बीकानेर। ब.ज.सि.रामपुरिया जैन विधि महाविद्यालयकी रासेयो दोनों इकाइयों द्वारा आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर के समापन समारोह की शुरूआत स्वयंसेवकों के द्वारा सरस्वती वन्दना से की गई। रासेयो विशेष शिविर के समापन समारोह में मुख्य अतिथि लालेश्वर महादेव मन्दिर के अधिष्ठाता स्वामी संवित् सोमगिरी जी महाराज थे। कार्यक्रम के विषिष्ट अतिथि महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव डॉ. बिठ्ठल बिस्सा तथा सहायक निदेशक क ॉलेज शिक्षा डॉ. दिग्विजय सिंह थे। समापन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए स्वामी संवित् सोमगिरी जी महाराज ने युवाओं को प्रोत्साहित किया तथा उन्हें ‘सेवाÓ शब्द को स्पष्ट किया। उन्होंने स्वयसंवकों को बताया कि सेवा का अर्थ है कत्र्तव्य बोध के साथ, निष्काम भाव से उस कार्य को करना है जिससे आपको आनन्द की अनुभूति होती है और आप अपने राष्ट्र समाज एवं परिवार जिनसे आपने बहुत कुछ पाया है उन्हें कुछ देने का भाव जागृत होता है। उन्होनें कहा युवा ही वह ताकत है जो किसी राष्ट्र के निर्माण में सहयोगी है। अत: युवाओं को अपनी ऊर्जा को पहचानकर उसका सदुपयोग सकारात्मक कार्यो के लिए करे। उन्होंने कहा कि जिस तरह स्वय ंसेवकों ने शिविर में कार्य किया है उसी तरह वह रासेयो को जीवन का एक अंग बनाकर निरन्तर कार्य करेंगे तो निश्चित रूप से जीवन में उन्हें सफलता मिलेगी।
स्वामी जी ने स्वयंसेवकों के उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कॉलेज शिक्षा निदेशालय के सहायक निदेशक डॉ. दिग्विजय सिंह ने स्वयंसेवकों को प्रेरित करते हुए कहा कि रासेयो एक ऐसा मंच है जिसके माध्यम से स्वयंसेवक अपने व्यक्तित्व का विकास कर सकता है। प्रत्येक स्वयंसेवक का यह दायित्व है कि वह शिविर के पश्चात भी समाज के प्रत्येक वंचित, शोषित वर्ग को आगे लाने का प्रयास करे। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डॉ. बिठ्ठल बिस्सा ने स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक स्वयंसेवक का यह कर्तव्य है कि वे समाज में फैली विभिन्न कुरीतियों को मिटाने हेतु तथा अपने सामाजिक सरोकारों को ध्यान मे रखते हुए निरन्तर प्रयास करें।
प्राचार्य डॉ. अनन्त जोशी ने समापन समारोह में पधारे सभी अतिथियों का स्वयंसेवकों का उत्साहवद्र्धन करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में सात दिवसीय विशेष षिविर में स्वयंसेवकों में से जयश्री कुण्डलिया, प्रेम विष्नोई, अल्ताफ रजा मेहर को सर्वश्रेष्ठ स्वयंसेवक के रूप में चयनित किया। शिविर में आयोजित की गई विभिन्न प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्क ृत किया गया। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों के द्वारा स्वयंसेवकों को सात दिवसीय विशेष शिविर में का प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। कार्यक्रम के प्रारम्भ में एनएसएस प्रभारी डॉ. रीतेश व्यास ने अतिथियों के समक्ष सात दिवसीय शिविर के दौरान की गई गतिविधियों का एक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।कार्यक्रम में कार्यक्रम अधिकारी डॉ. बालमुकुन्द व्यास महाविद्यालय के व्याख्याता सुरेश भाटीया, डॉ. शराफत अली, डॉ. राकेश धवन, प्रीतिकोचर,भरत जाजडा, श्यामनारायण रंगा, ईशान नारायण पुरोहित, मगन सौलंकी, एवं समस्त स्वयंसेवक उपस्थित थे। शिविर का समापन राष्ट्र गान से हुआ।(PB)