-मुकेश पूनिया-
बीकानेर। विधानसभा के बजट सत्र में चुप्पी के कारण बीकानेर पूर्व विधायक सिद्धी कुमारी एक बार फिर सियासी सुर्खियों में आ गई है। बीकानेर की कांग्रेस लॉबी का आरोप है कि विधानसभा के बजट सत्र में तमाम विधायक अपनी आवाज बुलन्द कर क्षेत्र की समस्याएं और जनता से जुड़े मुद्दे उठा रहे है,लेकिन विडम्बना है कि बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र की आवाज चुप है,क्योंकि क्षेत्र विधायक सिद्धी कुमारी सदन में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। यही वजह है पिछले दो सप्ताह से चल रहे विधानसभा के बजट सत्र में विधायक सिद्धी कुमारी ने ना तो कोई मुद्दा उठाया है,ना ही सदन के पटल पर कोई सवाल रखा। जबकि बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से जुड़े ऐसे अनेक मुद्दे और समस्याएं है जिन्हे पुरजोर तरीके से सदन में उठाया जाये तो क्षेत्र के लोगों को राहत मिल सकती है। मजे कि बात तो यह है कि बीकानेर पूर्व की जनता से सिद्धी कुमारी को लगातार तीसरी बार जीताकर विधानसभा में भेजा है,इसके बावजूद भी सदन में उनकी निष्क्रियता अटूट बनी हुई है।

विधानसभा के इस बजट सत्र में नहीं बल्कि पिछले सत्रों में भी विधायक सिद्धी कुमारी का नाम सदन में चुप्पी साधकर बैठने वाले विधायकों की फेहरिश्त में शामिल रहा है। सिद्धी की सदन में चुप्पी को लेकर बीकानेर के सियासी हल्कों में बहसबाजी बढती जा रही है। सदन में विधायक ने चुप्पी ने बीकानेर में भाजपा के उन नेताओं की बोलती बंद करवा रखी है,जिन्होने चुनावी दौर में पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता के समक्ष सिद्धी कुमारी सक्रियता को लेकर बढ-चढकर दावे किये थे,वहीं कांग्रेस लॉबी के नेता भी इस मामले को सियासी तूल देने में पीछे नहीं है। कांग्रेस नेता तो मुखरित रूप से आरोप लगा रहे कि है कि विधायक सिद्धी कुमारी विधानसभा सदन में बीकानेर पूर्व की जनप्रतिनिधि होने के बजाये शो-पीस बनकर बैठी रहती है।

यह है चुप्पी साधने वाले विधायकों की फेहरिश्त
फिलहाल राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में भाजपा और कांग्रेस के तीन दर्जन ऐसे विधायक है जिन्होने एक भी सवाल नहीं पूछा है। सदन के इन निष्क्रिय विधायकों की सूचि में बीकानेर पूर्व की विधायक सिद्धी कुमारी का नाम प्रमुखता से शामिल है,क्योंकि वह जीत की हैट्रिक लगाने वाली भाजपा की स्टार विधायक है। इनके अलावा भाजपा खेमें से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे,पूर्व मंत्री नरपत सिंह राजवी,अशोक डोगरा, कल्पना देवी, गोपीचंद मीणा, नरपत सिंह राजवी, पुष्पेन्द्र सिंह, ललित कुमार ओस्तवाल, वसुंधरा राजे, वि_ल शंकर अवस्थी,सुरेन्द्र सिंह राठौड़, हरेन्द्र निनामा तथा निर्दलीय विधायक महादेव सिंह, रामकेश का नाम भी शामिल है। वहीं सत्तापक्ष के कांग्रेसी खेमें से सदन में सवाल नहीं पूछने वालों विधायको की फेहरिश्त में में अमर सिंह, अमीन कागजी,अशोक,कृष्णा पूनिया,जितेन्द्र सिंह, दीपचंद, निर्मला सहरिया,परसराम मोरदिया,रीटा चौधरी,प्रशांत बैरवा,राजेन्द्र सिंह विधुड़ी, भंवरलाल शर्मा, भंवरलाल जाटव, महेन्द्र जीत सिंह मालवीय, मुकेश भाकर, राजेन्द्र पारीक, राजेन्द्र सिंह गुढ़ा, वेदप्रकाश सोलंकी, रोहित बोहरा, हेमाराम चौधरी, सुरेश मोदी, सुदर्शन सिंह रावत, वीरेन्द्र सिंह प्रमुख रूप से शामिल है।

कन्हैयालाल झंवर ने दी थी टक्कर
जानकारी में रहे कि बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र की चुनावी टक्कर में तीसरी बार भाजपा प्रत्याशी बनकर मैदान में उतरी सिद्धी कुमारी को कांग्रेस के पूर्व संसदीय सचिव कन्हैयालाल झंवर ने कड़ी टक्कर दी थी,चुनावों में सिद्धी कुमारी की निष्क्रियता बड़ा मुद्दा बना था,जिसके चलते सिद्धी कुमारी को जीत की हैट्रिक बनाने में पसीनें छूट गये थे।