बीकानेर 31 जनवरी। सम्भाग के सबसे बड़े राजकीय डूंगर महाविद्यालय में आयुक्तालय काॅलेज शिक्षा के तत्वावधान में प्राणीशास्त्र विभाग द्वारा ज्ञान गंगा कार्यक्रम रविवार को सम्पन्न हुआ। प्राचार्य डाॅ. जी.पी.सिंह ने बताया कि महाविद्यालय में वनस्पति शास्त्र विभाग, रसायन विभाग के पश्चात प्राणीशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित यह निरन्तर तीसरा कार्यक्रम है जिसके चेयरपर्सन आयुक्त काॅलेज शिक्षा श्री संदेश नायक, को-चेयरपर्सन अतिरिक्त आयुक्त काॅलेज शिक्षा श्री बी.एल.गोयल हैं। प्राचार्य ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत प्रदेश के विभिन्न राजकीय महाविद्यालयों के प्राणीशास्त्र के 50 सहायक एवं सह आचार्य प्रतिभागी के रूप में आॅनलाईन भाग लिया।

इस अवसर पर प्राचार्य डाॅ. सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि काॅलेज शिक्षकों को वर्तमान समय में तकनीक की जानकारी बेहद आवश्यक है। डाॅ. सिंह ने कहा कि आज के युग में कम्प्युटराईज्ड प्रायोगिक कार्य को अमल में लाया जाना आवश्यक है। उन्होनें बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रम से विभिन्न महाविद्यालयों के संकाय सदस्यों को प्राणीशास्त्र की नवीनतम जानकारी उपलब्ध हो सकी है।

आयुक्तालय के ओर से राज्य नोडल अधिकारी डाॅ. विनोद भारद्वाज ने कहा कि राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत संकाय सदस्यों को उनके विषय में अद्यतन ज्ञान संवर्द्धन,शोध अभिवृति प्रोत्साहन, कक्षा अध्यापन, कौशल एवं नवाचार परक शिक्षण को प्रोत्साहित करने एवं संस्थागत सफल संचालन हेतु आयुक्तालय द्वारा ज्ञान गंगा कार्यक्रम आरम्भ किया गया है। प्रो. भारद्वाज ने डूंगर महाविद्यालय की राज्य सरकार की ओर से जारी विभिन्न कार्यक्रमों में सक्रियता की प्रशंसा की।

आयुक्तालय के प्रतिनिधि के रूप में अपने उद्बोधन में काॅलेज शिक्षा जयपुर के ज्ञान गंगा की सह समन्वयक डाॅ. ललिता यादव ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम से संकाय सदस्यों में एक बेहतरीन समन्वय स्थापित होता हैे एवं संकाय सदस्यों के ज्ञानवर्द्धन में भी उपयोगी साबित होता है।

समन्वयक डाॅ. राजेन्द्र पुरोहित ने बताया कि सप्ताह भर चलने वाले इस कार्यक्रम में देश के लगभग सोलह नामचीन प्राणीशास्त्र विषय के विशेषज्ञों ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किये। साथ ही डूंगर काॅलेज के प्राणीशास्त्र विभाग के समस्त संकाय सदस्यों ने भी प्रायोगिक कार्यों की नवीनतम तकनीक की जानकारी प्रस्तुत की।

आयोजन सचिव डाॅ. बलराम सांई ने बताया कि कार्यक्रम में गोरखपुर, वड़ोदरा, हरद्वार, जयपुर सहित देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के आचार्यों ने जैव विविधता, विकिरण जैविकी, कीट विज्ञान, मत्स्य विज्ञान तथा वातावरणीय विज्ञान से संबंधित व्याख्यान प्रस्तुत किये। डाॅ. संाई ने बताया कि प्रतिभागियों की ओर से अनुकूल सुझाव भी प्राप्त हुए हैं जिन्हें शीघ्र ही आयुक्तालय को प्रेषित किये जावेगें।

विभाग प्रभारी डाॅ. मीरा श्रीवास्तव ने बताया कि सप्ताह भर चलने वाले इस ज्ञान गंगा कार्यक्रम के आयोजन सचिव डाॅ. बलराम सांई एवं संयोजक डाॅ. अनु शर्मा ने तकनीक का बेहतर इस्तेमाल करते हुए सूदूर स्थापित महाविद्यालयों तक भी व्याख्यान उपलब्ध करवाने में महत्ती भूमिका अदा की। डाॅ. श्रीवास्तव ने सभी आगन्तुकों एवं अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।