जम्मू। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने राज्य विधानसभा चुनाव की सफलता का श्रेय पाकिस्तान और हुर्रियत को देने सम्बन्धी अपने बयान पर कायम रहते हुए आज कहा कि मीडिया इसे लेकर तिल का ताड़ बना रहा है। सईद ने यहां विधानसभा सचिवालय में विधान परिषद के चुनाव में वोट डालने के बाद संवाददाताओं से कहा कि मीडिया उनके बयान को लेकर तिल का ताड़ बना रहा है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के संरक्षक ने अपने बयान पर कायम रहते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर की जनता ने संविधान प्रदत्त वोट के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया तो पाकिस्तान और हुर्रियत ने उसमें हस्तक्षेप नहीं किया है। अलबत्ता उन्होंने इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया को समझा है। पिता का बयान जायज: महबूबा उधर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने पिता के बयान को जायज ठहराते हुए कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा। मुफ्ती ने सिर्फ इतना कहा कि यदि जम्मू- कश्मीर विधानसभा में रिकार्ड मतदान हुआ तो उसमें पाकिस्तान और हुर्रियत की भूमिका को खारिज नहीं किया जा सकता, क्योंकि दोनों की ओर से चुनाव के विरोध में कमी आई। तभी रिकार्ड मतदान हो सका। मुफ्ती ने कहा कि लोकसभा चुनाव के मुकाबले विधानसभा चुनाव में हिंसा और बहिष्कार कम था। लोकसभा चुनाव में हुर्रियत ने घर-घर जाकर बहिष्कार की अपील की थी और पथराव की घटनाएं बढ़ी थीं, इसलिए लोकसभा चुनाव में मतदान काफी कम हुआ था। इस बार पाकिस्तान और हुर्रियत दोनों ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास व्यक्त किया है। यह पूछे जाने पर कि हुर्रियत का भारतीय संविधान में विश्वास नहीं है, मुफ्ती ने कहा कि यह सवाल आप हुर्रियत से पूछिए। कांग्रेस अब अप्रांसगिक सईद के बयान का विरोध कर रहे कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता की राजनीति करने वाली कांग्रेस अब अप्रासंगिक हो गई है। ट्वीट के जरिए सईद के बयान पर भारतीय जनता पार्टी से सफाई मांगने वाले पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर व्यंग्य कसते हुए पीडीपी प्रमुख ने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे, तब भी ट्वीट में व्यस्त रहते थे और अब तो उनके पास पर्याप्त समय है। पीडीपी विधायकों ने मांगे अफजल गुरु के अवशेष जम्मू। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद के चुनाव को लेकर दिए गए बयान पर विवाद अभी थमा भी नहीं था कि पार्टी के कुछ विधायकों ने सोमवार को संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी पर लटकाए जाने को न्याय के विरूद्ध बताते हुए उसके अवशेष सौंपे जाने की मांग कर भाजपा के लिए मुश्किलें बढ़ा दी। पीडीपी की ओर से यहां जारी विज्ञप्ति में आठ विधायकों के हवाले से कहा गया कि पार्टी का हमेशा से यह मानना रहा है कि अफजल गुरु को फांसी पर लटकाया जाना न्याय के विरूद्ध था। उसके मामले में संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया था। अफजल गुरू को जिस तरह से उसका नम्बर आने से पहले ही फांसी पर चढाया गया था पीडीपी उसकी निन्दा करती है। मुफ्ती के बयान पर घिरी केन्द्र सरकार नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में भाजपा-पीडीपी की संयुक्त सरकार के मुखिया मुफ्ती मोहम्मद सईद के कथित बयान ने विपक्ष को केन्द्र सरकार के खिलाफ मुद्दा थमा दिया है। मुफ्ती के बयान पर लोकसभा में दिए गए गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बयान के बाद भी विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान की मांग की। प्रधानमंत्री के बयान की मांग करते हुए कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामपंथी दलों, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, जनता दल यूनाइटेड तथा राष्ट्रीय जनता दल के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए। उल्लेखनीय है कि रविवार को जम्मू-कश्मीर पद की शपथ लेने के बाद मुफ्ती मोहम्मद सईद ने बयान दिया कि राज्य में चुनावों के लिए बेहतर माहौल बनाने में पाकिस्तान और हुर्रियत नेताओं का हाथ रहा है। प्रदेश में पाकिस्तान, आतंककारियों और हुर्रियत के सहयोग के बिना विधानसभा चुनाव सफलता पूर्वक संपन्न कराना संभव नहीं था। मुफ्ती ने दावा किया कि उन्होंने यह बात प्रधानमंत्री को भी बताई है। कथित बयान पर पीएम की सफाई मांगते हुए विपक्षी दलों ने आज लोकसभा में जमकर हंगामा किया। लोकसभा में कांग्रेस के सांसद केसी वेणुगोपाल ने शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि जिस संवाददाता सम्मेलन में सईद ने यह बात कही उसमें उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह भी मौजूद थे, जो भाजपा कोटे से उपमुख्यमंत्री हैं और उनने इसका कोई खंडन नहीं किया। विपक्ष द्वारा हंगामा किए जाने पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार और भाजपा सईद के इस बयान से इत्तेफाक नहीं रखती है। उन्होंने कहा कि उनकी इस संबध में प्रधानमंत्री से बात हुई थी और वह उनकी सहमति के आधार पर ही बयान दे रहे हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के लिए बेहतर माहौल बनाने के पीछे चुनाव आयोग, राज्य की जनता और सेना का महत्वपूर्ण योगदान रहा। जम्मू-कश्मीर में हुए शांतिपूर्ण विधानसभा चुनावों का श्रेय वहां की जनता, चुनाव आयोग और सुरक्षा बलों के जवानों को जाता है। राजनाथ ने सदन को बताया कि नरेन्द्र मोदी और सईद के बीच इस मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं हुई। राजनाथ सिंह के बयान ने असंतुष्ट कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री देश में ही हैं और उन्हें सदन में आकर इस बारे में बयान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी की सईद से क्या बातचीत हुई इस बारे में प्रधानमंत्री ही बेहतर बता सकते हैं। सदन को एक निंदा प्रस्ताव पारित करके सईद को यह संदेश देना चाहिए कि सारा देश उनके बयान के खिलाफ है। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने भी प्रधानमंत्री के बयान की मांग की। उन्होंने कहा कि यह गंभीर मुद्दा है और इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। जिस पर राजनाथ सिंह ने कहा कि राजग सरकार और भाजपा जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के उस बयान से बिल्कुल भी सहमत नहीं है, जिसमें उन्होंने चुनाव का श्रेय पाकिस्तान और हुर्रियत नेताओं को दिया है।