सफल हुए तो मिलेगा प्रति अस्पताल 1 से 5 लाख रुपए प्रतिवर्ष इंसेंटिव

जिला स्तर पर कार्यशाला आयोजित

बीकानेर, । बीकानेर जिले ने राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में एक साथ 33 अस्पतालों को एनक्यूएएस सर्टिफिकेट दिलाने की बड़ी चुनौती स्वीकार की है और जिला स्तर से लेकर संस्थान स्तर पर इसके लिए प्रयास शुरू हो चुके हैं। सीएमएचओ डॉ बीएल मीणा ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर का सर्टिफिकेट मिलने पर न केवल आमजन को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी बल्कि अस्पतालों को भरपूर इंसेंटिव भी मिलेगा जिसे वह जनहित में खर्च कर सकेंगे। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देशनोक, सीएससी कालू व सीएचसी जसरासर सहित 15 पीएचसी व 15 स्वास्थ्य कल्याण केंद्रों को एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन का बीड़ा बीकानेर जिले ने उठाया है जिसके लिए जिला गुणवत्ता प्रकोष्ठ द्वारा प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।

इस संबंध में शुक्रवार को स्वास्थ्य भवन सभागार में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें डिप्टी सीएमएचओ परिवार कल्याण तथा कायाकल्प कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ योगेंद्र तनेजा तथा जिला क्वालिटी सेल के डॉ रोचक सोनी, डॉ गजेंद्र सिंह, महिपाल सिंह व रितेश गहलोत द्वारा चयनित 33 संस्थाओं के प्रभारियों व स्टाफ को प्रशिक्षण दिया गया। डॉ तनेजा ने बताया कि गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में राष्ट्रीय स्तर से अब तक जिला अस्पताल का लेबर रूम ही सर्टिफाई हो पाया है। इसके अलावा पीएचसी काकड़ा तथा देशनोक को राज्य स्तर से गुणवत्ता सर्टिफिकेट मिला है लेकिन नेशनल सर्टिफिकेट इनका भी नहीं मिला है। ऐसे में बीकानेर जिले के लिए यह बहुत बड़ा लक्ष्य है जिसे हासिल करने के लिए वर्ष पर्यंत प्रयास किए जाएंगे।
कार्यशाला में डिप्टी सीएमएचओ स्वास्थ्य डॉ लोकेश गुप्ता, आरसीएचओ डॉ राजेश कुमार गुप्ता, डीपीएम सुशील कुमार, नेहा शेखावत, समस्त ब्लॉक सीएमओ, ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर तथा संस्थाओं के प्रभारी व स्टाफ उपस्थित रहे।

लाने होंगे 70 प्रतिशत अंक
डॉ तनेजा ने बताया कि गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम के अंतर्गत सीएचसी को 12 चेकलिस्ट, पीएचसी को 6 तथा स्वास्थ्य कल्याण केंद्रों को एक चेक लिस्ट अनुसार मापदंडों से गुजरना होगा और कम से कम 70% अंक प्राप्त करने होंगे। तत्पश्चात राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर की टीमों द्वारा पुनः निरीक्षण में 70 प्रतिशत अंक मिलने पर सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। मापदंडों की बात करें तो इंफ्रास्ट्रक्चर, हाइजीन, सेवा गुणवत्ता, संसाधनों की उपलब्धता तथा मरीजों के अधिकार संबंधी विषय महत्वपूर्ण है।

लाखों के इंसेंटिव 3 साल तक
नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट प्राप्त करने पर सामुदायिक स्वास्थ्य स्वास्थ्य केंद्रों को प्रति वर्ष लगभग 3 से 5 लाख रुपए 3 साल तक जबकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को 3-3 लाख रुपए 3 साल तक, इसी प्रकार स्वास्थ्य कल्याण केंद्र को 1 से 2 लाख रुपए 3 साल तक प्रति वर्ष इंसेंटिव के रूप में प्राप्त होंगे।