प्रदेश में पहली बार ग्राम=ढाणियों में घर-घर जाकर भी काउंसलिंग का विषेष अभियान
जयपुर,(दिनेश शर्मा”अधिकारी”)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देश में राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से वर्ष _2021 की अंतिम और “ तृतीय राष्ट्रीय लोक अदालत “ का आयोजन 11 दिसम्बर, (द्वितीय शनिवार) को राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर व जयपुर सहित राजस्थान प्रदेष के समस्त अधीनस्थ न्यायालयों में आयोजन किया जा रहा है। रालसा सदस्य सचिव न्यायाधीश दिनेश कुमार गुप्ता ने बताया कि न्यायाधिपति मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव, कार्यकारी अध्यक्ष, के निर्देश मे आयोजित होने वाली इस राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रि-लिटिगेशन मामलों के तहत धन वसूली के प्रकरण, टेलीफोन, बिजली व पानी के बिल से संबंधित प्रकरणों को रखा गया है। इसी प्रकार विभिन्न न्यायालयों में पहले से लंबित चले आ रहे प्रकरणों में धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम (छप् ।बज) के मामले, धन वसूली के मामले, मोटर वाहन दुर्घटना के मामले, वैवाहिक एवं भरण-पोषण के मामले (तलाक को छोड़कर), घरेलू हिंसा अधिनियम के मामले, श्रम एवं नियोजन संबंधित मामले, किरायेदार-मकान मालिक के मध्य लम्बित मामले एवं अन्य सिविल मामलों के अलावा दाण्डिक प्रकृति के राजीनामा योग्य मामलों, फौजदारी के अन्य कम गम्भीर मामलों को रखा गया है। पिछले 25 दिनों से समय-समय पर विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों, बैंक एवं बीमा कम्पनियों तथा न्यायिक अधिकारियों के साथ व्यक्तिषः एवं वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग आयोजित कर अधिक से अधिक मामलों के राजीनामा के माध्यम से निस्तारण के लिए भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं। इस बार राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए कुछ नए प्रयास भी किए जा रहे हैं, जैसे- विषेष प्रकृति के प्रकरण- सिविल सैकण्ड अपील, अवमानना के प्रकरण, गैर सरकारी शैक्षणिक संस्थान के विवाद, काॅमर्षियल कोर्ट के विवाद, काॅ-आॅपरेटिव ट्रिब्यूनल के यहाँ लम्बित मामलों को भी राष्ट्रीय लोक अदालत में रैफर किया जा रहा है। साथ ही बैंकों व वित्तीय संस्थान के साथ मिलकर विषेष अभियान का संचालन भी किया जा रहा है, जिसमें बैंको व वित्तीय संस्थानों के न्यायालयों में लम्बित प्रकरणों को राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निपटारे के लिए प्रत्येक न्यायालय में प्री-काउंसलिंग आयोजित कर समझाईष के हर संभव प्रयास किए जा रहे हंै। सम्पूर्ण राजस्थान में प्री-काउंसलिंग युद्ध स्तर पर संचालित है, जिसके माध्यम से प्रदेश में प्रकरणों का निस्तारण किया जा रहा पहली बार सम्पूर्ण राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में घर-घर जाकर भी काउंसलिंग हेतु विषेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत ग्राम स्तर पर प्री-काउंसलिंग की बैंचों का गठन कर समझाईष के विषेष प्रयास किये जा रहे हैं। इसके साथ ही जन सामान्य तक लोक अदालत के प्रचार-प्रसार हेतु राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रिंट एवं इलेक्ट्राॅनिक मीडिया, सोषल मीडिया, रिंग ट्यून, काॅलर ट्यून, मास मैसेज, फोन काॅल्स, एल-बैंड प्रसारण, मुख्य चैराहों पर वीडियो प्रसारण, साईकल/ऊंट रैली, प्रभात फेरी एवं मोबाईल वेन इत्यादि विषेष माध्यम अपनाए गए हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को लोक अदालत के बारे में जानकारी हो सके और उनके विवादों का राजीनामे के माध्यम से निस्तारण हो सके।राष्ट्रीय लोक अदालत में अब तक सम्पूर्ण राजस्थान व राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर /जयपुर सहित कुल 2,71,505 प्री-लिटिगेषन व पैंडिंग प्रकरणों को चिन्हित कर रैफर किया जा चुका है, जो अब तक रैफर किये गये मामलों में सर्वाधिक है।