अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, वास्तुविद्)
हमें यदि अपनी इकोनामी सुधारना है विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाना है तो हमें बल्क प्रोडक्शन पर जाना होगा। यदि हमें अपने उत्पाद को कम लागत मैं लाना है तो हमें बल्क प्रोडक्शन पर जाना ही होगा और अधिक से अधिक कार्य मेकेनिकल होना चाहिए मशीनों द्वारा होना चाहिए। सरकार को टैक्सेशन कम रखना होंगे, बिजली सस्ते दाम पर देना होगी, और प्रोडक्शन में क्वालिटी क्वांटिटी अनुसार मेंटेन होना चाहिए ऐसा नहीं कि क्वांटिटी बढ़ गई तो क्वालिटी बिगड़ गई। एक समान क्वालिटी अच्छी फिनिश और कम लागत वाली पैकिंग यह सब जरूरी है।
और यदि कोई प्रोडक्ट कॉटेज इंडस्ट्री या स्माल स्केल इंडस्ट्री पर बनता है पर उसकी क्वालिटी अति उत्तम है तो जनता उसी क्वॉलिटी को पसंद करेगी चाहे वह थोड़ी महंगी दर पर मिले। एक्सपोर्ट के लिए विदेशी मार्केट में पैठ बनाना होगी सरकार ने भी एक्सपोर्ट होने वाले प्रोडक्ट के राॅ मटेरियल और मशीनरी जो प्रोडक्शन में काम में आती है पर कस्टम ड्यूटी कम करना होगी।
देश की इकनोमिक सुधारने का समय आ गया है और जिम्मेदार लोगों ने अब भ्रष्टाचार का चोला फेंकना होगा और इमानदारी का चोला पहनना होगा।