जिला कलेक्टर शनिवार को खाजूवाला और पूगल में आयोजित बैठक में दोनों क्षेत्रों में संचालित विकास योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे । उन्होंने पानी और बिजली और खाद्य सुरक्षा योजना की समीक्षा की, और कहा कि तीनो ही काम जनता से सीधे जुड़े हुए है अगर इसमें किसी तरह की शिकायत पाई जाती है या सेवा में कोई कमी रहती है तो उसे त्वरित निस्तारण करे। उन्होंने विभिन्न विभागों के सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज शिकायतों का फीडबैक लिया और कहा कि अधिकारी नियमित रूप से संपर्क पोर्टल को खोले और समस्याओं का निस्तारण समय पर करे। जो समस्याएं निस्तारण योग्य नहीं है उनको रद्द कर दे।
जिला कलेक्टर ने खाजूवाला क्षेत्र में नहर किनारे खड़े पेड़ों की वजह से आंधी के दौरान नहर टूटने के मामलों पर कहा कि नहर किनारे लगे हुए पेड़ो की कटाई छंगाई करवाना सुनिश्चित करे नहर विभाग। उन्होंने आई.जी.एन.पी. के अभियंता से पूछा कि नहर किनारे कितने पेड़ है जिनकी छंगाई करवायी जानी है इसके बारे में पूरी रिपोर्ट तैयार करे।
उन्होंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत वन विभाग द्वारा मनरेगा के तहत करवाए जाने वाले कार्य समय पर पूर्ण करवाने के वन अधिकारी को निर्देष दिये। उन्होंने इस योजना के तहत विभिन्न विभागों को आवंटित लक्ष्य को 23 अक्टूबर तक पूरे करवाने के निर्देश दिया। तथा विकास अधिकारी को निर्देश दिये की मनरेगा कार्यो पर ज्यादा से ज्यादा महिला मेट की नियुक्ति की जाए।
उन्होंने बिजली एवं जलदाय विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि बिजली और पानी की सेवाएं नियमि रूप से आमजन को मिले, जिस क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति बांधित होती है उस क्षेत्र में टेंकर के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की जाए। विद्युत विभाग के अभियंता ने बताया कि थारूसर में एक नया जीएसएस बनाया जाना प्रस्तावित है उसके बन जाने पर विद्युत व्यवस्था में सुधार होगा।
बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नरेन्द्र पाल सिंह, खाजूवाला उपखंड अधिकारी मिथलेश कुमार, पुगल एसडीएम महेन्द्र सिंह यादव, प्रशिक्षु आईएएस कनिष्क कटारिया, विकास अधिकारी खाजुवाला रामचन्द्र मीणा, तहसीलदार विनोद कुमार, पूगल तहसीलदार सुरेश कुमार राव, वृताधिकारी खाजूवाला देवानन्द, कृषि अधिकारी छतरगढ़ रघुवर दयाल सुथार, अधिक्षण अभियंता जलदाय दीपक बंसल, अधिशाषी अभियंता जलदाय विजय वर्मा सहित विभिन्न विभागो के अधिकारी उपस्थित थे।