के जरिये किए गए आवेदनों को रदद करने से सैंकड़ो किसान योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे है। हाल ही में सौर ऊर्जा पम्प सेटों हेतु पिछले दो वर्षों में जिन किसानों ने ऑनलाईन आवेदन किए थे उन्हें किसी बगैर किसी सूचना के रदद कर दिया गया। सरकारी अधिकारियों का कहना यह है कि हमने सार्वजनिक सूचना जारी कर दी थी। लेकिन दूर-दराज खेतों मे बैठे किसानों की इसकी कोई सूचना नहीं मिली और वे पुनः आवेदन नहीं कर सके।
किसान मोर्चे ने मांग की है कि कृषि विभाग की समस्त योजनाओं पर पहले से किए गए आवेदनों पर विचार कर सभी किसानों को सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाए। ताकि पानी की बचत हो और सौर ऊर्जा के जरिए बिजली की भी बचत हो। किसान मोर्चें के अध्यक्ष डॉ. प्रभुदयाल ने कोलायत, खाजुवाला, पुगल क्षेत्र के किसानों को ऑफलाईन आवेदन करने का अवसर प्रदान करने का विकल्प बताया है।