‘सारथी ट्रस्ट की डॉ.कृति भारती ने हाईकोर्ट जयपुर बैंच में जनहित याचिका दायर की, बाल विवाह के रजिस्ट्रेशन के प्रावधान पर आपत्ति जता संशोधन रद्द करने की लगाई गुहार, सरकार के सुप्रीमकोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या कर भ्रमित करने का मढा आरोप ‘

जयपुर/जोधपुर। राजस्थान विवाह अनिवार्य पंजीकरण (संशोधन) विधेयक 2021 में बाल विवाह पंजीकरण करने के प्रावधान पर आपत्ति जताकर संवैधानिक वैधता को जोधपुर के सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी एवं पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डॉ.कृति भारती ने राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बैंच में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी है। वहीं डॉ.कृति भारती ने बाल विवाह रजिस्ट्रेशन कर राजस्थान को चाइल्ड मैरिज हब बनने से बचाने की गुहार लगाई है।

राजस्थान विधानसभा में सरकार ने 17 सितम्बर को राजस्थान विवाह अनिवार्य पंजीकरण (संशोधन) विधेयक 2021 पारित किया गया। इस संशोधन विधेयक में सरकार ने 18 साल से कम उम्र की लडकी और 21 साल से कम उम्र के लडके के बाल विवाह के बावजूद एक माह में रजिस्ट्रेशन किए जाने का प्रावधान किया है। संज्ञेय अपराध बाल विवाह रजिस्ट्रेशन के इस प्रावधान को बाल विवाह निरस्त एवं रोकथाम के लिए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी एवं पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डॉ.कृति भारती ने राजस्थान हाईकोर्ट के जयपुुर बैंच में चुनौती दी है। जनहित याचिका में राजस्थान सरकार, संबंधित विभागों और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पक्षकार बनाते हुए जल्दी सुनवाई की मांग की है।

वर्ल्ड टॉप टेन एक्टिविस्ट और अब तक 43 बाल विवाह शून्यकरण (निरस्त) और 1500 से अधिक बाल विवाह रूकवाने वाली डॉ.कृति भारती ने सुुप्रीमकोर्ट के अधिवक्ता एवं दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य शंशाक शेखर के मार्फत हाईकोर्ट की जयपुुर बैंच में जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्त्ता डॉ.कृति भारती का कहना है कि इस संशोधन के जरिए सरकार नेे बाल विवाह की कुप्रथा को पंजीकृत मान्यता देने की कवायद की है, जबकि बाल विवाह संज्ञेय अपराध है।

– एक माह तो गुजारो राजस्थान में, मिलेगा सर्टिफिकेट

डॉ.कृति भारती का कहना है कि बाल विवाह रजिस्ट्रेशन कर पंजीकृत मान्यता देने के दूरगामी परिणाम काफी घातक होंगे। बाल विवाह का सरकारी सर्टिफिकेट लेने के लिए लोग एक माह के लिए राजस्थान में आकर बाल विवाह करवाएंगे। जिससे विश्व में सर्वाधिक बाल विवाह के लिए सालों से बदनाम राजस्थान चाइल्ड मैरिज हब में तब्दील हो जाएगा। इसके अलावा भी जनहित याचिका में कई तथ्य पेश किए गए हैं।

– सुप्रीमकोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या

याचिकाकर्त्ता सारथी ट्रस्ट की डॉ.कृति भारती ने जनहित याचिका में बताया कि सरकार ने राजस्थान विवाह अनिवार्य पंजीकरण (संशोधन) विधेयक पारित करने के तर्क में सुप्रीमकोर्ट के 15 साल पुराने वर्ष 2006 के एक आदेश की भी गलत व्याख्या की है। सुप्रीमकोर्ट के आदेश की भी पूरी तरह से पालना नहीं की गई है।

– बाल विवाह शून्यकरण (निरस्त) की राह होगी कठिन

देश में बाल विवाह निरस्त मुहिम की प्रणेता डॉ.कृति भारती ने जनहित याचिका में बताया कि नए संशोधन के बाद में बाल विवाह शून्यकरण (निरस्त) की राह काफी कठिन हो जाएगी। मासूमों को ताउम्र बाल विवाह का दंश झेलने को विवश होना पडेगा।

– हाईकोर्ट का क्षेत्राधिकार

डॉ.कृति भारती ने बताया कि राजस्थान विधानसभा में संशोधन विधेयक पारित हुआ है। विधेयक से राजस्थान के मासूम बच्चे प्रभावित हो रहे हैं, ऐसे में राजस्थान हाईकोर्ट का सुनवाई का प्राथमिक क्षेत्राधिकार है। ऐसे में राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर बैंच में जनहित याचिका पेश की गई है।

-डॉ.कृति भारती बाल विवाह निरस्त में अग्रणी

उल्लेखनीय है कि बीबीसी की 100 प्रेरणादायक महिलाओं की सूची में शामिल डॉ.कृति भारती ने देश का पहला बाल विवाह निरस्त करवाकर अनूठी साहसिक पहल की थी। जिसे लिम्का बुक और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स इंडिया व सीबीएसई पाठ्यक्रम में भी शामिल किया गया। डॉ.कृति ने अब तक 43 जोड़ों के बाल विवाह निरस्त करवाए और 1500 से अधिक बाल विवाह रूकवाए हैं। डॉ.कृति भारती को विद्या बालन अभिनीत शेरनी मूवी की लांचिग में रियल शेरनी टाइटल से नवाजा गया। अमेरिकन चॉकलेट कंपनी हर्शी ने डॉ.कृति भारती को चॉकलेट कवर पर फोटो के साथ स्पेशल एडिशन लांच किया था। यूएसए की टैफेड मैगजीन ने वर्ल्ड टॉप 10 एक्टिविस्ट सूची में शुमार किया हैं। कई राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा जा चुका है।

– इनका कहना है

इस संशोधन बिल से राजस्थान फिर से सौ साल पीछे चला जाएगा। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के रोकथाम, शून्यकरण और दंड के प्रावधान पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे। पीडित बाल विवाह की बेडियों से आजाद नहीं हो पाएंगे।

(डॉ.कृति भारती)
, मैनेजिंग ट्रस्टी एवं पुनर्वास मनोवैज्ञानिक, सारथी ट्रस्ट, जोधपुर।