जयपुर, 25 सितम्बर। परिवहन मंत्री श्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि निजी बसों के संचालन के लिए प्रदेश के पूर्व में डीनोटिफाई किए गए 476 राष्ट्रीयकृत राजमार्गों में 251 मार्गों को पुनः राष्ट्रीयकृत मार्गों के रूप में स्थापित कर दिया गया है। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम को मजबूत करने एवं ग्रामीण बस सेवा के रूप में प्रदेश की जनता को सस्ती सुलभ परिवहन सुविधा प्रदान करने के लिए उठाए गए इस कदम के साथ ही लोक परिवहन सेवा के लिए नए परमिट जारी करने पर पहले ही रोक लगाई जा चुकी है।
श्री खाचरियावास ने बताया कि इन राष्ट्रीयकृत राजमार्ग को अराष्ट्रीयकृत मार्गों के रूप में डिनोटिफाई करने के लिए इन पर पूर्व निर्धारित वाहनों एवं उनके फेरों की संख्या को शून्य कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पिछली सरकार के समय बजट 2014 की घोषणा के अनुसार 476 राष्ट्रीयकृत मार्गों पर रोडवेज के साथ ही निजी मंजिली बसों(स्टेट कैरिज) बसों के संचालन के लिए मॉडीफाइड अधिसूचना जारी की गई थी। इन 476 मार्गों पर निर्धारित स्कोप के रूप में अधिकतम निजी वाहनों एवं फेरों की संख्या भी तय की गई थी। इन मार्गों पर निजी संचालकों से आवेदन प्राप्त कर चरणबद्ध रूप से परमिट जारी किए गए थे।
परिवहन मंत्री ने बताया कि पिछली सरकार के समय प्रारम्भ हुई इस योजना को तीन साल पूरे हो चुके हैं लेकिन यात्री भार में कमी एवं निजी वाहन संचालकों की रूचि की कमी के कारण निर्धारित स्कोप के अनुसार इन मार्गाें पर अपेक्षित बस परिवहन कभी प्रारम्भ ही नहीं हो सका। इसी प्रकार जिन निजी संचालकों ने परमिट लिए थे, उनमें से भी कई ने बसों का संचालन अनार्थिक होने के आधार पर परमिट सरेण्डर कर दिए। श्री खाचरियावास ने बताया कि 476 राष्ट्रीयकृत मार्गों में से केवल 225 मार्गों पर ही निजी संचालकों द्वारा अधिकतम स्कोप की संख्या के बराबर या उससे कम संख्या में परमिट प्राप्त किए गए। शेष 251 मार्गों को अनावश्यक रूप से अराष्ट्रीयकृत श्रेणी में रखे जाने का कोई औचित्य नहीं है।
श्री खाचरियावास ने बताया कि जो 225 मार्ग अराष्ट्रीयकृत श्रेणी में शेष रह गए हैं, उनको भी जारी किए गए परमिटों एवं एकल सेवाओं की अवधि तक ही इस श्रेणी में रखा जाएगा अर्थात परिमिट समाप्ति होने पर पुनः राष्ट्रीयकृत श्रेणी में अधिसूचित किया जा सकेगा।