चंडीगढ़। सेक्टर-37 निवासी व्यक्ति का अपहरण कर फर्जी कागजात के जरिए उसकी करोड़ों की कोठी बेचने के मामले में पुलिस की कार्रवाई जारी है। बुधवार को पुलिस ने दैनिक भास्कर के पत्रकार संजीव महाजन के बयान के आधार पर सेक्टर 37 स्थित उसके घर का कोना कोना खंगाला। कई संपत्तियों के दस्तावेज व बैंक की पासबुक पुलिस ने जब्त की है। पुलिस इन संपत्तियों की जांच के साथ ही बैंक में हुए लेनदेन का ब्योरा भी खंगाल रही है। वहीं इस पूरे मामले से जुड़े अन्य आरोपियों के मोबाइल बंद होने से फिलहाल वे पुलिस की पहुंच से दूर हैं। अदालत से तीन दिन का रिमांड मिलने के बाद पुलिस ने संजीव महाजन और प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता से पूछताछ की। इस दौरान पत्रकार ने बताया कि नयागांव व मुल्लांपुर के नजदीक उसकी संपत्तियां हैं। वहीं उसके छह बैंक खाते हैं। बयान के आधार पर पुलिस ने शाम को लगभग 7 बजे पत्रकार के घर तलाशी ली। करीब डेढ़ घंटे की कार्रवाई के दौरान संपत्तियों के दस्तावेज और बैंक की पासबुक जब्त की। अब पुलिस बैंक खातों में हुए लेनदेन के बारे में पड़ताल करेगी। पुलिस ने अन्य आरोपियों की तलाश के लिए टीम गठित कर हरियाणा व पंजाब में लगा दी है। किसी भी आरोपी का मोबाइल शुरू न होने से उनकी लोकेशन भी पुलिस को नहीं मिल रही है। पुलिस की सर्विलांस टीम सुरागकशी में जुटी हुई है।_
वर्ष 2017 में तत्कालीन डीएसपी रामगोपाल के सेक्टर 17 स्थित दफ्तर में कोठी बेचने की योजना बनाई गई थी। इस दौरान संजीव महाजन के अलावा डीएसपी का भाई सतपाल डागर, प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता, खलिंदर सिंह कादियान, शराब कारोबारी अरविंद सिंगला, सौरभ गुप्ता भी मौजूद थे। वहीं 2017 में सेक्टर 39 थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी राजदीप सिंह को कोठी में किराए पर रहने वाले प्रदीप रतन ने शिकायत दी थी कि राहुल मेहता गायब हैं और उन्हें शक है कि इस मामले में आरोपी संजीव महाजन व अन्य लोगों का हाथ हो सकता है, लेकिन पुलिस के तत्कालीन अफसरों ने शिकायत दबा दी। सभी तथ्य सामने आने के बावजूद पुलिस ने अब तक किसी भी पुलिस अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया है। इससे यह भी सवाल उठने लगे हैं कि पुलिस अपने मुलाजिमों को बचाने का प्रयास कर रही है।_
सेक्टर-37 ए स्थित कोठी नंबर 340 में राहुल मेहता रहते हैं। उनके पिता वेद प्रकाश मेहता, मां और भाई मोहित मेहता की मौत हो चुकी है। आरोपियों को पता था कि राहुल अपनी कोठी के अकेले वारिस हैं और बीमार रहते हैं। इस बात का फायदा उठाकर संजीव महाजन, प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता, खलिंदर सिंह कादियान, शराब कारोबारी अरविंद सिंगला, सौरभ गुप्ता, सतपाल डागर, बाउंसर सुरजीत सिंह, शेखर और दलजीत सिंह पहले उनसे जान-पहचान बढ़ाई। फिर मारपीट कर कोठी की पहली मंजिल पर कब्जा कर लिया। खाली कागजात व चेक पर हस्ताक्षर करने के बाद उन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में ले गए और यातनाएं दीं। फिर मानसिक बीमार बताकर भुज (गुजरात) के एक आश्रम में छोड़ आए। पीड़ित के बयान के आधार पर चंडीगढ़ पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ15 गंभीर धाराओं में सेक्टर 39 थाने में मामला दर्ज कर लिया। बाउंसर सुरजीत की मार्च 2020 में हत्या हो चुकी है। वहीं दैनिक भास्कर से पत्रकार संजीव महाजन को बरखास्त कर दिया गया है।
– पकड़े गए आरोपी तीन दिन के पुलिस रिमांड पर हैं। पूछताछ जारी है। इस दौरान जो तथ्य सामने आ रहे हैं, उनके आधार पर कार्रवाई की जा रही है। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। इस मामले से जुड़े किसी भी अपराधी को छोड़ेंगे नहीं। हम क्रमबद्ध तरीके से अपनी कार्रवाई कर रहे हैं।
कुलदीप चहल, एसएसपी