बीकानेर। प्रख्यात संगीतज्ञ श्री संगीत भारती के निदेशक डॉ.  मुरारी शर्मा जी का आज सुबह पी.बी.एम. अस्पताल में निधन हो गया। वे 74 वर्ष के थे । डॉ. शर्मा कुछ समय से अस्वस्थ थे । शर्मा अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए है ।
धोबी तलाई स्थित परदेसियों की बगीची में डॉ. शर्मा का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अंतिम यात्रा में पत्रकार मधु आचार्य आशावादी, साहित्यकार बुलाकी शर्मा, राजेन्द्र जोशी, हरीश बी. शर्मा, रमेश भोजक समीर, अशफ़ाक़ कादरी, इसरार हसन कादरी, नदीम अहमद नदीम, फारुख चौहान, तुलसीराम मोदी, संजय पुरोहित, फिल्मकार मंज़ूर अली चंदवानी, वरिष्ठ चित्रकार मुरली मनोहर के. माथुर, वरिष्ठ रंगकर्मी बी.एल. नवीन, सखा संगम के अध्यक्ष एन.डी. रंगा, चंद्र शेखर जोशी, ब्रिज गोपाल जोशी, नागेश्वर जोशी, संगीतज्ञ रफीक सागर, डॉ. अशोक शर्मा, उस्ताद गुलाम हुसैन,असित अमित गोस्वामी, पुखराज शर्मा, मोहनलाल मारू, गौरीशंकर सोनी, ज्ञानेश्वर सोनी, भैरवप्रसाद कथक, उद्योगपति हंसराज डागा,शक अभियोजन विभाग के सहायक निदेशक परमेश्वर बेरवाल, अभियोजन अधिकारी चतुर्भुज शर्मा सहित गणमान्य उपस्थित थे !

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राष्ट्रीय स्तर के संगीतज्ञ थे

राष्ट्रीय स्तर पर अपनी संगीत साधना एवं विद्वता से सम्मानित डॉ0 मुरारी शर्मा के देहावसान से संगीत जगत में शोक छा गया । 4 अप्रैल 1944 में चुरू में जन्मे डॉ. मुरारी शर्मा ने गत 60 वर्ष की संगीत साधना में संगीत गायन, वादन एवं कथक नृत्य में सेंकडो कलाकारों को तालीम प्रदान की । डॉ. शर्मा ने उस्ताद शमशुदीन खान से गायन, उस्ताद जुगल खान से तबला, तथा अपने पिता डॉ. जयचंद्र शर्मा से कथक की बारीकियां सीखी ।

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डॉ. शर्मा ने रूसी कलाकार रीना दयाल के साथ पंजाबी नृत्य नाटिका “लूणा” में कथक नृत्य से पूरे पंजाब में धूम मचाई थी ! भारत मे नृत्य नाटिकाओं के सृजन, मंचन, निर्देशन में उनकी अलग पहचान थी !
आपने संगीत क्षेत्र में देश मे संगीत सम्मेलनों, संगोष्ठियों, सेमिनारों में अपने शास्त्रीय गायन, पत्रवाचन, व्याख्यानों से बीकानेर का नाम रोशन किया ! आपने संगीत विषयक एक दर्जन से अधिक पुस्तकें लिखी । आप देश के प्रमुख संगीत विश्व विद्यालयों में परीक्षक के रूप में सेवाए अर्पित कर रहे थे । डॉ. मुरारी शर्मा राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर, कथक केंद्र जयपुर के सदस्य तथा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की संगीत पाठ्यक्रम समिति में सेवाए अर्पित कर चुके है ! डॉ0शर्मा कलानुसंधान, कला दर्शन, राजस्थान भारती पत्रिका के संपादक तथा शाकद्वीपीय ब्राह्मण बंधु पत्रिका के प्रबंध संपादक थे ! आप आकाशवाणी स्वर परीक्षण एवम सलाहकार समिति के सदस्य रहे !
डॉ. मुरारी शर्मा अपने पिता संगीत मनीषी डॉ. जयचंद्र शर्मा की स्मृति में प्रति वर्ष हंशा गेस्ट हाउस में अखिल भारतीय संगीतोत्सव का आयोजन कर नई संगीत प्रतिभाओ को आगे बढ़ाया ओर वरिष्ठ कलाकारों को सम्मानित कर गौरव बढ़ाया।

अनेक संस्थाओं ने शोक जताया

डॉ. मुरारी शर्मा के निधन पर अनेक संस्थाओं ने शोक जताया है ! अल्लाह जिलाई बाई मांड गायकी प्रशिक्षण संस्थान के प्रबंध निदेशक डॉ. अज़ीज़ अहमद सुलेमानी ने कहा कि डॉ. शर्मा बीकानेर मांड समारोह के आधार स्तंभ थे , उनके निधन से संगीत जगत को अपूरणीय क्षति हुई है । शब्दरंग के संयोजक अशफ़ाक़ कादरी ने कहा कि डॉ. शर्मा शास्त्रीय ओर लोक संगीत पुरुष थे जिनके निधन से संगीत के समर्पित स्वर खामोश हो गए । सचिव राजाराम स्वर्णकार, संरक्षक मुरली मनोहर के माथुर, वरिष्ठ रंगकर्मी बी. एल. नवीन, फिल्मकार मंज़ूर अली चंदवानी ने शोक व्यक्त किया है ।

राजस्थान श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष व नेशलिस्ट कोग्रेस पार्टी एनसीपी ओबीसी वर्ग राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष पत्रकार ओम दैया ने श्री शर्मा के देहांत पर सवेंदना प्रकट की है । बीकानेर ने एक ऐसा व्यक्त्वि खो दिया जिसने क्षेत्र की अनेक प्रतिभागियों उबार ने काम किया है। उनके शिष्य आज देश भर में बीकानेर का नाम रोशन कर रहे है।