बात कड़वी जरूर, पर सच्चाई है अनेक इंसान की फितरत में दोगलापन भरा हुआ है वह डबल चेहरे बनाए हुए हैं, उनका मन, दिमाग और कर्म तीनों अलग-अलग होते हैं परंतु वह बाहर से अपने आप को बड़ा आदर्श दिखाते हैं। स्वार्थ के लिए उनका आचरण अलग हो जाता है वे झूठ बोल सकते है और उनके हाव-भाव से आपको लगेगा उनसे सच्चा कोई नहीं। ऐसे व्यक्ति स्वयं स्वार्थ के लिये किसी का भी कोई नुकसान हो जाए उन्हें कुछ फर्क नहीं पड़ेगा। दुनिया में कई सच्चे इंसान भी है। दोहरे चरित्र और चेहरे वाले अनेक आप के आस पास होंगे यदि आप पहचान जाओ तो ठीक। आदर्शता कि बातें सभी करेंगे पर उनका असली चरित्र तभी सामने आता है कि जब उन्हे कोई काम सौंप दिया जाए। कई कैरेक्टर ऐसे हैं उनको आपसे बहुत उम्मीद रहती है वह आपसे डिस्काउंट भी चाहेंगे आपसे अपना काम फ्री में भी करवाना चाहेंगे पर यदि आपको कोई काम पड़ गया और यदी उनकी दुकान से आपने कोई सामान लिया तो वह ₹1 भी कम नहीं करेंगे। यही बात कुछ रिश्तेदारों पर भी लागू होती है वह अपने आप को बड़ा हितेषी बताएंगे पर उनमें से कई आपको चोट भी पहुंचाएंगे। अच्छाई बुराई, देवीक और राक्षसी गुण इंसान की फितरत में जन्मजात हैं, बडे होते होते कोई अच्छाई का राह पकड़ता हैं और कोई बुराई की। परंतु कई ऐसे हैं जिनमे दोनो गुण हैं बिल्कुल मीठी छुरी की तरह। धर्म, शिक्षा, समाज इंसान के दोगलेपन को दूर कर सकते हैं।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)
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