बीकानेर । हिंदु उत्सव एवं त्यौहार आयोजन समिति की ओर से बुधवार को महाराजा नरेन्द्र सिंह ऑडिटोरियम में ‘नवसंवत्सर की वैज्ञानिकता’ विषय पर प्रबोधन कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक अमरसिंह थे। उन्होंने कहा वनस्पति से चराचर जीव जगत नववर्ष की तैयारी के लिए अपना श्रृंगार करता है। यह समय नव संकल्प लेने और उनके माध्यम से नवनिर्माण में भागीदारी निभाने का है। उन्होंने कहा कि राम राज्याभिषेक से लेकर श्री केशवराव हेडगेवार के जन्म सहित अनेक मांगल्य कार्य इस कालखण्ड में हुए हैं। यह समय हमारी समृद्ध परम्पराओं, संस्कृति और संस्कारों को यथास्थिति में आगे बढ़ाने का है। उन्होंने कहा कि कालगणना की अधूरी जानकारी के कारण भारत की ज्ञान परम्परा को अनेक अवसरों पर चुनौती के प्रयत्न हुए हैं, लेकिन हर बार यह प्रयास असफल हुए।
अमरसिंह ने कहा कि आज दुनियाभर में हिंदुत्व को स्वीकार करने वाले देश और लोग खड़े हो रहे हैं। भारत माता को विश्वगुरू के सिंहासन पर पुनः स्थापित करने के लिए माहौल तैयार हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक भारतीय पर भारत माता का ऋण है। इस ऋण से उऋण होने का प्रयत्न हमें करना चाहिए। इसके लिए छोटे-छोटे प्रकल्पों से समाज को दिशा देने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि परिवारों के मूल संस्कारों को छोड़ना तथा आश्रम व्यवस्था को नष्ट करना हमारे लिए बेहद चिंताजनक है। हमें समाज की परम्पराओं को पुनः स्थापित करने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगें।
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. दाऊनारायण पुरोहित ने नववर्ष की वैज्ञानिक परम्परा के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अथर्ववेद में युग का वर्णन है। उन्होंने ग्रहों तथा माला के 108 मनकों सहित विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखे। रीको के क्षेत्रीय प्रबंधक महेश तिवाड़ी ने कहा कि एक सशक्त राष्ट्र के लिए आवश्यक है कि उस देश के प्रत्येक नागरिक के खून में राष्ट्रप्रेम की भावना हो। राष्ट्रप्रेम सभी सद्गुणों का जनक है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक मान्यता अनुसार पृथ्वी की वर्तमान आयु साढे चार अरब वर्ष है। यहां लगभग दो अरब वर्ष पूर्व जीव की उत्पति हुई तथा लगभग अगले सवा तीन अरब सालों तक यहां जीवन की संभावना रहेगी।
कार्यक्रम की अध्यक्ष राधा किसन व्यास ने की। कार्यक्रम संयोजक कालूराम उपाध्याय ने बताया कि समिति द्वारा प्रति वर्ष यह कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। उन्होंने नवसंवत्सर का महत्त्व बताते हुए कहा कि निष्काम भाव से मातृभूमि की सेवा करना प्रत्येक देशवासी का लक्ष्य होना चाहिए। इससे पहले अतिथियों ने भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम प्रारम्भ किया। आदर्श विद्या मंदिर, रघुनाथसर कुआं के विद्यार्थियों ने ‘मनमस्त फकीरी घारी है’ गीत की प्रस्तुति दी। एडवोकेट श्री राधेश्याम शर्मा ने आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती बिंदु शर्मा ने किया।
कार्यक्रम में श्री नरोत्तम व्यास, श्री ब्रह्मदत्त आचार्य, श्री जगदीश ओझा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महानगर प्रचारक श्री महादेव, मेघराज व्यास, ओ. पी. छाबड़ा, घनश्याम व्यास, नरेन्द्र अग्रवाल, विकास छंगाणी, स्वदेशी जागरण मंच के मधुसूदन व्यास सहित अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद थे।