OmExpress News / New Delhi / भारत ने फिर से स्पष्ट कर दिया है कि संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से कोई समझौता नहीं हो सकता है, चाहे परिस्थिति कुछ भी हो और सामने कोई भी हो। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि भारत मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान का पक्षधर रहा है, लेकिन हालात के मुताबिक हर तरह की कार्रवाई को भी तैयार रहता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि चीन अपनी गतिविधियां अपने इलाके तक सीमित रखेगा। (No Compromise with Sovereignty says Anurag Srivastav)
क्षेत्रीय अखंडता सर्वोच्च प्राथमिकता: विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय ने वंदे भारत मिशन को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी जिसमें चीन के साथ जारी विवाद पर सवालों की बौछार हो गई। इन सवालों पर मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम सीमाई इलाकों में शांति और सौहार्द का माहौल बनाए रखने की जरूरत अच्छी तरह समझते हैं। साथ ही हम बातचीत के जरिए मतभेदों को सुलझाने के पक्षधर हैं। हालांकि, जैसा कि प्रधानमंत्री ने कल (बुधवार को) कहा, हम भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने को लेकर बेहद प्रतिबद्ध हैं।’
छह घंटे चली मेजर जनरल लेवल की मीटिंग
उन्होंने आगे कहा, ‘उम्मीद करते हैं कि चीन अपनी गतिविधियां अपनी सीमा के अंदर सीमित रखेगी।’ श्रीवास्तव ने बताया कि भारत और चीन के बीच संपर्क अभी टूटा नहीं है और अलग-अलग स्तर पर बातचीत जारी है। इसी के तहत, दोनों देशों के बीच गुरुवार को भी मेजर जनरल लेवल की मीटिंग हुई। पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध के शांतिपूर्ण समाधान का रास्ता तलाशने के लिए दोनों पक्षों की यह मीटिंग छह घंटे तक चली। दोनों पक्ष बुधवार को भी मिले थे, लेकिन उस मीटिंग में किसी परिणाम तक नहीं पहुंचा जा सका था।
भारत का एक भी सैनिक अब लापता नहीं
इधर, इंडियन आर्मी ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत का एक भी सैनिक अब लापता नहीं है। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को चीनी सैनिकों के धोखे में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए जबकि कुछ के लापता होने की आशंका जताई जा रही थी। चीनी सैनिकों ने घाटी के पैट्रोलिंग पॉइंट 14 पर स्थाई निर्माण कर लिया था जिस पर आपत्ति जताने गए भारतीय सैनिकों पर पहले से तैयार चीनी सैनिकों ने बर्बरतापूर्ण हमला कर दिया।
Let us get the facts straight.
All troops on border duty always carry arms, especially when leaving post. Those at Galwan on 15 June did so. Long-standing practice (as per 1996 & 2005 agreements) not to use firearms during faceoffs. https://t.co/VrAq0LmADp
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) June 18, 2020
निहत्थे सैनिक के सवाल पर राहुल को जयशंकर का जवाब
भारतीय जवानों की शहादत पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि ये सैनिक निहत्थे चीनी सैनिकों के आगे भेजे गए थे। इस पर विदेश मंत्री एस. जयंशकर ने बताया कि बॉर्डर ड्यूटी में तैनात हर सैनिक हथियारों से लैस रहता है। जयशंकर ने कहा कि 15 जून को भी भारतीय सैनिक हथियार के साथ मौके पर गए थे, लेकिन गोलीबारी नहीं करने की लंबी परंपरा का पालन करते हुए उन्होंने इनका इस्तेमाल नहीं किया था।