OmExpress News / New Delhi / 4 दिसंबर को नौसेना अपना 49वां दिवस मनाने वाली है। इस मौके पर गुरुवार को इंडियन नेवी की तरफ से आयोजित सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह ने चीन को लेकर बड़ा बयान दिया। नेवी चीफ करमबीर सिंह ने बताया कि लाइन ऑप एक्चुअल (एलएसी) पर चीन यथास्थिति को बदलने की कोशिशों में लगा था और नौसेना चीन को जवाब देने के लिए तैयार है। (Navy Chief Karambir Singh)
साथ ही वह कोविड-19 महामारी की स्थितियों का सामना भी कर रही थी। नेवी चीफ के मुताबिक नौसेना ने P-8 पोसायडन सर्विलांस एयरक्राफ्ट से लेकर हेरॉन ड्रोन तक को तैनात कर दिया था।
एयरक्राप्ट P-8I और हेरॉन ड्रोन रखेगा LAC पर नज़र
एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा कि समंदर में हवाई ताकत का होना बहुत जरूरी है और यह नौसेना के अभियानों का एक अहम हिस्सा है। उन्होंने कहा कि नौसेना इस बात को ध्यान में रखते हुए ही तीसरे एयरक्राफ्ट की खरीद के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि नौसेना, चीन और कोविड-19 की चुनौतियों से निबटने के लिए पूरी तरह से तैयार है, जो इस समय उत्तरी सीमाओं पर यथास्थिति को बदलने की कोशिशों में लगा हुआ है।
नौसेना प्रमुख ने कहा कि चीन की आक्रामकता ने सुरक्षा की स्थिति को और जटिल बना दिया है। उन्होंने कहा कि नेवी का सर्विलांस एयरक्राप्ट P-8I और हेरॉन ड्रोन को लद्दाख सेक्टर में नॉर्दन बेस पर तैनात किया गया है ताकि वह एलएसी पर चीन की हरकतों पर नजर रख सके। एडमिरल करमबीर के मुताबिक सेना और वायुसेना के अनुरोध पर ऐसा किया गया।
वहीं अमेरिका से दो MQ-9B सी गार्डियन ड्रोन भी लीज पर लिए गए हैं ताकि सुरक्षा की जरूरतों को पूरा किया जा सके। एडमिरल करमबीर सिंह ने जानकारी दी कि अमेरिकी ड्रोन 33 घंटे तक उड़ान भर सकते हैं।
आने वाला है तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर
नौसेना प्रमुख के मुताबिक चीन की मछली पकड़ने वाली नाव और रिसर्च करने वाले जहाज अक्सर क्षेत्रीय सीमाओं पर संचालन करते रहते हैं लेकिन किसी ने भी अभी तक भारत की तटीय सीमा का उल्लंघन नहीं किया है। साल 2008 के बाद से चीन की तीन वॉरशिप्स अदन की खाड़ी और हिंद महासागर में मौजूद हैं।
नौसेना का दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर जो कि पूरी तरह से स्वदेशी है, आईएनएस विक्रांत, वह अगले साल से सी-ट्रायल के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। साथ ही तीसरे एयरक्राफ्ट कैरियर की भी जरूरत को जल्द पूरा किया जाएगा। एडमिरल करमबीर सिंह ने बताया कि 24 जहाज और पनडुब्बियों को 6 साल के अंदर भारत में तैयार किया गया है। यह नेवी की वॉरशिप्स खरीद योजना का अहम हिस्सा है। जबकि 41 जहाजों को देश के शिपयार्ड्स में तैयार किया जाना है। 75I -क्लास पनडुब्बी प्रोग्राम भी अपनी सही गति से चल रहा है।