OmExpress News / New Delhi / किसानों के ‘दिल्ली कूच’ प्रदर्शन के दौरान हुए बवाल को लेकर पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्री एक-दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरियाणा सरकार पर किसानों को भड़काने और उनके साथ दुर्व्यहवार करने का आरोप लगाया। जबकि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पंजाब के मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते रहे हैं कि किसानों के प्रदर्शन को लेकर मैंने उनसे कई बार बात करने की कोशिश की, मगर वो फोन पर उपलब्ध नहीं हुए। (Chief Ministers of Punjab-Haryana)
खट्टर और कैप्टेन ने लगाए एक-दूसरे पर लगाए आरोप
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को दोहराया कि अगर कोरोना वायरस के चलते कोई खतरनाक परिस्थिति बनी तो उसके लिए पंजाब सरकार ही जिम्मेदार होगी। उन्होंने कहा, ‘मैंने पंजाब के मुख्यमंत्री से किसानों के मुद्दे पर बात करनी चाही, मगर उन्होंने किसी भी तरह की कॉल आने से साफ इनकार किया। जब मैंने उन्हें कॉल करने के सबूत दे दिए तो अब वह निशब्द हैं।’
If any dangerous situation arises due to coronavirus, Punjab govt will be responsible for it. I tried to speak to Punjab CM on this matter but he denied of receiving any call. Later when I showed the proof, he was left speechless: Haryana CM Manohar Lal Khattar. https://t.co/HgpciIa9kj pic.twitter.com/GgjKUWl5iu
— ANI (@ANI) November 29, 2020
अब 10 बार भी फोन करें तो बात नहीं करूंगा : कैप्टन
बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साफ तौर पर कहा था कि मनोहर लाल खट्टर झूठ बोल रहे हैं कि हरियाणा सरकार ने मुझसे बात करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा, ‘मेरे किसानों के साथ कैसा व्यवहार किया गया? अब अगर वो (हरियाणा के मुख्यमंत्री) दस बार भी मुझे फोन करेंगे तो भी उनसे बात नहीं करूंगा।’
किसान आंदोलन पर आमने-सामने पंजाब-हरियाणा के CM
इससे पहले हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि किसान आंदोलन से पहले उन्होंने दो दिनों तक कैप्टन अमरिंदर सिंह से बात करने की कोशिश की, लेकिन कैप्टन बात करने को राजी नहीं हुए। इस दौरान भी कैप्टन ने जवाब देते हुए कहा कि पंजाब में किसान दो महीने से शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे तो आखिर ऐसा क्या हुआ जिससे कि हरियाणा में प्रदर्शन उग्र हो गया।