सिमटती चंग की थाप
एक समय था जब बसंत पंचमी के साथ ही शहर में अनेक स्थानों पर चंग की थाप के साथ होली के रंगीले गीत सुनाई देते थे और रसिये देर रात तक टेरियों के साथ गीतों पर मदमस्त होते थे लेकिन आधुनिकता के इस दौर में अब शहर में चंग की थाप सिमट सी गई है। कभी होली के पखवाड़े पूर्व से ही चंग की थाप की अनुगूंज रंगपर्व के सन्निकट होने का आभास कराती थी, लेकिन अब इक्का-दुक्का स्थानों पर ही यह कर्णप्रिय थाप सुनाई देती है। फागुन के साथ ही कुछ सालों पहले तक शहर में गूंजने वाले चंग और उसकी थाप पर गीत गाते लोग अब दिखाई नहीं देते। यह थाप दिन के वक्त बाजारों में तो रात को मु य चौराहे पर गूंजती थी। चंग के रसिक रात को कभी कोटगेट तो कभी जूनागढ़ के सामने, जस्सूसर गेट के बाहर जाते थे और नाचते भी थे। शहर के कई मोहल्लों में भी चंग बजाने वाली टोलियों को बुलवाया जाता था और रात तक चंग पर मोहल्लेवासी होली के गीतों का आनंद उठाते थे। होली में दस दिन शेष हैं और इस बार दिन में भी चंग बजाने वाली टोलियां नजर नहीं आई हैं। हालांकि, शहर में इस पर परा को चंद ही लोगों ने जीवित रखा है।
साफा बांधे दिखेंगे रसिये
थम्ब स्थापना होते ही होली के रसिये व बीकानेरी परंपरा को जीवंत करने वाले लोग रंग-बिरंगे राजस्थानी साफों में नजर आ रहे है । बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी आयु वर्ग के लोग रंग-बिरंगे तथा विभिन्न प्रकार के साफों में घुमते देखे जा सकेंगे। इसके लिए व्यासों के चौक, आचार्य चौक, बिस्सों का चौक सहित अनेक स्थानों पर साफे बांधने वाले भी पाटों पर अलमस्ती करते देखे जायेंगे।
रम्मतों का होगा आगाज
होलाष्टक के साथ ही देश में अपनी अलग पहचान रखने वाली बीकानेर की रम्मतों का आगाज होगा, जो लगभग एक सप्ताह तक बीकानेर की ऐतिहासिक धरोहर को पुनर्जीवित करेगा। इन रम्मतों के लिए बारहगुवाड़, आचार्य चौक, बिस्सों का चौक, मरुनायक चौक, चौथाणी ओझाओं के चौक, नथाणियों की सराय में रम्मतों के अ यास में कलाकार जुटे हैं। पूरे देश में होली के दिनों में होने वाले इस अनूठे आयोजन में याल व चौमासा के जरिये वर्तमान राजनीति प्रमुख समस्याओं पर कटाक्ष किया जाता है। रम्मतों का आगाज बारहगुवाड़ की फक्कड़दाता रम्मत से होगा। रम्मतों से जुड़े उस्ताद बताते हैं कि स्टेट के समय गाये गये याल के शब्दों के कटाक्ष इतनी गहरे थे कि गाने वालों व बनाने वालों की गिर तारी के आदेश भी दे दिये गये। कीकाणी व्यासों के चौक में आयोजित होने वाली जमनादास कल्ला की र मत की तैयारियां भी जोरों पर चल रही हैं। एडवोकेट मदन गोपाल व्यास ने बताया कि चोथाणी ओझाओं के हनुमान मंदिर में चल रही इस र मत की रिहर्सल में याल व चौमासे की तैयारियां टेरियों के साथ की जा रही हैं। पिछले 20 वर्षों से रामकि शन ओझा उर्फ फूना उस्ताद के नेतृत्व में र मत का मंचन हो रहा है। जिसमें राधाकृष्ण के पुष्प होली का विशेष मंचन बृज की याद ताजा कर देता है। वर्तमान में र मत के युवा कवि ज मू मस्तान द्वारा याल चौमासा की रचना की जाती है। इस दफा इस र मत में महंगाई, के साथ देश की राजनैतिक परिस्थितयों पर कटाक्ष किया जायेगा। कोडमदेसर नाट्ïयकला संस्थान द्वारा बारह गुवाड़ में होने वाली नौटंकी शहजादी की र मत आयोजित होगी। र मत उस्ताद भंवरलाल जोशी ने बताया कि 2002 में उस्ताद स्व. आसू महाराज ने इस र मत को शुरू किया जो निरंतर जारी है। इस समय र मत के कलाकार अ यास में लगे हैं। नथाणियों की सराय में चल रहे इस अ यास में पंजाबी, राजा, मालन, शहजादी, भाभी,कोतवाल, नथा,कवि का पात्र निभा रहे हैं। आशापुरा नाट्य संस्थान के बैनर तले बिस्सों के चौक में नौटंकी शहजादी,भढ्डों के चौक में स्वांग मैरी,बारह गुवाड़ में भी स्वांग मैरी,मरूनायक चौक में हडाऊ मैरी,आचार्यों के चौक में अमरसिंह राठौड़,बारह गुवाड़