सरकार गांव व निगम क्षेत्र में कर रही है भेदभाव
शराब का ठेका न खोलने को लेकर 1680 व्यक्तियों ने किए हस्ताक्षर
हर्षित सैनी
रोहतक, 26 फरवरी। आर्य समाज बोहर व लोकहित संस्था द्वारा आज स्थानीय मैना पर्यटक केंद्र में एक संयुक्त पत्रकार वार्ता आयोजित कर हरियाणा सरकार की नई आबकारी नीति पर तीखे सवाल खड़े किए।
इस अवसर पर लोकहित संस्था के अध्यक्ष एडवोकेट चंचल नांदल व आर्य समाज बोहर के प्रवक्ता कृष्ण देव शास्त्री ने कहा कि आर्य समाज बोहर एवं ग्रामीणों ने मिलकर गांव बोहर के 1680 गणमान्य व्यक्ति के हस्ताक्षर करवाकर गांव में शराब का ठेके न खोले जाने का ज्ञापन हरियाणा सरकार को भेजा था लेकिन अभी तक इस सन्दर्भ में सरकार द्वारा कोई कार्यवाही न किए जाने से रोष की स्थिति बनी हुई है।
लोकहित संस्था के अध्यक्ष ने बताया कि उस ज्ञापन की प्रतिक्रिया स्वरूप 25 फरवरी को हमें अब आबकारी एवं कराधान कमीशनर रोहतक की ओर से 27 फरवरी को वाणिज्य भवन पंचकूला बुलाया गया है। इस पत्र में गांव के सरपंच को पंचायत का प्रस्ताव रजिस्टर लेकर पहुंचने को कहा गया है।
यह सर्वविदित है कि गांव बोहर एवं गढ़ी बोहर नगर निगम क्षेत्र में पड़ता है तथा यहां कोई पंचायत नहीं है। नगर निगम में शामिल होने से ग्रामीणों का स्वास्थ्य जीवन का अधिकार नहीं छीना जा सकता। हमने दिन-रात परिश्रम करके 1680 व्यक्तियों के हस्ताक्षर करवाए थे। ग्रामीणों के स्वास्थ्य की रक्षा लिए व गांव की महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए हमने यह अभियान अपने हाथों में लिया है।
उन्होंने कहा कि सरकार की इस नीति से नगर निगम क्षेत्र को बाहर रखना हमारे एवं समस्त गांव वासियों के साथ अन्याय है। फिर भी आज आठगामा बोहर के प्रधान बलराज सिंह नांदल को लेकर स्थानीय पार्षद जय भगवान ठेकेदार से भी इस संबंध में प्रस्ताव पास करवाया है। कल आर्य समाज बोहर के सदस्य अन्य ग्रामीणों के साथ इस प्रस्ताव को साथ लेकर पंचकूला जाएंगे और कमिश्नर से मिलकर आगामी वित्त वर्ष में गांव बोहर एवं गढ़ी बोहर में शराब के ठेके ना खुलवाने खुलवाने की मांग करेंगे।
एडवोकेट चंचल नांदल ने कहा कि यदि हमारी यह मांग स्वीकार नहीं हुई तो आर्य समाज बोहर, लोकहित संस्था एवं समस्त ग्रामीण आंदोलन करने को बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो वे बड़ा आंदोलन चलाने पर मजबूर होंगे।