बीकानेर दाल मिल्स एसोसिएशन के सचिव राजकुमार पचीसिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर राज्य सरकार द्वारा कृषि उपज पर मंडी शुल्क के अलावा कृषक कल्याण शुल्क 2 प्रतिशत लागू किया है का विरोध जताया और बताया कि राज्य के कृषि आधारित उद्योग पहले से ही अति रुग्ण अवस्था में है हम पूर्व में भी लगातार कई बार यह निवेदन कर चुके हैं कि पडोसी राज्यों में मंडी शुल्क कम है तथा दिल्ली में मंडी शुल्क नहीं होने से राज्य की कृषि उपज यथा मोठ, मूंग, चना आदि अधिकाँश दिल्ली व अन्य राज्यों में जाकर तैयार माल (प्रोसेसिंग की गई दालें) वापस राज्य में आकर बिक्री होती है |

राजस्थान में मंडी शुल्क की दर अधिक होने से यहाँ की इकाइयां पडोसी राज्यों से प्रतिस्पर्द्धा में पिछड़ रही है । वर्तमान में कृषक कल्याण शुल्क का अतिरिक्त भार लगाने से यहाँ की इकाइयों को उत्पादन कर विक्रय कर पाना संभव नहीं होगा | कुछ कृषि उपज राजस्थान में पैदा नहीं होती अथवा कम होती है उनकी पूर्ति भी यहाँ की इकाइयां अन्य राज्यों से कच्चा माल मंगाकर उत्पादन कार्य करती है उस पर भी हम विगत कई वर्षों से कृषि मंडी शुल्क हटाने का निवेदन समय समय पर करते आये हैं | पुन: राज्य से बाहर से बाहर से आयातित जींस पर कृषि कल्याण शुल्क 2 प्रतिशत लगाना अव्यावहारिक है | कोविड-19 के कारण राज्य का औद्योगिक उत्पादन चक्र वैसे ही टूटा हुआ है और उसके साथ सरकार द्वारा इस तरह का निर्णय राज्य में औद्योगिक उत्पादन ठप होने के साथ बेरोजगारी को बढावा देने वाला होगा |