सभी कहते हैं सरकार हमारी माय बाप तो हम माई बाप से ही अपेक्षा रखेंगे। सरकार टैक्स उगाती है टैक्स बढ़ाती है। किस तरह उगाही में सरकार कड़क है, यदि कोई भी टैक्स समय पर नहीं भरते हैं तो पेनल्टी लगती है। काश उसी तरह सरकार अपने खर्च का एक संपूर्ण ऑडिट और स्ट्रीक्ट सुपर विजन रखवा लें तो फालतू खर्च व बिचोलीये से बचेंगे। सब जानते हैं सिस्टम में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी फैली हुई है। तो उसके खिलाफ सख्त कदम लेना चाहिए।
इक्का-दुक्का प्रकरण पकड़ने से क्या हो रहा। हमारी सरकार जिस तरह इनकम के लिए ज्यादा जोर देति है उसी तरह खर्च के ऊपर ध्यान रखें तो उसका दुरुपयोग ना हो पाएगा। इसका पूरा इंतजाम करके रखें सिस्टम में या सिस्टम के बाहर कैसे भी फालतू खर्च को रोकना होगा। अखबार में पढ़ा कि ढाई रुपए प्रति यूनिट बिजली, बिजली विभाग को प्राप्त होगी जबकी विभाग डोमेस्टिक और कमर्शियल क्या रेट ले रहे हैं। कितने गुना ज्यादा बिल लगाते है। कौन चैकिंग कर रहा है। एक उदाहरण हमने बताया। ऐसी कई अपेक्षा है हर विभाग पर हर खर्च के ऊपर सरकार कड़ी निगरानी रखें तो निश्चित रूप से हम खुशी-खुशी जो टैक्स देते हैं उससे कभी दुखी नहीं होंगे।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, वास्तुविद्)