International Yoga Day Bikaner
International Yoga Day Bikaner
बीकानेर ।आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान के तत्वावधान में आषीर्वाद भवन के प्रांगण में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस उत्साहवर्धक वातावरण में मनाया गया। मुनिश्री राजकरण जी एवं मुनिश्री पानमल जी के पावन सान्निध्य मे आयोजित इस कार्यक्रम में जैन विष्व भारती विष्वविद्यालय से समागत प्रो. अषोक भास्कर ने योगिक क्रियाओं एवं योगासनों का अभ्यास करवाया। उनके साथ दषरथ सिंह, धीरेन्द्र बोथरा, सांखला भी सहयोगी के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे। मुनि पीयूष कुमार ने योग साधकों को संबोधित करते हुए कहा आत्मा का परमतत्व के साथ मिल नही योग कहलाता है। हालांकि यह शारीरिक सुदृढता एवं स्वास्थ्य की से भी उपयोगी है परन्तु इसका मूलभूत उद्देष्य आत्म शुद्धि ही है।
योग के इस सत्र में भाग लेने हेतु प्रातः 5 से ही साधक जुटना शुरू हो गए थे और कुछ ही देर में आषीर्वाद का विषाल प्रांगण खचाखच भर उठा। बाद में समागत योग साधकों हेतु एक अन्य प्रांगण में समानान्तर व्यवस्था की गई। कार्यक्रम में गंगाषहर, बीकानेर एवं भीनासर के योग रसिक लोग शामिल हुए। इसके साथ ही बीकानेर पुलिस से संबद्ध लगभग 100 ट्रेनी भी इसका हिस्सा बने। आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान के महामंत्री जैन लूणकरण छाजेड़ ने आम जनता का उत्साह के साथ भाग लेने हेतु सभी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि आम जनता को घर से आषीर्वाद भवन तक लाने हेतु प्रमुख क्षेत्रों में गाड़ियों की व्यवस्था शान्ति प्रतिष्ठान द्वारा की गयी। छाजेड़ ने बताया कि 22 जून को जीवन प्रबंधन गुरू हनुमान भक्त
पं. विजयषंकर मेहता का विषेष व्याख्यान प्रातः 8 बजे नैतिकता का शक्तिपीठ परिसर में एयरकूलर पंडाल में होगा। उन्होंने आम जनता से इस अवसर का लाभ उठाने का आहृान किया है।
सीमा सुरक्षा बल परिसर में द्वितीय अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन
क्षेत्राीय मुख्यालय, सीमा सुरक्षा बल परिसर के गोल्फ ग्राउन्ड में कार्यवाहक उप महानिरीक्षक परशुराम के नेतृत्व में द्वितीय अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।
इस अवसर पर परशुराम ने कहा कि स्वस्थ शरीर ही जीवन की मूल पूंजी है। प्राणायाम एवं योग करने से शरीर की हर बीमारी दूर हो पाती है। व्यक्ति की कार्यप्रणाली में भी सकारात्मक परिर्वतन आ सकता है, इसलिए हम सभी को योग रोज की जिन्दगी में शामिल कर लेना चाहिए।
कार्यक्रम में आर्ट ऑफ लिविंग के शिक्षकांे ने योग के गुण एवं महत्व को विस्तार से समझाया एवं अभ्यास करवाया। उन्हांेने भारतीय धर्म और दर्शन में योग का महत्व, आध्यात्मिक उन्नति और शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग की आवश्यकता व महत्व को समझाया व कहा कि आधुनिक युग में मनुष्य अत्यधिक तनाव, वायु प्रदूषण और भाग दौड़ भरी जिन्दगी के कारण रोग ग्रस्त हो चला है। उन्होंने शरीर एवं मन को स्वस्थ रखने के लिए अनुशासन के साथ योग करने के लिये प्रेरित किया।
योग दिवस पर क्षेत्राीय मुख्यालय, सीमा सुरक्षा बल परिसर में लगभग 350 कार्मिक इस योग शिविर से लाभान्वित हुए। सीमा सुरक्षा बल की चौकीयों में भी जवानांे ने अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर बढ़- चढ़ कर योग अभ्यास किया।
उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र में योग प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मंगलवार को भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसध्ंाान केन्द्र परिसर में कॉमन योग प्रोटोकॉल के अंतर्गत प्रातः 7 से 8 बजे तक योग प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
देवेन्द्र योग संस्थान, भीनासर के संयोजन से आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में योग शिक्षक जितेन्द्र धुंधवाल ने उष्ट्र अनुसंधान तथा अश्व अनुसंधान केन्द्र के 100 से अधिक वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कार्मिकों को योग की विभिन्न क्रियाओं यथा- व्रजासन, भ्रामरी, ताड़ासन, शवासन कपालभाति, उष्ट्रासन, चक्रासन, मकरासन आदि का प्रदर्शन कर अभ्यास करवाया। धुंधवाल ने जीवन में योग का महत्व बताते हुए कहा कि कर्म में कौशल ही योग है तथा योग प्राचीन भारत की एक अनुपम विद्या है जिससे जीवन को स्वस्थ एवं दीर्घायु बनाया जा सकता है।
इस अवसर पर केन्द्र निदेशक डॉ.एन.वी.पाटिल ने कहा कि इस भौतिकवादी युग में मानव की जीवन शैली प्रभावित हुई है। ऐसे में योग के माध्यम से बेहतर जीवन को अपनाए जाने की आज महत्ती आवश्यकता है। एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास रहता है और योगाभ्यास द्वारा प्रत्येक कार्मिक अपने कार्यक्षेत्रा में अधिक कुशलता लाते हुए इस संस्थान व राष्ट्र की प्रगति में सहायक बन सकता है। प्रशासनिक अधिकारी वी.के.पान्डे ने देवेन्द्र योग संस्थान का स्वागत करते हुए भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसध्ंाान केन्द्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोज्य योग कार्यक्रमों की जानकारी दी। कार्यक्रम संयोजन में संस्थान के योग शिक्षक रामेश्वर लाल एवं कन्हैयालाल ने भी सहयोग किया।
वेटरनरी विश्वविद्यालय में सामूहिक योगाभ्यास कर शपथ ग्रहण की
अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर वेटरनरी विश्वविद्यालय में वेटरनरी कॉलेज के शिक्षकों, छात्रा-छात्राओं, कर्मचारियों और परिवारजनों ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर योगाभ्यास किया तथा शपथ ग्रहण की। वेटरनरी कॉलेज के अधिष्ठाता प्रो. त्रिभुवन शर्मा, विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रेमसुख बिश्नोई, एन.सी.सी. के कमान अधिकारी कर्नल प्रदीप पूनिया, भारत विकास परिषद मुख्य शाखा की अध्यक्ष अरूणा गहलोत सहित डीन-डायरेक्टर ने भी इसमें शिरकत की। 1 राज. एन.सी.सी. आर. एण्ड वी. स्कवाड्रन एन.सी.सी. के विभिन्न महाविद्यालयों के 280 कैडेट्स और वेटरनरी राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के स्वंयसेवकों ने भी योगाभ्यास किया। पतंजलि संस्थान के योग प्रशिक्षक बंशीलाल प्रजापत और शिवबाड़ी मंदिर के योग शिक्षक डॉ. विनोद चौधरी ने योग की विभिन्न विधाओं-प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, कपालभाति, मयूरासन, भ्रामरी सहित 1 घंटे तक योगाभ्यास करवाया। प्रजापत ने योग के महत्त्व और उसकी उपयोगिता के बारे में पूरी जानकारी दी। इस अवसर पर अतिथियों ने महेन्द्र चाढ़ा द्वारा लिखित योग पुस्तिका का विमोचन किया। योग दिवस के अवसर पर एन.सी.सी. कैडेट्स को टी-शर्ट व योग साहित्य का वितरण किया गया।
स्नातकोत्तर शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान में योग शिविर का शुभारंभ
वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए.के. गहलोत ने अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, जयपुर में योग शिविर का शुभारंभ किया। उन्होंने शिक्षकों व छात्रा-छात्राओं को अपने संदेश में कहा कि योग का नियमित अभ्यास शरीर को चुस्त-दुरूस्त बनाए रखता है। व्यक्ति की बुद्धि प्रखर होकर आत्म विश्वास भी बढ़ता है, अतः इसे दैनिक जीवन में अनिवार्य रूप से अपनायें। इस दिवस के अवसर पर छात्रा-छात्राओं के लिए योगासन प्रतियोगिता एवं ऑन-लाईन निबंध प्रतियोगिता का आयोजन कर विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
एसबीबीजे द्वारा योग शिविर का आयोजन
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अपलक्ष्य में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर द्वारा श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर विकास विकास एवं पर्यावरण समिति के सहयोग से लक्ष्मीनाथ पार्क में मंगलवार को योग शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर संयोजक सीताराम कच्छावा ने बताया कि शिविर का शुभारम्भ एसबीबीजे के उपमहाप्रबंधक राकेश कौशल, सहायक महाप्रबंधक आर. के. मोदी, वी.के. शर्मा तथा राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय , लक्ष्मीनाथ घाटी की प्राचार्य सुमन रंगा ने दीप प्रज्वलित कर दिया। शिविर का संचालन योग शिक्षक श्रीरतन तम्बोली ने किया। उन्होंने शिविरार्थियों का भस्त्रिाका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, उज्जोयी, अग्निसार तथा ब्राह्य प्राणायाम, सूक्ष्म क्रियाओं तथा आसनों का अभ्यास करवाया। अंत में करतल ध्वनि, सिंहासन तथा हास्य योग का अभ्यास करवाया। पूनमचंद पालीवाल, डॉ. रेणूका व्यास, विनोद महात्मा, धीरज जैन, श्रीगोपाल अग्रवाल, जगदीश आचार्य, अशोक सोनी, डॉ. कृष्णा आचार्य, संजय जुनेजा, चंद्रेशलाल, केडी अग्रवाल, सुनील दाधीच ने भागीदारी निभाई।
महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में योग दिवस समारोह आयोजित
अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय परिसर में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. चन्द्रकला पाडिया के सानिध्य में समारोह आयोजित किया गया। समारोह में विश्वविद्यालय परिवार के समस्त शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया। योग दिवस समारोह में योग कराने के लिए वाराणासी के सुप्रसिद्ध योगाचार्य हठयोगी सनद मिश्र को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया। योगाचार्य ने भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा जारी प्रोटोकाल के निर्देशानुसार योग करवाया एवं योग सम्बन्धी तकनीकी जानकारियों से विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों को अवगत कराया। योगाचार्य द्वारा कपाल भाति, अनुलोम-विलोम, ताड़ासन, अर्द्धकटिचक्रासन, सूर्य नमस्कार जैसी महत्त्वपूर्ण योग क्रियाओं से शरीर को होने वाले लाभ के सम्बन्ध में विस्तार से अवगत कराया गया तथा योग करवाकर इसकी क्रिया पद्वति को समझाया गया।
इससे पूर्व विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. चन्द्रकला पाडिया ने योग दिवस के महत्व को समझाया । उन्होंने कहा कि भारतीय परम्परा के अन्तर्गत प्राचीन समय से ही योग का स्वस्थ जीवन के लिए बड़ा महत्वपूर्ण योगदान रहा है। प्रो. पाडिया ने संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा योग को अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के रूप मनाने के निर्णय का भी स्वागत किया और कहा कि इस दिवस पर आयोजित होने वाले योग कार्यक्रम से आमजन में योग के प्रति जागरूकता बढ़ी है जिससे आमजन स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हुआ है। प्रो. पाडिया ने समस्त प्रतिभागियों का आव्हान किया कि योग दिवस को मात्रा औपचारिकता में न लेकर वर्तमान भौतिक जीवन में इससे जीवन का हिस्सा बनाये जिससे योग के माध्यम से शरीर में होने वाले अनेक विकारों से मुक्ति पाई जा सकें।