– राज्यपाल ने केन्द्र सरकार को भेजी एक गंभीर रिपोर्ट
जयपुर।राजस्थान के सियासी संकट के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र 2 बार गहलोत सरकार की अर्जी लौटाने के बाद सोमवार को विधानसभा का सत्र बुलाने को राजी हो गए। लेकिन उन्होंने एक शर्त रखी और दो सवाल किए। शर्त यह कि- विधानसभा का सत्र 21 दिन का क्लीयर नोटिस देकर बुलाया जाए।
राज्यपाल ने पहला सवाल किया है कि क्या आप विश्वास मत प्रस्ताव चाहते हैं? यदि किसी भी परिस्थिति में विश्वास मत हासिल की कार्यवाही की जाती है तो यह संसदीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव की मौजूदगी में हो और वीडियो रिकॉर्डिंग करवाई जाए। इसका लाइव टेलीकास्ट भी होना चाहिए।
दूसरा सवाल- यह भी साफ किया जाए कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाता है तो सोशल डिस्टेंसिंग का कैसे रखी जाएगी? क्या कोई ऐसी व्यवस्था है जिसमें 200 सदस्य और 1000 से ज्यादा अधिकारियों-कर्मचारियों के इकट्ठे होने पर उनमें संक्रमण का खतरा नहीं हो। यदि किसी को हुआ तो उसे फैलने से कैसे रोका जाएगा?
दूसरी तरफ स्पीकर सीपी जोशी ने विधायकों के अयोग्यता नोटिस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर पिटीशन सोमवार को वापस ले ली। उनके वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि इस मामले में अभी सुनवाई की जरूरत नहीं। जरूरत पड़ने पर हम दोबारा तैयारी के साथ आएंगे। पायलट खेमे की याचिका पर हाईकोर्ट के फैसले के बाद स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
जानकार सूत्रों ने दिए संकेत
राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं होने के संकेत
“24 जुलाई को राजभवन में हुई विधायकों की नारेबाजी की घटना का खास तौर पर किया जिक्र”
“कांग्रेस नेताओं द्वारा राजभवन को घेरने की धमकी का भी किया उल्लेख”
“तेजी से बढ़ते कोरोना की रोकथाम में भी सरकार हो रही विफल”
“दूसरी ओर अधिकांश मंत्री और विधायक एक फाइव स्टार होटल के बाड़े में कर रहे आमोद-प्रमोद, सचिवालय पड़ा है सूना”
“सचिवालय में आम आदमी के नहीं हो पा रहे कोई काम”
“हालांकि रिपोर्ट में राज्यपाल ने नहीं की राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश”
“लेकिन फिर भी राजभवन से जुड़े क्षेत्रों में इसे माना जा रहा एक गंभीर घटना”
जयपुर । राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच राज्यपाल कलराज मिश्रा ने राज्य कैबिनेट की तरफ से विधानसभा सत्र बुलाने के अनुरोध को सोमवार की दोपहर को स्वीकार कर लिया । उनकी तरफ से यह फैसला उस वक्त किया गया जब कुछ देर पहले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने राज्यपाल के ‘ बर्तावळं को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात की और उन्हें इस बारे में बताया है ।