जयपुर,(दिनेश शर्मा”अधिकारी”)। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, माननीय न्यायाधिपति श्रीमान् संगीत लोढ़ा, प्रशासनिक न्यायाधीष, राज. उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में राजस्थान उच्च न्यायलय सहित प्रदेष के सभी अधीनस्थ न्यायालयों में ऑफलाइन व ऑनलाइन माध्यम से किया गया। राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ में न्यायाधिपति संगीत लोढ़ा, प्रषासनिक न्यायाधीश, राज. उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण व माननीय न्यायाधिपति सबीना, न्यायाधीश, राजस्थान उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष, राजस्थान उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के द्वारा लोक अदालत का विधिवत शुभारंम्भ दीप प्रज्जवलन कर किया। इस अवसर पर माननीय न्यायाधिपति सतीष कुमार शर्मा, न्यायाधीश, राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर पीठ, राजस्थान उच्च न्यायालय बार एसोसियेशन के अध्यक्ष भुवनेष शर्मा, सचिव गिरिराज शर्मा, कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारीगण सहित वरिष्ठ अधिवक्तागण भी उपस्थित थे।न्यायाधिपति श्रीमान् यू.यू. ललित, न्यायाधीष, उच्चतम न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर मे चल रही लोक अदालत की कार्यवाही को देखा तथा राजस्थान उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, जोधपुर द्वारा गठित लोक अदालत बैंचों के न्यायाधीषगण से वार्ता की। माननीय न्यायाधिपति द्वारा बीकानेर में संचालित लोक अदालत बैंच में भी पक्षकार से की जा रही ऑनलाइन समझाईष वार्ता में नई दिल्ली से सीधे ही बातचीत की। माननीय न्यायाधिपति द्वारा इस नवाचार की सराहना करते हुए आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत में इस प्रणाली को सभी जगह अपनाने की मंशा रखी।
माननीय न्यायाधिपति महोदय द्वारा भरतपुर में संचालित राष्ट्रीय लोक अदालत की कार्यवाही को भी वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से देखा व न्यायाधीषों के साथ-साथ पक्षकारों से भी संवाद किया। ब्रजेन्द्र कुमार जैन, सदस्य सचिव, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर ने बताया कि सम्पूर्ण राज्य में कोरोना जैसी महामारी के दौरान आमजन को सस्ता, शीघ्र व सुलभ न्याय दिलाने हेतु कोविड-19 हेतु जारी गाईडलाईन की पूर्णतया पालना कराते हुए राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन कर प्रकरणों की सुनवाई हेतु राजस्थान उच्च न्यायालय सहित सम्पूर्ण प्रदेष में कुल 706 बैंचों का गठन किया गया, जिनके द्वारा प्रकरणों की ऑन -लाइन व ऑफ लाइन माध्यमों से सुनवाई की गई। बैंचों में 1,01,249 प्री-लिटिगेषन तथा 1,78,590 न्यायालय में लम्बित प्रकरण कुल 2,79,839 प्रकरण सुनवाई हेतु रखे गए। बैंचां के प्रयास से प्रि-लिटिगेषन में 12700 प्रकरणों एवं न्यायालयों में लंबित 63,252 प्रकरणों, इस प्रकार कुल 75,952 प्रकरणों का राज्य भर में निस्तारण किया गया एवं कुल राषि रुपए 602,57,73,823 के अवार्ड पारित किये गये।