बीकानेर /नोखा जसरासर थाना क्षेत्र में कुछ समय पहले भंवरलाल / कानाराम जाट ने अपने पुत्र श्यामसुन्दर को आत्महत्या करने के लिए प्रेरित करने के लिए मुल्जिमान जसरासर सरपंच प्रतिनिधि रामनिवास तर्ड व अन्य मुल्जिमान के खिलाफ 306 आईपीसी में 84/19 पुलिस थाना जसरासर में ही मुकदमा दर्ज करवाया ।
इसके बाद जांच अधिकारी ने नोखा के एक राजनेता रामेश्वर डूडी ( रामनिवास तर्ड सरपंच प्रतिनिधि जो रामेश्वर डूडी के निजी रिस्तेदार व सबसे विस्वास पात्र)के दबाव में आकर एक पक्षीय कार्यवाही व बिना निष्पक्ष अनुसंधान के कार्यवाही करके उपरोक्त प्रकरण को एफआर लगाकर नोखा एसीजीएम कोर्ट में पेश कर दिया गया और मुल्जिमों ने पीडित परिवार से धमकी देते हुए कहा कि पैसा व पावर हमारे पास है आप हमारा कुछ नही बिगाड़ सकते
अपने पुत्र को खो चुके पिता ने मुल्जिमों को सलाखों मे डालने के लिये राजस्थान डीजी से मिलकर पूरी घटना के बारे मे बातचीत की व मुल्जिमों व दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग की।तब पुलिस के उच्च अधिकारियों ने sho जसरासर को न्यायालय से पत्रावली वापस लेने के आदेश दिऐ।
इसी प्रकरण के संबंध में दिनांक 10.10.19 को न्यायालय एसीजीएम नोखा में पत्रावली पुनः अनुसंधान में भेजने बाबत एक प्रार्थना पत्र पुलिस थानाधिकारी जसरासर ने अपने उच्चाधिकारियों के आदेषानुसार एक प्रार्थना पत्र पेश किया । मृतक के पिता ने राजस्थान पुलिस महानिदेषक से निष्पक्ष अनुसंधान की बात की तो पुलिस उच्चाधिकारियों ने चुरू एडीषनल एसपी को जांच के आदेष दिये । कल दिनांक 17.10.2019 को बीकानेर के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री गणेष चैधरी ने एसीजीएम नोखा में पुलिस द्वारा की गई लीपापोती जल्दबाजी में एफआर कोर्ट में पेष करने का आरोप लगाया तो एसीजेएम कोर्ट नोखा ने उक्त पत्रावली में पुनः अनुसंधान के निर्देष दिये ।
उक्त प्रकरण में अब पुलिस निष्पक्ष अनुसंधान करके मुल्जिमानों पर कार्यवाही करने की अपेक्षा है ।