जयपुर. कानूनी अड़चनों की वजह से ग्राम पंचायत चुनाव के प्रथम चरण में सीलबंद अभिरक्षा में रखी गई 1119 ग्राम पंचायतों में से 412 के लिए दोबारा नामांकन-पत्र दाखिल किए जाएंगे. नामांकन-पत्र के समय जमा कराई गई अमानत राशि प्रत्याशियों को लौटाई जाएगी. राज्य निर्वाचन आयोग ने इन ग्राम पंचायतों के संबंधित जिला कलक्टर को ग्राम पंचायतों के लिए जारी की गई लोक सूचना वापस लेने के निर्देश दिए हैं.

ये पंचायतें पुनर्गठन और आरक्षण व्यवस्था से प्रभावित हुई हैं
ये 412 ग्राम पंचायतें पुनर्गठन में आरक्षण व्यवस्था से प्रभावित हुई हैं. इसलिए आयोग चौथे चरण में इन ग्राम पंचायतों का चुनाव कराएगा. फिलहाल आयोग ने प्रथम चरण के चुनाव में सीलबंद अभिरक्षा में रखी गई 1119 ग्राम पंचायतों में से 707 ग्राम पंचायतों का चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिया है. इन ग्राम पंचायतों के लिए 15 मार्च को मतदान होगा. उसके बाद उसी दिन शाम को मदगणना की जाएगी. 16 मार्च को उपसरपंचों का चुनाव करवाया जाएगा.

इन ग्राम पंचायतों पर पड़ा पुनर्गठन का प्रभावमुख्य निर्वाचन अधिकारी श्याम सिंह राजपुरोहित ने बताया की कुल 1119 में से 412 ग्राम पंचायतों में चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ाना संभव नहीं था. इन ग्राम पंचायतों पर पुनर्गठन का प्रभाव पड़ा है. पुर्नगठन से इनकी आरक्षण व्यवस्था प्रभावित हुई है. हाल ही में जोधपुर हाईकोर्ट द्वारा सुनाए गए निर्णय के बाद प्रथम चरण की 707 ग्राम पंचायतों की तस्वीर साफ हो गई है. इन ग्राम पंचायतों में पुनर्गठन से जो परिवर्तन हुआ है उनमें आरक्षण में किसी तरह का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. इसलिए अब इन ग्राम पंचायतों में चुनाव कराने में किसी तरह की कानूनी अड़चनें नहीं है.

चौथे चरण के चुनाव अप्रेल महीने में होंगे
गौरतलब है कि प्रदेश की करीब 4 हजार ग्राम पंचायतों के चुनाव अप्रेल के दूसरे सप्ताह में होना प्रस्तावित है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को अप्रेल के दूसरे सप्ताह में चुनाव कराने के निर्देश दिए थे. अब आयोग ने बची हुई ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषद का चुनाव चौथे चरण में ही कराने का निर्णय लिया है. आयोग ने चुनाव कराने की तैयारी अभी पूरी कर ली है.