

मंगलवार को रांगड़ी चैक के सुगनजी महाराज के उपासरे में सुबह छह बजे कार्तिक पूर्णिमा पर अनुष्ठान व सुबह साढ़े सात बजे ढढ्ढा चैक में अशोक पारख निवास पर भक्तामर पाठ का आयोजन होगा। अनेक श्रावक-श्राविकाएं उपवास रखेंगी तथा 15 साल तक कार्तिक पूर्णिमा पर उपवास, चैत्य वंदन आदि के नियम लेंगी। कार्तिक पूर्णिमा पर नियम रखने वाले श्रावक-श्राविकाएं मंदिरों मंें दर्शन, पूजा व परिक्रमा करेंगे।


साध्वीजी ने कहा कि पांचों इंद्रियों जिव्हा को ही कठोर दांतों के बीच कैद रखा गया है। इसका कारण है कि इसके कारण अनेक तरह के झगड़े व अशांति होती है । कर्म बंधन से बचने के लिए रसेन्द्री पर नियंत्रण रखे। प्रतिकूलता व मन की अशांति के समय निगोद को याद रखें तथा अस्पताल में ईलाज करवा रहे, वेदना से तड़फ रहे लोगों को देखे, उनके कष्ट को याद करें तथा पाप कर्मों, कर्मबंधन से बचने का प्रयास करें।
उन्होंने कहा कि क्रोध से आत्मगुण क्षय होते है। बाह््य व आंतरिक नुकसान होता है, क्रोध आने पर कम से कम एक घंटा मौन रहे। क्रोध के कारण हिंसा, विघटन व विद्रोह होते है तथा सुखी परिवार भी नर्क के गर्त में चले जाते है। जब भी बोले मधुरता, विवेक व विनय से बोले। क्रोध व जोश में अपने होश नहीं खोए। जितना जरूरी है उतना ही बोले अधिक नहीं बोले। शब्दों को तोल कर कम, मीठा व धीरे बोले। साध्वीश्री शशि प्रभा व सौम्यगुणा और साध्वीवृृंद ने चातुर्मास के दौरान मन, वचन व काया से अन्जाने में हुई गलती पर ावक-श्राविकाओं से क्षमायाचना की ।


समारोह में श्री खरतरगच्छ युवा परिषद के अध्यक्ष राजीव खजांची, संगठन की राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रेणु खजांची, सचिव मनीष नाहटा ने चातुर्मास के दौरान तेले (तीन दिन उपवास) रखने वाले व आयम्बिल (बिना नमक के सादा एक वक्त भोजन) की तपस्या करने वाले श्रावक-श्राविकाओं को और खरतरगच्छ महिला परिषद, बाड़मेर की अध्यक्ष मंजू बोथरा, गुढमलानी आदि स्थानों से आए श्रावकों का सम्मान किया।
भगवान महावीर की सवारी आज
बीकानेर 11 नवम्बर । श्वेताम्बर जैन खरतरगच्छाधिपति आचार्यश्री जिन मणि प्रभ सूरिश्वरजी म.सा. की आज्ञानुवर्ती साध्वीश्री शशि प्रभाश्रीजी.म.सा. उनकी सहवृृति साध्वीवृृंद के सान्निध्य में चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास की ओर से श्री सकल श्रीसंघ के सहयोग से मंगलवार को नौ बजे भुजिया बाजार के चिंतामणि जैन मंदिर से भगवान महावीर की सवारी निकलेगी।


