ओम एक्सप्रेस न्यूज बीकानेर। परम पूज्य आचार्य श्रीजिनमणीप्रभसूरीश्वरजी म.सा. ने पंच परमेष्ठी देवों(अरिहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय, साधु)को वंदन करते हुए अंजनशलाका विधान अंतर्गत समस्त प्रतिमाओं में मंत्रोच्चार द्वारा प्राणों की प्रतिष्ठा की गई संपूर्ण मंदिर परिसर ‘ऊं नमो:भगवते पाश्र्वनाथाय’ की मंत्र ध्वनी से गूंजायमान हो गया। अवसर था गंगाशहर घड़सीसर रोड स्थित तुलसी विहार में अंजनशालाका एवं जिनमंदिर प्रतिष्ठा महोत्सव के चौथे दिन मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा का जहां गुरुदेव के साथ श्रावक-श्राविकाओं ने ाी वंदन विधि में भाग लिया तथा शुभ मुहूर्त में अंजनशलाका महाविधान पूर्ण किया।
इस मौके पर बड़ी सं या में साधु-साध्वियों, सहित गंगाशहर, भीनासर, बीकानेर सहित कलकत्ता, दिल्ली, सूरत, जयपुर सहित विभिन्न महानगरों से धर्मप्रेमी बंधुओं ने ‘झीणी-झीणी उड़े रे गुलाल बीकानेर नगरी में’ के माध्यम से अपने भक्तिभाव प्रस्तुत किए। आयोजन से जुड़े सुरेन्द्र कोचर ने बताया कि सुबह 5 बजे से ही वैदिक विधान से धर्मकार्य आरंभ हो गए। सुबह 9 बजे प्रतिष्ठा महोत्सव का विधि-विधान प्रारंभ हुआ। मूल नायक श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ भगवान, महावीर भगवान, दादा गुरुदेव, जिनकुशल सूरीश्वरजी म.सा., योगीराज, श्रीविजयशांति म.सा., नाकौड़ा भैरव, भोमियादेव, सरस्वती देवी, पद्मावती देवी सहित कुल 9 प्रतिमाओं को जिनमंदिर में प्रतिष्ठित किया गया। इससे पूर्व प्रतिष्ठा संबंधी चढ़ावे की राशि बोली भी लगी तथा शुभ मुहूर्त में मंदिर की ध्वजा चढाई गई। प्रतिष्ठा विधान पूर्ण होने के साथ ही संपूर्ण माहौल ‘ऊं पुण्या हाम पुण्या हाम प्रियन्ताम प्रियन्ताम’ की ध्वनी से गूंजायमान हो गया।
तत्पश्चात प्रभू की प्रथम आरती, मंगल दीपक, चन्दन,धूप, दीप, पुष्प व नैवेद्य आदि से पूजा की गई। पूज्य गुरुदेव मणीप्रभसूरीश्वर जी म.सा. के सानिध्य में ट्रस्ट अध्यक्ष बसंत नोलखा ने जैन उपासरे का उद्घाटन किया। कार्यक्रम पश्चात हुई धर्मसभा में आचार्यश्री ने कहा कि चौरासी लाख जीवनियों में भटकते-भटकते क ाी त्रियंच, कभी नरक, एवं कभी देव तो क ाी मनुष्य गति को प्राप्त हुए लेकिन यह मनुष्य भव अनन्त पुण्यवानी से प्राप्त हुआ है। इसे हमें परोपकार, जीव दया, स्वाध्याय, प्रभू भक्ति में लगाकर सार्थक करना चाहिए। धर्मसभा में गुरुदेव को समस्त ट्रस्ट की ओर से कंबली अर्पण की वहीं साध्वी मंडल को काबंली अर्पित की। प्रतिष्ठा महोत्सव में पन्यास प्रवर श्री पुण्डरिकरत्न जी म.सा., प्रवर्तनी साध्वीश्री शशिप्रभा म.सा., श्री कल्पलताश्रीजी, साध्वीश्री प्रियस्वर्णाजंनाश्री, साध्वीश्री पद्मप्रभाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा का सानिध्य प्राप्त हुआ। श्री पाश्र्वनाथ जैन श्वेता बर ट्रस्ट के अध्यक्ष बसंत नौलखा, उपाध्यक्ष सुरेश दतरी, मंत्री ऋषभ सेठिया, कोषाध्यक्ष अशोक गोलछा एवं सहमंत्री हेमन्तङ्क्षसगी ने सभी आगन्तुकों का स्वागत किया एवं आभार माना और अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवक परिषद्, शान्ति सेवा समिति के सदस्यों, मंदिर के सोमपुरा भीनमाल के विनोद शर्मा, मध्यप्रदेश के विधिकारक हेमन्तभाई वेदमुथा को श्रीफल व मोमेंटो देकर स मान किया तथा महासती चन्दनबाला नाटिका प्रस्तुत करने वाले बच्चों का स्वागत किया गया।