जयपुर।आरएलपी का एनडीए के साथ चल रहा सफर 21 माह बाद थम गया है। हनुमान के एनडीए छोड़ने की घाेषणा के बाद बीकानेर से कांग्रेस नेता रामेश्वर डूडी भी किसान आंदोलन में पहुंच गए। वहां बेनीवाल को किसान हित में भाजपा से नाता तोड़ने पर बधाई भी दी। बाड़मेर में हुए हमले के बाद सरकार ने नहीं की थी मदद इससे पहले हनुमान बेनीवाल ने कहा था, सरकार ने दरकिनार किया। नागौर में हो रही सेना भर्ती, लीलण एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनें छीन ली। किसान हित में वे अब सरकार के साथ नहीं रह सकते। उल्लेखनीय है कि बेनीवाल पर बाड़मेर में हुए हमले में भी भाजपा सरकार ने कोई विशेष सहयोग नहीं किया था और इससे भी हनुमान कई दिन से नाराज चल रहे थे। भाजपा की तरफ से वो 2008 में खींवसर से विधायक बने पर वसुंधरा राजे से मतभेदों के चलते बेनीवाल ने भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और वो विपक्ष में बैठे थे। अब आरएलपी के 3 विधायक हैं। लोकसभा चुनाव के प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर ने (4 अप्रैल) को इसका ऐलान करते हुए कहा कि नागौर सीट पर आरएलपी और बीजेपी गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा जाएगा। यहां हनुमान ने 1.81 लाख वोटों से जीत दर्ज की।2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने एक मात्र सीट गठबंधन के तहत आरएलपी के लिए छोड़ी थी। यहां बेनीवाल के समर्थन में भाजपा ने प्रत्याशी नहीं उतारा था।