बीकानेर।लॉकडाउन का पांचवां चरण चल रहा है। कोरोना ताबड़तोड़ है। बीकानेर के ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना रिपोर्ट होने लगा है। शहर में जिस तरह से कोरोना के पॉजीटिव केस मिल रहे हैं, उनकी ट्रेवल हिस्ट्री नहीं मिलने के कारण आशंकाओं की सारी सुई पीबीएम अस्पताल की ओर है। नोखा दैया से मिली महिला से लेकर मौहल्ला व्यापारियान में मिली पॉजीटिव की ट्रेवल-हिस्ट्री सिवाय पीबीएम अस्पताल में आने और इलाज लेकर जाने के अलावा कुछ भी नहीं है। जामा मस्जिद क्षेत्र की महिला शाम को रिपोर्ट हुई और रात को मृत्यु हो गई है। बीकानेर में कोरोना से अब तक छह मौत हुई हैं, इनमें से पांच महिलाएं हैं। हालांकि पांचों महिलाओं के कुछ और भी बीमारियां थीं, लेकिन मृत्यु का कारण कोरोना ही बना।
भले ही बीकानेर में अपेक्षाकृत दूसरे शहरों के कोरोना का संक्रमण कम है, लेकिन चैन का पता नहीं लगने की वजह से यहां की स्थिति चिंताजनक कही जा सकती है। दिल्ली में भी ऐसे ही हालात है और वहां भी स्थितियां बेकाबू हो रही है। दिल्ली में तो करीब पचास फीसदी मामलों में यह पता नहीं चल रहा है कि कोरोना हुआ कैसे? ऐसे में अगर पीबीएम से भी कोरोना का संक्रमण फैलने की बात सामने आती है तो प्रशासन को चाहिए कि इस दिशा में गंभीरता बरते।
बहरहाल, शहर गंभीर नहीं है। सारी एडवायजरी एक तरफ है और मनमर्जी शुरू हो चुकी है। कोरोना के इन हालात के बीच में राज्यसभा चुनाव ने सरकार को भी बिजी कर दिया है, फिलहाल सरकार के लिए भी कोरोना दोयम हो चुका है। इस बीच स्थानीय सरकार यानी नगर निगम में जूतम-पैजार जारी है। महापौर सुशीलाकंवर राजपुरोहित के पति विक्रमसिंह निशाने पर हैं। आयुक्त और महापौर के बीच चल रही लड़ाई में आयुक्त की तरफ से कमान संभाले निगम के कर्मचारी हैं तो मेयर की ओर से विक्रमसिंह लड़ रहे हैं। मामला पुलिस तक पहुंच गया है। शहर के प्रथम नागरिक की इस स्थिति के लिए किसी न किसी को तो जिम्मेदारी लेनी ही पड़ेगी। नगर निगम में बंटवारे और आपाधापी के आरोप लग रहे हैं, उनके चलते ये दिन ही देखने पड़ेंगे।
भाजपा जहां अपनी महापौर के साथ खड़ी नजर नहीं आ रही है तो दूसरी ओर भाजपा संगठन में भी महापौर यानी सुशीलाकंवर के ससुर गुमानसिंह राजपुरोहित द्वारा सुझाये गये नाम गायब मिले हैं। केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और भाजपा के पूर्व शहर अध्यक्ष सत्यप्रकाश आचार्य ने मिल-बैठकर कार्यकारिणी बनाई लगती है। शहर अध्यक्ष अखिलेश प्रतापसिंह जरूर अपने मित्र अनिल शुक्ला और संकट के साथी भानू व्यास को कार्यकारिणी में लेने में कामयाब हुए हैं। अर्जुन मेघवाल के लिए यह जरूरी भी है कि जिस तरह से बीकानेर का माहौल है, वे संगठन पर पकड़ बनाए रखें। वसुंधराराजे का दखल बीकानेर में बढ़ता ही जा रहा है। देवीसिंह भाटी-मेघवाल के चिर-शत्रु बने हुए ही हैं। महावीर रांका ने भी एक समानांतर भाजपा खड़ी कर दी है, जो प्रकारांतर से देवीसिंह भाटी को अर्पित है। ऐसी स्थिति में संगठन पर पकड़ रखने के लिए अर्जुनराम मेघवाल को प्रयास करने होंगे। मेघवाल वर्चुअल रैली के माध्यम से लगातार अपने लोगों से जुडऩे के प्रयास में हैं। भाजपा का ऑनलाइन जुड़ाव जारी है, लेकिन कांग्रेस एक दिन के लिए स्पीकअप इंडिया करके तान कर सो चुकी है। बीकानेर में डॉ. बीडी कल्ला के रौब के चलते शहर कांग्रेस संगठन ढीला पड़ा हुआ है। टीम-कल्ला ने राजीव यूथ क्लब और बीकानेर फाउंडेशन के माध्यम से समाज सेवा की है।
महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय का 17वां वार्षिक समारोह का ऑनलाइन उत्सव खटाई में पड़ गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने गलती यह कर दी कि मुख्यमंत्री के आभामंडल में कुलाधिपति को बिसरा बैठे। राजभवन तक सूचना पहुंची तो फिर कार्यक्रम रद्द होना ही था। अब भवन के लोकार्पण के नये शिलालेख बनेंगे। लॉकडाउन के दौरान परीक्षाएं करवाने के लिए संभावनाएं तलाश रहा विश्वविद्यालय प्रशासन इस घटना के बाद बैक-फुट पर है।
रियासत कालीन बीकानेर राजघराने के उत्तराधिकारी नरेंद्रसिंह की पत्नी पदमाकुमारी का निधन हो गया। विधायक सिद्धिकुमारी ने अपनी बहिन महिमाकुमारी के साथ मां को मुखाग्नि देकर यह संदेश दिया कि वे परंपरागत तरीकों में विश्वास करती हैं। बता दें कि 2003 में नरेंद्रसिंह की मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारी को लेकर एक बहस छिड़ी थी और रिश्ते में उनके भतीजे रविराजसिंह का राज्याभिषेक पंचमंदिर के महामंडलेश्वर विशोकानंदजी की उपस्थिति में किया गया था, लेकिन बात आई-गई हो गई। रविराजसिंह अमरसिंह के पौत्र हैं, जिन्होंने अपने हिस्से में आई सारी जायदाद दान कर दी थी। अमरसिंह सामान्य जीवनशैली के लिए विख्यात रहे। रविराजसिंह उन दिनों बैंकिंग सेक्टर से जुड़े थे। यह साफ हो गया है कि बीकानेर राजपरिवार सिर्फ परंपरा निभाने के लिए कुछ भी नहीं करने वाला है। वैसे भी अंदर काफी विवाद है, एक नया बखेड़ा मोल लेना भी क्यों।
मानसून की दस्तक होने वाली है, लेकिन गर्मी अभी जारी है। आंधी के साथ कभी-कभी बारिश हो जाती है, लेकिन उमस ने बेहाल कर रखा है। इस बीच अपराध का ग्राफ भी बढ़ता जा रहा है। लूनकरणसर में नाबालिग ने मां-बेटे को लहूलुहान कर दिया। कतरियासर में पिता की हत्या पुत्र ने कर दी। भीनासर की गोचर में आत्मदाह की घटना हुई। अधेड़ का अधजला शव मिला तो पीडब्ल्यूडी ऑफिस में एक कार्मिक ने आत्महत्या कर ली। सुनारों की गुवाड़ में लूट की वारदात हुई है। राजगढ़ थानाधिकारी विष्णुदत्त बिश्नोई का प्रकरण भी मुड़कर बीकानेर आ गया है। गुत्थी उलझती जा रही है। तबादलों के दौर जारी है। पहले पुलिस अधिकारियों के तबादले होने हैं। डीएसपी और एएसपी की तबादला सूची जारी हो चुकी है। देर-सबेर एसपी की सूची भी आ जाएगी। टिड्डियां शहरी क्षेत्र में भी दिखने लगी है। कोलायत और रणजीतपुरा में ब्रीडिंग के प्रमाण भी मिले हैं।