दैहिक, आत्मिक व शारीरिक बल का मूल आधार ब्रह्मचर्य ही है : श्रीराजेन्द्रदासजी महाराज
बीकानेर। भीनासर स्थित मुरलीमनोहर मैदान में चल रही श्रीभक्तमाल कथा छठे दिवस बुधवार को श्रीरामानंदीय वैष्णव परम्परान्तर्गत श्रीमदजगद्गुरु मलूक पीठाधीश्वर पूज्य श्रीराजेन्द्रदास देवाचार्यजी महाराज ने कहा कि विभीषणजी को धर्मरथ…