G7 Countries

OmExpress News / New Delhi / लद्दाख सीमा पर चले सैन्‍य तनाव के बीच अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के भारत को जी 7 में शामिल करने की योजना से चीन आगबबूला हो गया है। चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्‍लोबल टाइम्‍स ने एक चीनी विशेषज्ञ के हवाले से कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप के जी 7 का विस्‍तार करके जी 11 या जी 12 किए जाने पर सकारात्‍मक जवाब दिया है। चीनी समाचार पत्र ने धमकाने के अंदाज में कहा कि जी 7 के विस्तार में शामिल होने की कोशिश कर भारत आग से खेल रहा है। (China Threatens India)

ग्‍लोबल टाइम्‍स ने कहा कि जी 7 के विस्‍तार का विचार भूराजनीतिक गण‍ित पर आधारित है और इसका मकसद चीन की घेरेबंदी करना है। अमेरिका भारत को इसमें इसलिए शामिल कराना चाहता है क्‍योंकि नई दिल्‍ली न केवल दुनिया की पाचवीं बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बन गया है, बल्कि भारत अमेरिका की इंडो-पैसफिक रणनीति का एक अहम पिलर बन गया है। चीन को इंडो-पैसफिक इलाके में संतुलित करने के लिए अमेरिका लंबे समय से भारत की भूमिका बढ़ाने के प्रयास कर रहा है।

दूसरे कार्यकाल में मोदी का चीन के प्रति रवैया बदला

चीनी अखबार ने कहा कि भारत का ट्रंप की योजना पर सकारात्‍मक जवाब आश्‍चर्यचकित करने वाला नहीं है। बड़ी शक्ति बनने की महत्‍वाकांक्षा रखने वाले भारत की लंबे समय से बड़े अंतरराष्‍ट्रीय मंचों पर भागीदारी की इच्‍छा रही है। सीमा पर भारत और चीन के बीच जारी ताजा तनाव को देखते भारत अमेरिका के जी7 विस्‍तार के विचार का समर्थन देकर चीन को संदेश भेजना चाहता है।

ग्‍लोबल टाइम्‍स ने कहा कि जब से मोदी अपने दूसरे कार्यकाल में वापस आए हैं, उनका चीन के प्रति रवैया बदल गया है। भारत ने ऑस्‍ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के साथ Quadrilateral Strategic Dialogue में अपनी भागीदारी बढ़ा दी है। डोनाल्‍ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान भारत ने ऐलान किया था कि वे अपने संबंधों को ‘व्‍यापक वैश्विक रणनीतिक भागीदारी के स्‍तर’ तक ले जाएंगे।

‘भारत और चीन के बीच संबंध खराब होंगे’

अखबार ने कहा कि इसका मतलब यह है कि भारत अमेरिका के इंडो पैसफिक रणनीति को लागू करने के लिए तैयार है। बदले में भारत अमेरिका से बड़ी शक्ति का दर्जा हासिल करने और अन्‍य योजनाओं को पूरा करने में मदद चाहता है। यह कहना सही होगा कि भारत चीन को निशाना बनाने के लिए अमेरिका की कई योजनाओं में सक्रिय है। कोरोना के बाद अगर चीन आगे बढ़ता है और अमेरिका नीचे आता है तो चीन को घेरने के लिए भारत के अमेरिका का साथ देने की पूरी संभावना है।

ग्‍लोबल टाइम्‍स ने कहा कि अगर भारत हड़बड़ी में चीन को दुश्‍मन मानने वाले जी7 जैसे छोटे से ग्रुप में शामिल होता है तो इससे भारत और चीन के बीच संबंध खराब होंगे। यह भारत के हित में नहीं है। वर्तमान समय में भारत-चीन के बीच द्विपक्षीय संबंध पहले ही खराब दौर से गुजर रहे हैं। चीन और भारत के बीच संबंध इस स्‍तर तक खराब हो चुके हैं कि केवल शीर्ष स्‍तर के नेता ही आगे की प्र‍गति का रास्‍ता तय कर सकते हैं।

Syhthesis North India

नाराज चीन ने कहा था, ‘नहीं चलेगी गुटबंदी’

ट्रंप के भारत और तीन अन्य देशों को G-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करने से चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने पिछले द‍िनों चीन का रुख साफ किया था। झाओ ने कहा, ‘चीन का मानना है कि सभी अंतरराष्ट्रीय संगठनों और सम्मेलनों को विभिन्न देशों के बीच आपसी विश्वास बढ़ाने वाला होना चाहिए, जिससे बहुपक्षीयता कायम रह सके और विश्व शांति और विकास को बढ़ावा मिल सके।’

उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि यह दुनिया भर के देशों की भारी बहुमत की भूमिका है। उन्होंने कहा कि चीन के खिलाफ कोई भी गुटबंदी का प्रयास विफल होगा। ट्रंप द्वारा भारत और तीन अन्य देशों को आमंत्रित किए जाने से चीन में बेचैनी की भावना है।