नौटंकी शहजादी रम्मत का मंचन कल, फागणिया फूटबाल 10 कोबीकानेर । बिस्सों के चौक में मंगलवार की रात व बुधवार सुबह तक उस्ताद रमणसा बिस्सा की नौटंकी शहजादी रम्मत होगी। आशापुरा नाट्य एवं कला संस्थान के तत्वावधान में रम्मत के कुछ अंशों को रविवार शाम को गंगाशहर के हंशा गेस्ट हाउस में भी  प्रदर्शित किया गया। बीकानेर थियेटर  फेस्टिवल के तहत प्रदर्शित रम्मत को देश-विदेश में  विख्यात रंगकर्मियों ने देखा तथा सराहा।

नौटंकी शहजादी रम्मत के वरिष्ठ कलाकार कृष्ण कुमार बिस्सा ने बताया कि बिस्सों के चौक में पिछली तीन शताब्दी से होली पर लोक नाट्य प्रस्तुति की परम्परा का निर्वहन किया जा रहा है। सोमवार व मंगलवार रम्मत स्थल पर  विशेष रोशनी,बैनर व माइक आदि की व्यवस्थाएं की गई। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष भक्त पूर्णमल की रम्मत खेली गई थीं।  बिस्सों के चौक में एक वर्ष भक्त पूर्णमल की व एक साल लोक नाट्य नौटंकी शहजादी की प्रस्तुति होती है।

पद मय लोक नाट्य के लेखक हाथरस के मुरलीधर है। पंजाब के स्यालकोट के राजकुमार फूल सिंह द्वारा भाभी के ताने पर मुलतान की अप्रियतम सुन्दरी शहजादी नौटंकी को वर लाने के कथानक को राग भैरवी, काफी, कालंगड़ा, शिवरंजनी आदि  के गीत, दोहे, चौबोले, लावणी व गजल के माध्यम से दिखा गया है।  शिकार से लौटे राजकुमार फूलसिंह के शिकार खेलकर लौटने पर भाभी से स्नान आदि के लिए पानी गर्म करवाने के लिए कहता है।  ’’मैं अपने घर पे भला, आया खेल शिकार, बाज लगाया थान से, खोल धरे हथियार, खोल धरे हथियार, जल्द भावज पानी पिलादे, न्हाएंगे इस वक्त, गर्म जल करने को धरवादे। भावज दोहे में देवर को ताना देती है – देवर हुकूमत आपकी, हमपे सही नहीं जाए, देते से दीजो मती, मुझे नहीं परवाह। ताने के जवाब में राजकुमार फूल सिंह कहता है ’’दिया ताइना तान के, मार गई शमशीर(तलवार) परत फोर निकली उधर गई, कलेजा चीर। कहन की करी कटारी रे, मेरे सीने में मारी रे। हो गई तन में कारी, जब मैं मुंह तुझ दिखाउंगा, लाऊ नौटंकी नारी।

’’कथानक में भाभी देवर को ताना मारती है कि देवरजी आप मुझ पर हुकूमत मत चलाना। मैं आपकी पगार लेने वाली सेवादार नहीं हूं।  आप फूलों से तुलने वाली,अप्रियतम सौन्दर्य की धनी  नौटंकी शहजादी को ब्याह कर नहीं लाए हो। भाभी के ताने से  राजकुमार फूलसिंह दृढ निश्चित करके राजकुमारी शहजादी को वरने के लिए निकल जाता है ।  शहजादी नौटंकी से मिलना तो दूर उसको देखना भी दुर्लभ होता है। उसके बारे में रम्मत में दोहा कहा गया है कि ’’’फूलों में वो तुले, वजन से घट नहीं पाए, जो नर ऎसा होय, ब्याव कर उसको लाए, पर जरे, परिन्दों के प्यारे, लाखों करते रखवारी, सिर पटक-पटक कर मर जाओंगे, नौटंकी नहीं मिले नारी।

भाभी के ताने का दिल पर खाएं, रूपसी नौटंकी शहजादी से विवाह करने के लिए राजकुमार फूल सिंह शहजादी की रियासत मुलतान पहुंच जाता है। वहां उसकी मुलाकात शहजादी के बगीचे की मालिन से होती है। वह मालिन को पांच सोने की मोहरों की रिश्वत देकर शहजादी के बगीचे में ठहर जाता है। रानी का कार्य नियमित बगीचे से सुन्दर फूलों से माला बनाकर शहजादी को पहनाने का होता है। राजकुमार फूलसिंह मालिन को एक सोने की मोहर देने देकर शहजादी के लिए फूलों का गजरा स्वयं अपने हाथों से बनाता है। गजरे में वह  माणक, मोती, हीरा-पन्ना आदि बेशकीमती नगीनों को जड़ देता है।

शहजादी नौटंकी आइने में बेशकीमती नगीनों से जड़ा हार को देखकर अति प्रसन्न होती है। वह मालिन से पूछती है दर्पण मुख देखन लगी, किया शुभग श्रृंगार, अति इनाम तोको देवों, तूं मालिन है, होशियार। है मालिन हुशियार हमारी नजर हार  पे आई, फूलों में छिप रही लड़ी, लाखों की पड़ी लखाई।  शहजादी की प्रतिक्रिया पर मालिन घबरा जाती है, तथा अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहती है कि यह गजरा मेरी पुत्रवधु ने बनाया है। जबकि वास्तविकता में मालिन के कोई पुत्रवधु ने नहीं  राजकुमार फूल सिंह ने गजरे को बेहतरीन तरीके से गूंथा था। शहजादी मालिन के लिए गजरा बनाने वाली मालिन की पुत्रवधु को महल में बुलवाती है।  घबराई हुई मालिन राजकुमार फूलसिंह को नारी वेश पहनाकर अपनी पुत्रवधु बनाकर शहजादी के पास ले जाती है। शहजादी नौटंकी नारीवेश में मालिन की पुत्रवधु बने फूलसिंह को सहज पर सोने का आग्रह करती है।  नारी वेश में मालिन की पुत्र वधु बना राजकुमार फूल सिंह सहज में नहीं जाने के अनेक बहाने बनाता है, लेकिन राजकुमारी शहजादी नहीं मानती । आखिर नारी वेश में फूल सिंह कहता है कि अपने इष्ट देव से प्रार्थना करें, कि मैं मर्द बन जाऊं। नौटंकी शहजादी मनोकामना पूर्ण करने वाले सादिक पीर की दरगाह में जाकर दुआ करती है कि ’’यह जो बहूवर  है, वह मर्द हो जाए तथा मेरा भरतार बन जाए। फूलसिंह जो नारी के रूप में था तुरंत अपना लिबास बदल देता है और मर्द बनकर सामने खड़ा हो जाता है। शहजादी से कहता है कि ’’’रानी अजमत का भरा, तेरा सादिक पीर, मेरा मर्दाना किया, प्यारी सकल शरीर। शहजादी कहती है कि ’’बहूवर बन आया यहां रे मेहबूब जवान, मालिन को रिश्वत दी, लिया तुझे पहचान’’।

शहजादी के महल में मर्द होने की शिकायत होने पर बादशाह राजकुमार फूल सिंह को गिरफ्तार करवा सूली पर चढ़वाने का हुक्म देता है।  शहजादी अपने पिता से फूल सिंह को छोड़ने व उसके साथ विवाह करने का आग्रह करती है- ’’ अर्ज मेरी बापू उर में धारों, जिसे आप सुली दिलवावों,वो भरतार हमारों’’ । राजा बेटी की प्रार्थना को स्वीकार कर राजकुमार के साथ धूमधाम से विवाह कर उसके साथ विदा कर देता है।

करीब  आठ घंटें निर्बाद्ध रूप से चलने वाले लोकनाट्य की शुरुआत रात बारह बजे देवी आशापुरा के स्वरूप के मंच पर आने से होगा। नन्हें बालक को स्वरूप धारण करने से पूर्व विधिवत वैदिक मंत्रोच्चारण से पूजन किया जाएगा। उनसे शहर में खुशहाली, सुख व समृद्धि की प्रार्थना की जाएगी। ’’बनो सहायक छंद बनाने में, करो, आशापुरा आनंद, शहर बीकाणे में’’ ।  आशापुरा के स्वरूप के मंच पर आने पर पूरा चौक नर-नारियों से खचाखच भर जाएगा। लोक पुष्पमालाएं, प्रसाद चढ़ाकर और जयकारा लगाकर आशापुरा से मंगलमय जीवन की कामना करेंगे। रम्मत स्थल पर बाबा रामदेव का भी स्तुति से आव्हान किया जाएगा- रामा सामा आय जो कलयुग बहुत कर, अर्ज करुं अजमाल ने हाजर बंद हुजूर। केसरिया बागा बणिया, तुर्र तार हजार, पश्चिम घर रा बादशाह रामा राजकुमार । इसके बाद भगवान शिव की प्रार्थना की जाएगी- शिव शिव रटै, संकट कटै, दुश्मन हटै, घबराए के,  काशी विश्वेश्वर नाथ जी मोरी मदद कर ज्यो आए के। खाखी का पात्र रात को दो बजे मंच पर पहुंचकर हुड़दंग के साथ लोगों को तन्मयता रम्मत का आनंद देने का परोक्ष संदेश देगा। वहीं  जोशी-जोशण का पात्र अच्छे जमाने, देश में मंहगाई को कम करने, खुशहाली व भाई चारे की बात कहेगा- अबके जोशी अद्भुत आयो,काल कूट जमानो लायो,कै जोशी जमाने री बात, मूंग मिलेला पावलियां च्यार। जोशी रो जोशण में जी, रुपए रो मिलसी अधमण घी। इसके बाद विद्या व ज्ञान की देवी और रम्मत के स्वर्गीय रमण बिस्सा सहित पूर्व हुए उस्तादों का स्मरण करते हुए उनकी वंदना की जाएगी-गुरु गणेशा शारदा, धरूं आपको ध्यान, आज सभा में आएके रखो मारा मान।

रम्मत में आशापुरा का स्वरूप  अतुल बिस्सा धारण करेंगे। वहीं कृष्ण कुमार बिस्सा-फूलसिंह  उर्फ पंजाबी का, रामकुमार बिस्सा का भूप सिंह का, विष्णुदत्त बिस्सा-भाभी का, गोविंद गोपाल बिस्सा-मालिन का,मनोज कुमार व्यास -शहजादी नौटंकी का, इंद्र कुमार बिस्सा -कोतवाल का किरदार निभाएंगे। रम्मत के संवादों के सह गायक बलूजी बिस्सा, विष्णु कुमार बिस्सा, भैरू रतन बिस्सा, केदार जोशी, सूरज किशोर बिस्सा, प्रेम गहलोत, डी.के.कल्ला, लूणाराम, विजय कुमार व्यास टन्नू गाएंगे। हारमोनियम नव रतन रंगा  व नगाड़े पर मनीष व्यास संगत करेंगे।  रूप सज्जा श्रीबल्लभ पुरोहित की है। लोक नाट्य का समापन देवी की प्रार्थना ’’माता ए म्हारी टाबरियों ने ठंड रा झोला देइजो के साथ होगा।

आचार्यों के चौक में अमर सिंह राठौड़ की रम्मत 9 को, रातभर हुआ महाभ्यास

आचार्यों के चौक में 9 मार्च की रात तथा 10 मार्च तक होने वाली वीर,श्रृंगार रस की ’’अमर सिंह राठौड़’’ की रम्मत का महा पूर्वाभ्यास रविवार रात को चौक के रघुनाथ मंदिर परिसर में हुआ। महा पूर्वाभ्यास यानि बड़े गाने में पूरी रम्मत के संवादों को पूर्ण संजीदगी के साथ दोहराया गया।

उस्ताद मेघराज आचार्य ने बताया कि वीर, श्रृंगार रस की इस रम्मत में नागौर के राजा अमर सिंह की वीरता, शौर्य की गाथा को विशिष्ट शैली में संवाद व अभिनय के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा। रम्मत के संवाद की अदायगी अपने आप में दूसरी रम्मतों से भिन्न है। महापूर्वाभ्यास में लोकनाट्य में पात्रता निभाने वाले रामनाथ आचार्य,दुर्गा शंकर आचार्य टन्नू, दीन दयाल आचार्य, पुरुषोत्तम आचार्य उर्फ पेंटर कालेश, बिल्ला आचार्य व  सहित अनेक कलाकारों ने रम्मत के पूर्व महाभ्यास में भागीदारी निभाई।

फागणियां फुटबॉल मैच : कुछ हटकर होगा रंग, डोनाल्ड ट्रम्प होंगे मुख्य अतिथि 

बीकानेर । होली की मस्ती से भरपूर दिनांक 10 मार्च, शुक्रवार को दोपहर 4:30 बजे होने वाले ’’फागणियां फुटबॉल’’ मैच का रंग इस बार कुछ अलग होगा।

आयोजन सचिव सीताराम कच्छावा ने बताया कि शहरी क्षेत्र में इस मैच में श्रेष्ठ वेशभूषा पहनकर भाग लेने वालो में होड मची है तथा अब तक 22 प्रविष्टियां प्राप्त हो चुकी है। इस मैच में बीकानेर की परम्परागत होली के साथ शुद्धता का ध्यान भी रखा जायेगा तथा महिलाओ सहित पूरे परिवार के साथ आने वाले लोगो के लिए बैठने की अलग व्यवस्था होगी। पूरा मैदान होली के रंग में स्वांग धरे खिलाड़ियो तथा जनता के बीच होने वाली छींटाकशी तथा गुदगुदाने वाले शब्दो के लिए तैयार है। मैच में मनोरंजन के लिए बीकानेर के चंग बजाने वाले कलाकार भी अपनी प्रस्तुति देंगे। विचित्र वेशभूषा पहनकर आने वाले श्रेष्ठ कलाकारो को विशेष पुरस्कार भी दिया जायेगा तथा बेस्ट हूटर को भी पुरस्कृत किया जायेगा।

अध्यक्ष कन्हैयालाल रंगा ने बताया कि मैच के सफल आयोजन के लिए मैदान समिति का दायित्व दुर्गाशंकर आचार्य, नरेश आचार्य, बुलाकीदास आचार्य को दिया गया है। वहीं स्वागत समिति का दायित्व गोपाल हर्ष,  शंकर पुरोहित, भरत पुरोहित, कंवरलाल बोहरा, किशन स्वामी को सौंपा गया है।

इस मैच में जहां उत्तरप्रदेश चुनाव में प्रचार के पश्चात् नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, अखिलेश भैया, डिम्पल भाभी, पप्पू और प्रियंका तथा मायावती भी मैच में दावपेच दिखाऐंगी। वहीं केजरीवाल, वसुन्धराराजे सिंधिया भी दमखम दिखाऐंगे। तमिलनाडू की शशिकला ने मैच में भाग लेने के लिए जैल से विशेष छूट मांगी है। अनुष्का शर्मा,विराट कोहली के साथ फागणिया में खेलने को बेताब है वहीं दंगल की धाकड़ बेटियां सुल्तान के साथ दो-दो हाथ आजमायेगी। दीपिका पाटुकोण, प्रियंका चौपड़ा, केटरीना के साथ-साथ अपने नवजात शिशु तैमूर को साथ लेकर करीना भी ओपनिंग सेरेमनी में डांस के जलवे दिखायेगी।  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प सपत्निक मुख्य अतिथि के रूप में चार्टेड प्लेन से मैदान में आयेंगे तथा भारतीय उद्योग जगत को विशेष राहत का ऐलान करेंगे।

मैच में भाग लेने के इच्छुक व्यक्ति कन्हैयालाल रंगा, सीताराम कच्छावा, गोपाल हर्ष, दुर्गाशंकर आचार्य, नरेश आचार्य, श्रीरतन तम्बोली तथा अशोक सोनी को दे सकते है।