कार्यालय प्राचार्य राजकीय डूंगर महाविद्यालय, बीकानेर।


– डूंगर काॅलेज में गांधी विषयक संगोष्ठी सम्पन्न
बीकानेर 6 दिसम्बर। सम्भाग के सबसे बड़े राजकीय डूंगर महाविद्यालय में शुक्रवार को गांधी और समरसता विषयक संगोष्ठी आयोजित हुई। संगोष्ठी के प्रभारी डाॅ. राजकुमार ठठेरा ने बताया कि मुख्य वक्ता पूर्व प्राचार्य एवं शिक्षाविद् डाॅ. एन.के.व्यास रहे एवं काॅलेज प्राचार्य डाॅ. सतीश कौशिक ने अध्यक्षता की।
विषय प्रवर्तन करते हुए प्राचार्य डाॅ. सतीश कौशिक ने बताया कि महात्मा गांधी की 150 जयंतिवर्ष के उपलक्ष में पूरे वर्ष पर्यन्त चलने वाले कार्यक्रमों के क्रम में ही इस प्रकार की संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। अपने उद्बोधन में डाॅ. कौशिक ने कहा कि वैष्णव वही है जो दूसरों की पीड़ा का अनुभव कर सके और उसे दूर करने का प्रयास करे, यही सही अर्थों में गांधी दर्शन है। उन्होनें युवाओं से गांधी जी के सिद्धान्तों को जीवन में अपनाने का आह्वान किया।

मुख्य वक्ता गांधीवादी विचारक एवं पूर्व प्राचार्य डाॅ. एन.के.व्यास ने अपने उद्बोधन में कहा कि महात्मा गांधी सही अर्थों में सामाजिक समरसता के आदर्श पुरूष थे। डाॅ. व्यास ने महात्मा गांधी के महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में किये गये कार्यो को विशेष रूप से उल्लेख किया। चम्पारण की घटना का उल्लेख करते हुए उन्होनें कहा कि श्रीमती कस्तूरबा गांधी ने उस वक्त घर-घर जाकर गांधी जी द्वारा दिये गये भाषण में सम्मिलित होने का आग्रह किया। डाॅ. व्यास ने कहा कि नैतिक शिक्षा की कमजोरी की वजह से ही हैदराबाद रेप काण्ड जैसी जघन्य घटनाएं जन्म लेती है। उन्होनें शंकर के द्वैत एवं रामानुजन के अद्वैत की जिक्र करते हुए कहा कि जब तक समाज से विघटनकारी ताकतों को दूर नहीं किया जावेगा तब तक सामाजिक समरसता सम्भव नहीं होगी। डाॅ. व्यास ने सुभाषचन्द्र बोस एवं गांधी के सबंधों की भी विस्तृत व्याख्या की। बड़ी संख्या में उपस्थित विद्यार्थियों से अपील करते हुए डाॅ. व्यास ने कहा कि गांधीजी प्रेरणा के महत्वपूर्ण स्रोत हैं उनके सिद्धान्त अपनाने से ही सामाजिक समरता सम्भव हो सकेगी।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए डाॅ. विपिन सैनी ने वर्ष पर्यन्त चलने वाले गांधी विषयक कार्यक्रमों की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की।

संगोष्ठी में वरिष्ठ संकाय सदस्य डाॅ. रविन्द्र मंगल, डाॅ. राजेन्द्र पुरोहित, डाॅ. सीतराम चाहलिया, डाॅ. राजनारायण व्यास, डाॅ. सुरेन्द पाल मेघ, डाॅ. सुनीता गोयल, डाॅ. अशोक डाबला, डाॅ. महेन्द्र थोरी सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।

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