-: बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित “लर्निंग टू एक्सपेरिमेंट, इनोवेट एंड डिफ्यूज सोलूशन्स” विषयक एक दिवसीय ऑनलाइन वेबिनार का प्रो. अनिल गुप्ता के मुख्य आथित्य में हुआ समापन
बीकानेर – ओम एक्सप्रेस ।समाज की वेदना, संवेदना व संवेद्नशीलता ही नव्श्रजन व नवाचार की जड़ है जिससे अनेक आविष्कार किए जा सकते हैं ।ये विचार भारतीय प्रबंध संस्थान अहमदाबाद तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे के विजिटिंग प्रोफेसर पध्मश्री प्रो. अनिल गुप्ता ने बतौर मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा ऑनलाइन माध्यम से आयोजित लर्निंग टू एक्सपेरिमेंट, इनोवेट एंड डिफ्यूज सोलूशन्स” विषयक एक दिवसीय ऑनलाइन वेबिनार में कही l पध्मश्री प्रो. गुप्ता ने अपने उधबोधन मे कहा की संस्थानों तथा उद्यमों मे नवाचार व रचनात्मकता होना वर्तमान समय की महती आवश्यकता है । उन्होंने नवाचार के लिए विध्यार्थियों को स्वप्रेरित एवं क्रियाशील होकर प्रयोगशील समाज के निर्माण करने की आवश्यकता बताई। प्रो. गुप्ता ने अनेकानेक प्रकृति, मशीनरी, किसान व कृषि से संबन्धित उदाहरणों से रचनात्मकता व नवाचार को अपनाने से हुए समाज परिवर्तन के बारे मे विस्तार से बताया । मर्यादाओं की चार सीढ़ियों जैसे व्यक्ति, विचार, व्यवहार व संस्कार के बारे मे बताते हुए उन्होने कहा की हमारा 90% समय व्यक्ति विशेष की चर्चा/आलोचना करने मे ही निकल जाता है । जबकि विचार, व्यवहार, संस्कार व समाज की सोच हमे नवाचार की ओर ले जाती है। समाज की समस्या का रचनात्मकता से समाधान करना एक बेहतरीन बिज़नस मोडेल तैयार कर सकता । उन्होने विध्यार्थियों से कहा की आपकी एक छोटा रचनात्मकता से भरा विचार ओर उसका व्यवसायिकरण दुनिया को अद्भुत आविष्कार दे सकता है।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए बीकानेर तकनीकी विश्वविध्यालय के कुलपति प्रो. एच. डी. चारण ने कहा कि विध्यार्थियों मे नवाचार विकसित करने हेतु शिक्षकों को बोद्धिक मानकता को अपनाते हुए अपने विध्यार्थियों को पढ़ना होगा। वर्तमान मे शिक्षण कला एवं विज्ञान में सतत विकास व सृजनात्मक दृष्टिकोण होने से नवाचार की भूमिका महत्वपूर्ण हो चुकी है । बीटीयू नित नए नवाचार कर विध्यार्थियों के हितों निर्णय ले रहा है । विध्यार्थियों मे उध्यमिता व स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने हेतु इस तरह के कार्यक्रम सीखने-सीखाने की प्रक्रिया को बढ़ावा देते हैं। शिक्षा को सरल, उपयोगी, व्यवहारिक, रुचिकर, रचनात्मक, क्रियात्मक व प्रासंगिक बनाना ही बीटीयू का प्रमुख ध्येय है ।
समारोह के अंत में अतिथियों, विशषज्ञों, तथा प्रतिभागियों धन्यवाद ज्ञापन बीटीयु के अकादमिक निदेशक डॉ. यदुनाथ सिंह ने किया l
कार्यक्रम का सञ्चालन डॉ. ममता पारीक ने करते हुए बताया की इस वेबिनार में राजस्थान के लगभग 2000 विद्यार्थी, अभिभावक, शिक्षक इत्यादि ने लाभार्जन लिया. डॉ ममता ने बताया की इस वेबिनार का मुख्य उद्देश्य समस्या के समाधान मे नवाचार व सृजनात्मकता कर समाज को आविष्कार कैसे दें इस पर चर्चा कर इसके समाधान बताना था l इस अवसर पर बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के तथा एफिलिएटेड महाविद्यालयों के विभिन्न संकायों के डीन, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण एवं विद्यार्थी ऑनलाइन माध्यम से उपस्थित थे।