-मुकेश पूनिया-
बीकानेर। जिले में लगातार हो रही फायरिंग की वारदातों में इस्तेमाल हो रहे तस्करी के हथियारों को लेकर आंशका जताई जा रही है कि हथियार तस्करों ने बीकानेर को अपना ठिकाना बना लिया है। इधर पुलिस अवैध हथियारों के साथ अपराधियों की धरपकड़ तो कर रही है,लेकिन हथियार सप्लाई के सरगनाओं तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच पाये है। जानकारी में रहे कि अभी हाल की रामपुरा बाईपास पर एक मोटर गैराज में हुई वारदात के दौरान दोनों गुटों के लोगों ने अंधाधून फायरिंग की,इस वारदात में अपराधियों ने अवैध पिस्तोलों और कारतूसों का इस्तेमाल किया। इससे पहले भी मोहल्ला चूनगरान में हुई फायरिंग की वारदात में भी अपराधियों ने अवैध पिस्तोलों और देशी कट्टों से अंधाधून गोलिया चलाई।इसी तरह भुट्टों के बास इलाके में हुई हमलेबाजी की वारदातों में दो-तीन बार फायरिंग हो चुकी है। सरेआम फायरिंग की इन वारदातों से साफ तौर पर जाहिर है कि बीकानेर के अपराधी हथियारों से लैस है। इन अपराधियों को पिस्तोले,देशी कट्टे और माऊजर और कारतूस भी मुहैया हो रहे है।

सवाल यह उठ रहा है कि बीकानेर के अपराधियों को बड़ी तादाद में अवैध हथियार कहां से मुहैया हो रहे है। फायरिंग की इन संगीन वारदातों के बाद अपराधियों से हथियार बरामदगी के बाद पुलिस यह पता नहीं लगा पायी है कि इनके पास घातक हथियार कहां से आये। इस बीच अपराध जगत से जुड़े सूत्रों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि बीकानेर शहर में अभी भी ऐसे दर्जनों अपराधी है जिनके पास घातक हथियार है,जो फिलहाल नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर भड़के हुए माहौल में खतरनाक साबित हो सकते है।

हवा हो गई पुलिस की कार्ययोजना
जानकारी के अनुसार अपराधिक वारदातों में बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध हथियारों को गंभीरता से लेते हुए पुलिस मुख्यालय ने अवैध हथियारों की धरपकड़ के लिए पिछले माह विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिये, इसके लिए सीआइडी (सीबी) अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस भगवानलाल सोनी ने विस्तृत कार्ययोजना जारी की,लेकिन कार्यवाही के नाम पर कुछ नहीं हुआ। कार्य योजना के तहत एडीजपी ने आदेश दिये थे कि अवैध हथियारों का निर्माण करने वाली पुरानी गैंग और अवैध हथियारों की तस्करी में पकड़े गए बदमाशों की निशादेही पर दबिश की कार्रवाई की जाए। पहले जिन ठिकानों पर हथियार बनाने या रखने के मामले सामने आए वहां संबंधित थानाधिकारी एवं वृत्ताधिकारी स्वयं जाकर जांच करें। इस कारोबार से जुड़े रहे पुराने अपराधियों की वर्तमान गतिविधियों की निगरानी रखी जाए। मगर बीकानेर में लगातार हुई फायरिंग की वारदातों के बाद पकड़े गये अपराधियों से पुलिस यह भी पता नहीं लगा पाई कि वे हथियार लाये कहां से थे।