-असहाय मरीजों का करते है मुफ्त इलाज
-प्रस्तुत कर्ता : हरप्रकाश मुंजाल, अलवर ।
यो तो भारतीय समाज में चिकित्सीय पेशे को भगवान के रूप में देखा जाता है लेकिन अब इस गलाकाट स्पर्द्धा के चलते चिकित्सा सेवा भी व्यावसायिक रूप में परिवर्तित हो गई है और धन अर्जित करने का मुख्य लक्ष्य बन गया है । लेकिन इसके बावजूद अपवादस्वरूप कुछ चिकित्सक ऐसे भी है जिनका धन अर्जित करना का दूर दूर तक नाता नही रहा है बल्कि उनका मुख्य धेय्य जन सेवा करना है । और असहाय लोगो की जितनी मदद हो सके उन तक पहुचना है इसी कड़ी में एक नाम उभर कर सामने आता हैं वे हैं अलवर के डॉक्टर सुरेंद्र जैन जी ।
डॉक्टर जैन का अलवर जिले की बानसूर तहसील के हरसौरा गांव में जन्म हुआ इस गाव में एक ही जैन परिवार था जिसका पूरे गाँव मे डंका बजता था । इनके पिता जी भोरेलाल जी गांव के सरपंच और बाद में बानसूर पंचायत समिति के पहले प्रधान बने ।
इनकी प्रारम्भिक शिक्षा गांव में ही हुई । मिडिल तक की शिक्षा राजकीय प्रताप स्कूल से ली । इनके पिता जी का सपना था कि उनका एक बेटा कम से कम डॉक्टर बने जिसे साकार किया डॉ सुरेंद्र जैन जी ने । इन्होंने नवी कक्षा में राजकीय यशवंत स्कूल में विज्ञान विषय मे प्रवेश लिया । 11वी की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद प्रथम वर्ष में आरआर कॉलेज में दाखिला लेने के दौरान पीएमटी की परीक्षा दी जिसमे सफल हो गए । और इन्हें जे एल एन एम्स में प्रवेश मिल गया । और पांच साल बाद एमबीएस की डिग्री मिली ।और इंटरशिप के लिए अलवर की ही अक़बरपुर पीएचसी मिल गई ।
अकबरपुर में अधिकांश लोग वामपंथी विचारधारा के थे जबकि डॉक्टर साब का परिवार इसके विपरीत विचारधारा से इतेफाक रखते थे लेकिन इसके बावजूद इन्होंने अपने व्यवहार से लोगो का दिल जीता और ग्रामीण इनके मुरीद हो गए । ये रोज अलवर से अक़बरपुर जाते और शाम को वापिस अलवर आ जाते । इस दौरान रास्ते मे जो भी मरीज मिलते उन्हें निशुल्क देखते और बैग में यदि दवा होती तो वह भी दे देते ।आस पास के गावों में भी डॉक्टर साब लोकप्रिय होने लगे । एक साल के अंदर ही इन्होंने अपने कुशल व्यवहार से क्षेत्र में अपनी पैठ जमा ली । इन्होंने वहां कोई 6 वर्ष तक कार्य किया । डिस्पेंसरी का समय समाप्त होने के बाद भी रास्ते मे पड़ने वाले गांव जैसे धवाला, सिलीसेढ़ तिराया,सावड़ी, उमरैण, आदि गावों के मरीजो को देखते हुए चलते ।
अकबरपुर में इन्होंने 1978 में ज्वाइन किया और वहां 1984 तक रहे । फिर इनका तबादला अलवर सामान्य चिकित्सालय में हो गया । अलवर आने से पूर्व इन्होंने अकबरपुर में जन सहयोग से डिस्पेंसरी के लिए जमीन खरीदी और आज वहां शानदार सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र है । जहां पूरी मेडिकल टीम रहती हैं । इन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान प्राथमिक विद्यालय भी खुलवाया ।
अलवर आने के बाद एक वर्ष तक मलेरिया विभाग में रहे ।1987 से 31 अगस्त 2011 तक समान्य चिकित्सालय में कार्य किया । और सीनियर मेडिकल ऑफिसर के पद से सेवानिवृत्त हुए । सरकारी नोकरी में रहने के बावजूद सामाजिक सरोकारों से जुड़े रहे । इस दौरान आंखों के निशुल्क केम्प लगवाये । डॉक्टर साब की एक विशेषता यह भी है कि जो भी मरीज घर दिखाने आते हैं
उनसे फीस के लिए नही बोलते । जो दे देता है ले लेते हैं । कोई नही दे उसे टोकते नही है । गरीब मरीजो से तो कतई नही लेते हैं ।और आलमारी मे रखी दवा भी दे देते हैं । अब भी इनका मामूली सो रुपये परामर्श शुल्क हैं । डॉ सुरेंद्र जैन विभन्न संघठनो से भी जुड़े रहे हैं ।
1994 से तक इंडियन मेडिकल एसोसिएशन में लगातार चार वर्ष तक सचिव रहे । इनके सक्रिय होने से पूर्व यह एसोसिएशन बन्द थी । इन्होंने इसे पुनर्जीवित किया । इन्हें राज्यस्तर पर बेस्ट सचिव का पुरस्कार भी मिला । इसके बाद 1999 से 2000तक अध्यक्ष भी रहे । इनके अलावा अलवर जेसीज, महावीर इंटरनेशनल अलवर, अलवर बैडमिंटन एसोसिएशन, के अध्यक्ष रहे तथा जिला बास्केटबॉल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रहे । डॉक्टर साब बैडमिंटन के उम्दा खिलाडी है ।रोज शाम को जयकृष्ण क्लब के कोर्ट पर जमकर पसीना बहाते हैं । वर्तमान अलवर टेबिल टेनिस एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं ।
तत्कालीन जिला कलेक्टर और वर्तमान में देश के मुख्य चुनाव आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा जी ने इन्हें व्यक्तिगत रूप से लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र में आंखों का शिविर लगाने की कहा तब यह क्षेत्र नटवर सिंह जी जा हुआ करता था । उनकी इच्छा थी कि उनके क्षेत्र में शिविर लगे । यह शिविर मालाखेड़ा में लगाया गया । इन्हें 87 में सवंत्रता दिवस पर सुनील अरोड़ा जी ने सम्मानित भी किया ।
सेवानिवृत्त के बाद से दो घण्टे निशुल्क सेवा सुबह 9 से 11 बजे तक महावीर इंटर नेशनल की ओर से संचालित आचार्य हस्तिमल चिकित्सालय शांतिकुंज में देते हैं । फिर उसके बाद अपने हाऊसिंग बोर्ड मनुमार्ग आवास पर मरीज देखते हैं । जहां मरीजो का रेला उमड़ा रहता है । डॉक्टर साब के बारे में आम राय है कि यदि किसी को सस्ता टीकाओं इलाज़ करना है तो डॉक्टर सुरेंद्र जैन को दिखाओ ।ना ज्यादा फीस ना ही विभिन्न जाँचो का लफड़ा और ना ही ज्यादा महंगी दवा ।ना कोई वीआईपी कल्चर । डॉक्टर साब शिवरों के माधयम से करीब एक लाख मरीजो को लाभान्वित कर चुके हैं । डॉक्टर साब ने अपने प्रयासों से मरीजो की जांच में तीस फीसदी रियायत भी दिलाते हैं ।
डॉक्टर साब बास्केटबॉल के भी अच्छे खिलाड़ी रहे हैं । इन्होंने राज्यस्तरीय टीम में भी भागीदारी कर चके है । अलवर में जब जब बड़े टूर्नामेंट हुए तब डॉक्टर साब की ही स्टेडियम में खिलाड़ियों के इलाज के लिए डियूटी लगती । इसी तरह पुलिस लाइन में होने वाली परेड के दौरान भी डॉक्टर साब ही मौजूद रहते । खेलो से जुड़ाव के चलते अपनी फिटनेस पर पूरा ध्यान रखते। है अब भी युवाओं जैसी चपलता है । बिजली जैसी फुर्ती है ।
– पारिवारिक पृष्टभूमि
डॉक्टर सुरेंद्र जैन बानसूर के हरसौरा गांव निवासी हैं । इनके पिता जी भोरेलाल जी जैन गांव के सरपंच रहे फिर पंचायतसमिति प्रधान बने । डॉक्टर साब 8 भाई और दो बहनें है । इनके बड़े भाई श्री गेंदामल जैन अलवर में नामी कारोबारी रहे औरबीजेपी नेता जीतमल जैन जी के दाएं हाथ माने जाते थे। इनके पिता जी के गांव में रहने के कारण डॉक्टर साब के पालन पोषण और पढ़ाई की जिम्मेदारी गेंदमल जी के कन्धों पर रही । गेंदमल जी केडलगंज व्यापार समिति के, ओसवाल समाज, ओसवाल स्कूल, महावीर इंटरनेशनल अलवर शाखा के अध्यक्ष रहे । और अन्य सामाजिक कार्यो में बढ़चढ़ कर भाग लेते । इनके एक भाई का 1981 में नलदेश्वरनाले दुखन्तिका में निधन हो गया । वो सीए की तैयारी कर रहे थे । इनका शव दो दिन बाद ग्रामीणों के सहयोग से मिल सका । उस समय पानी का तेज बहाव था ।शव खोजने में कठिनाई का सामना करना पड़ा । आखिर ग्रामीणों की मेहनत से शव को खोज निकाला ।एक भाई ज्ञानचंद जैन वकील होने के साथ साथ कारोबारी है । एक भाई राजस्थान बैंक से सेवानिवृत्त हुए हैं ।एक भाई इंजीनियर है । एक भाई इंदौर रहते हैं । डॉक्टर सुरेंद्र जैन छटे नम्बर पर आते हैं । एक भाई गुजरात और एक दिल्ली रहते हैं । दोनो बहने जयपुर रहती हैं ।भाइयो में बड़े बड़े भाई गेंदमल जी का स्वर्गवास हो चुका है ।इन सब भाइयों में आपसी ताल मेल है एक दूसरे की खूब इज्जत करते हैं । इनके बेटा कुणाल हैं जो सॉफ्टवेयर इंजीनियर है ।वेअपने परिवार के साथ न्यूजर्सी अमेरिका रहते हैं । एक बेटी हैं जो मुबई रहती हैं ।
डॉक्टर साब में इसी तरह युवाओं की तरह ऊर्जा का संचार बना रहे । समाज सेवा में जुड़े रहे यही ईश्वर से विनती है । डॉक्टर साब दिर्घायु रहे । इसी मंगल कामना के साथ ।