

-सरकार का अंतिम लक्ष्य लोगो को कोरोना वैक्सीन तक ले जाना
बीकानेर।ओम एक्सप्रेस-कोरोनिल (Patanjali Coronil) कोरोना का इलाज कर सकती है या नहीं यह मुझे नहीं पता। लेकिन इतना बिना किसी शक के पता है कि जो भी प्राकृतिक दवा इलाज कर सकती होगी, उसके सामने आने में सबसे बड़ी बाधा WHO, ICMR,IMA, और आयुष मंत्रालय होगा।इन सारी संस्थाओं को बनाया ही इसलिए गया है।ताकि आप तक बीमारियों के प्राकृतिक उपचार न पहुंच सके, और सिंथेटिक ड्रग्स खिलाकर आपके शरीर को और बीमार किया जा सके। जैसे हमारे राजनेताओं,गोदी मीडिया, WHO, ICMR,IMA, और आयुष मंत्रालय आदि को पता है कि कोरोना बिमारी ही नहीं है। वैसे ही रामदेव जी को भी पता है।


परन्तु यदि पातंजलि जैसा संस्थान यदि कुछ भी बनाकर कोरोना के उपचार का दावा करता है तो नागरिकों का डर समाप्त हो जाएगा लेकिन सरकारें इस डर को बनाये रखना चाहती है क्योंकि क्योंकि सरकार का अंतिम लक्ष्य आपको वैक्सीन तक ले जाना है।सोमवार को ग्लेनमार्क फ़ार्मा ने करोना की दवाई निकाली 103 रुपये की एक गोली 34 गोली का पत्ता 3500 रूपेय का , किसी मंत्रालय ने उसके दावे पर सवाल नहीं खड़ा किया , किसी ने उससे कोई सबूत नही मांगा की यह गोली करोना ठीक कर सकती है या नही पर जैसे ही बाबा रामदेव ने पांच सौ रुपये में करोना की किट निकाली सारे बुद्धिजीवी इसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करने लगे ।आयुष मंत्रालय जो ख़ुद इस बीमारी से लड़ने के लिए आयुर्वेदिक काढ़े का ज़ोर शोर से प्रचार कर रहा है वो भी तलवार भाँजने लगा । इस घटना ने दिखा दिया की यह मंत्रालय कहने को भले ही मोदी जी और हर्षवर्धन के आधीन काम करता हो पर वास्तव में यह अंग्रेज़ी दवा कोंपनियों के इशारे पर नाचने वाली कठपुतली है । किसी सरकारी मंत्रालय ने आज तक Fair & Lovely क्रीम बनाने वाली कम्पनी से यह दावा सिद्ध करने को नहीं कहा की उनकी क्रीम से काली लड़की गोरी हो जाती है क्यों उनसे इन अधिकारियों को मोटी धनराशि जो मिलती है अपना मुँह बंद रखने के लिये ।


आज की तारीख़ में बाबा रामदेव की विश्वसनीयता आयुष मंत्रालय से सौ गुना अधिक है ।यह दवाई बाज़ार में आने दो , जनता इसे हाथो हाथ लेगी ।आयुष मंत्रालय वालों तुम देखते रहना ।'”रामदेव बाबा “‘ को फांसी दो,करोडों रु का बिजनेस फेल करवाएगा ये बाबा,हस्पताल में 25 लाख का बिल कौन देगा ? तुम्हारा बाप ? “फेयर &लवली “से गोरे होते हैं,”साफी ” से खून साफ होता है, “रूह अफ़जह” से रूह को ठंडक मिलती है,”कोलगेट” से दांत मजबूत होते है,”डोव” से गाल मलाई बन जाते है,मगर रामदेव के “गिलोय, “अश्वगंधा, तुलसी “के अर्क से करोना ठीक नहीं होता, “WHO “को एतराज है इस पर,,, सबूत चाहिए , सबूत “‘बाबा रामदेव”‘ यकीनन इस सारे ठग संस्थानों के लिए खतरा है, इस लिए सारे ‘”चोर उच्चक्के “‘ इस समय बाबा की दवा के पीछे पड़े है, कम से कम इस डिप्रेशन के समय मे बाबा ने सारे भारत मे गरीब जनता के चेहरे पर,मुस्कुराहट जरूर ला दी है
