नई दिल्ली/कोर्ट ने पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत सातों दोषियों को गैरइरादतन हत्या और आपराधिक साजिश रचने के मामले में 10 साल की सजा सुनाई है। सभी दोषियों पर कोर्ट ने 10-10 लाख का जुर्माना भी लगाया है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले में दोषियों को अधिकतम सजा देने की मांग की थी। इससे पहले उन्नाव रेप केस में सीबीआई की विशेष अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से निष्कासित पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। ये दूसरी एफआईआर थी, जिसमें कोर्ट ने आज सजा सुनाई है।

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किसको मिली सजा।
इस मामले में तीस हजारी कोर्ट ने 11 आरोपियों में से 4 को बरी कर दिया था, जबकि 7 लोग दोषी करार दिए गए थे। कुलदीप सिंह सेंगर, सब इंस्पेक्टर कामता प्रसाद, एसएचओ अशोक सिंह भदौरिया, विनीत मिश्रा उर्फ विनय मिश्रा, बीरेंद्र सिंह उर्फ बउवा सिंह, शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह, जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह को दोषी करार दिया गया था। सातों दोषियों को 10 साल की सजा सुनाई गई है।

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पीड़िता के पिता अपने एक साथी के साथ गांव लौट रहे थे, और उसी दौरान शशि प्रताप सिंह नामक एक व्यक्ति ने उनसे लिफ्ट मांगा, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया, जिसके बाद दोनों पक्षों में विवाद हो गया। इसके बाद सिंह ने अपने साथियों को बुलाया, जिनमें सेंगर का भाई अतुल भी था। इन लोगों ने पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटा। इसके बाद गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद उन्हें अस्पताल ले जाने के बजाय पुलिस स्टेशन ले जाया गया और दो दिन बाद पुलिस हिरासत में उनकी मौत हो गई। पिता की मौत 9 अप्रैल, 2018 को पुलिस हिरासत में हो गई थी।

अभी दो मामलों पर फैसला आना बाकी।
अभी कार एक्सीडेंट में पीड़िता के परिवार के लोगों की मौत से जुड़ी दो एफआईआर पर कोर्ट का फैसला आना बाकी है। इससे पहले रेप के आरोप में तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को दोषी माना था और 20 दिसंबर 2019 सजा का ऐलान करते हुए सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही सेंगर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था।