– डॉ रघु शर्मा ने कहा राज्य सरकार की व्यवस्थाओं का कमाल है कि हमनें राजस्थान में ऑलमोस्ट कंट्रोल कर लिया है।
● तिलक माथुर- केकड़ी राजस्थान
राज्य के चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने आज एक टीवी न्यूज चैनल पर “राजस्थान e-विमर्श” के लाइव कार्यक्रम “संकट से आगे, समाधान के रास्ते” विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मेरे दृष्टिकोण से लॉकडाउन की अवधि में मैन इस लॉकडाउन का जो पर्पज होना चाहिए वो सॉल्यूशन नहीं है। हमारे नेता राहुल गांधी भी कहते है की कोरोना को रोकने का लॉकडाउन सोल्यूशन नहीं है यह एक सच्चाई है, लेकिन लॉकडाउन इसलिए किया जाता है ताकि हम अपनी हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को इम्प्रूव कर सके। हमनें राजस्थान में टेस्टिंग कैपेसिटी बढ़ाई है, वेंटिलेटर बढाए हैं, आईसीयू की संख्या बढाई है वहीं अस्पतालों में बेड की संख्या बढाई है।
हैल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढाने का मौका होता है लॉकडाउन में, अब मुझे नहीं पता कि अन्य राज्यों में क्या हुआ है। डॉ शर्मा ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री जी ने जिस तरह से हैल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का काम किया है और आज भी हम इसपर काम कर रहे हैं। राजस्थान के जितने विधायक है हमनें उन्हें मनाया है कि वे अपने दो साल के विधायक कोष का पैसा अपने विधान सभा क्षेत्र में हैल्थ इंफ्रस्ट्रक्चर पे खर्च करे और इसके लिए हमारी तैयारी शुरू भी हो गई है। हर विधायक अपने क्षेत्र में हर वर्ष सवा दो करोड़ रुपये अपने विधायक कोष से विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए खर्च करता है। अब वह 2 साल के विधायक कोष का पैसा यानी 4.5 करोड़ रु अपने विधानसभा क्षेत्र में हैल्थ इंफ्रस्ट्रक्चर पर खर्च करेगा। चिकित्सा मंत्री डॉ शर्मा ने इस कार्यक्रम के दौरान कहा कि राजस्थान में कोरोना के जितने मरीज भर्ती हैं उनमें से 27 मरीज है जो आईसीयू में है और सिर्फ 4 मरीज वेंटिलेटर पर हैं, लेकिन राजस्थान की तैयारी यह है कि हमारे पास पर्याप्त वेंटिलेटर हैं, हमारे पास पर्याप्त आईसीयू की फैसिलिटी है, हमारे पास पर्याप्त आइसोलेशन के बेड हैं और क्वारांटिन की फैसिलिटी जिस रूप में बनाई गई है राजस्थान में वह अन्य राज्यों से बेहतर है।
राजस्थान में आप देखिए कि 8-10 लाख लोग हमारे जो मिग्रेट लेबर है प्रवासी राजस्थानी है और दूसरे राज्यो में को हॉटस्पॉट बने हुए है आज महाराष्ट्र है, मुंबई है, कर्नाटक है, गुजरात है इस जगह इस बीमारी का प्रकोप बहुत ज्यादा है। वहां से हमारे प्रवासी राजस्थान लौट के आए है और वो भी 8-10 लाख की संख्या में आए हैं। उन्होंने कहा कि पहले हमारे गांव बचे हुए थे यह संक्रमण शहरों में था। यह हमारी चुनौती थी कि जो प्रवासी अपने गांवों में लौटकर आएंगे तो मुख्यमंत्री जी ने इसका स्वागत किया। हमनें फैसला किया कि प्रवासियों से फैलेगा संक्रमण तो हम कंट्रोल करेंगे। हमनें कवरांटाइन फैसिलिटी को और मजबूत किया। हमने कवरांटाइन फैसिलिटी को मजबूत करने के लिए रूरल कमेटी बनाई जिसमें गांव के सरपंच को रखा, ग्राम पंचायत के सेक्रेटरी, पटवारी,स्कूल के प्रधानाध्यापक और जो सोशल वर्कर है उनको शामिल किया गया और वहां जितनी मेडिकल टीम है, पुलिस टीम है उनकी एक कंबाइन टीम बनाई गई। गांवों के लेवल पर अलग, उपखण्ड स्तर पर, जिला स्तर पर तथा प्रदेश स्तर पर अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं। सीनियर आईएएस वीनू गुप्ता जी को प्रदेश का प्रभारी बनाया गया 11 सीनियर आईएएस को 2-2 जिलों का प्रभारी बनाया गया। आज 10 हजार लोग सरकारी क्वॉरांटाइन में है और 7 लाख 25 हजार लोग होम क्वारांटीन में है जिनसे हमने लिखित में लिया है कि हम प्रोटोकोल नहीं तोड़ेंगे 2 पड़ोसियों को जिम्मेदारी दी गई है कि वो इसका ध्यान रखें। इस तरह से संक्रमण को हम रोक पा रहे है अभी आज 2600 केसेस पॉजिटिव है उसमे से 1300 माइग्रेट लेबर के है और यह जो प्रवासी राजस्थानी और 1300 हमारे दूसरे है जो पोजिटिव है आप देखिए अगर प्रवासी राजस्थानी के फिगर को निकाल दिया जाए तो राजस्थान ने अल्मोस्ट कंट्रोल कर लिया था। इस संक्रमण के ऊपर हमारे पास 1300 पॉजिटिव केसेस थे जो कंडीशन थी उसके हिसाब से और यह हमारी व्यवस्था का कमाल है। देखिए हमारे जो हैल्थ वॉरियस है उनको पूरा राजस्थान सलाम कर रहा है मुख्यमंत्री जी ने उनके लिए अलग से 25 करोड़ का बजट प्रोत्साहन का बनाया है। जहां जहां यह वॉरियस जा रहे है अनपर पुष्प वर्षा की जा रही है और एक ऐसा वातावरण बना है राजस्थान के लोगो ने अनुशासन का परिचय दिया है।
हमारे लोगो ने जिनमें डॉक्टर है, पैरामेडिकल है, नर्सेज है, सफाईकर्मी है, पुलिस टीम है इन लोगों ने जिस टीम भावना से अपनी जान को जोखिम में डालके राजस्थान के लोगो को बचाया है पूरा राजस्थान उनको सलाम कर रहा है। डॉ शर्मा ने कहा राजस्थान सतर्क है यह स्लोगन मुख्यमंत्री जी ने सोचकर दिया उस स्लोगन पे हमारे डॉक्टर्स ने मेडिकल टीम ने प्रशासनिक अधिकारियों ने पुलिस ने सब लोगो ने काम किया सबसे बड़ा सहयोग प्रदेश कि जनता से मिला जो हमने फैसला लिया उस फैसले को पालना करने का काम राजस्थान कि जनता ने किया। डॉ शर्मा ने कहाकि देखिए सबसे बड़ी चीज है कि इतने लंबे लॉकडाउन में आदमी मानसिक रूप से अवसाद कि श्रेणी में चला जाता है, परेशान हो जाता है। आज आदमी जागरूक है इन सब भयंकर तस्वीरों को देख रहा है और वो फिर संक्रमित होके और 14 दिन क्वारांटिन में रहता है तो हमने उनकी काउंसलिंग करने के लिए मनोचिकित्सकों की टीम बनाई है वो टीम क्वारांटिन सेंटर में जा रही है उनसे बातचीत कर रही है यह सब इसलिए संभव हो पाया राजस्थान में 7 करोड़ 40 लाख लोग है। घर-घर जाके हमारी टीम ने अपना काम किया है।
मुख्यमंत्री मंत्री जी ने हमारी सरकार के एक साल होने पर घोषणा की थी कि राजस्थान को निरोगी बनाएंगे। इसके लिए हमनें तैयारियां भी शुरू कर दी थी लेकिन उसी दौरान यह कोरोना आ गया। राजस्थान में करीब 190 जगह पे क्रफ्यू लगा होगा और अब तो वो लिफ्ट करते जा रहे है जैसे जैसे केस नेगेटिव हो रहे है और रैपिड रिस्पॉन्स की टीमें बना दी जो मेडिकल कॉलेज थे हमारे वहा पे जो स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स थे उनकी एक रैपिड रिस्पॉन्स की टीम बनाई जैसे ही कोई इलाके में किसी भी क्षेत्र में कोई पॉजिटिव केस आया वो तुरंत ट्रेस किया गया। उन्होंने अंत में कहा देखिए यह लॉकडाउन के दौर में आम आदमी के जेहन में यह बात आ गई है कि मुझे मास्क लगाना है, मुझे 2 गज की दूरी बनानी है, मुझे बार बार साबुन से हाथ धोना है क्योंकि इस वायरस का फेट्टी नेचर है यह सैनिटाइजर से नहीं जाता है यह साबुन से ही हटेगा हम भीड़ वाले क्षेत्र में नहीं जाना है और सावधानी से जीवन को जीना है।