नई दिल्ली,(दिनेश शर्मा “अधिकारी”)। पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुरक्षा में हुई चूक से घबरा गए। उन्होंने किसानों के जगह-जगह विरोध तथा कम भीड़ जुटने के कारण फिरोजपुर रैली रद्द होने के बाद एयरपोर्ट पहुंचने पर यहां तक कह दिया कि मुख्यमंत्री को शुक्रिया कि वह यहां जिंदा आ गए। उनके यह कहते ही केन्द्र में खलबली मच गई। वहीं, भाजपा नेताओं ने पंजाब सरकार और किसानों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से रिपोर्ट तलब की है। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि पंजाब दौरे पर प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक सामने आई है। उनका काफिला एक फ्लाई ओवर में करीब 15-20 मिनट तक रुका रहा। रैली रद्द होने के बाद जब नरेंद्र मोदी बठिंडा एयरपोर्ट वापस पहुंचे तो उन्होंने सूबे की कांग्रेस सरकार पर तंज कसा। एजेंसी के अनुसार प्रधानमंत्री ने एयरपोर्ट के अधिकारियों से कहा- अपने मुख्यमंत्री को मेरा शुक्रिया कहना कि मैं बठिंडा एयरपोर्ट तक जिंदा पहुंच सका ।भाजपा ने कहा कि प्रधानमंत्री का कार्यक्रम रद्द होना कांग्रेस की साजिश है। उधर, किसानों ने दावा किया है कि रैली रद्द होने की वजह उनका विरोध और पंजाबियों में मोदी की अस्वीकार्यता है। इससे पहले बताया जा रहा था कि खराब मौसम और कोरोना की वजह से मोदी की रैली को रद्द किया गया है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रैली रद्द होने के बाद कई ट्वीट किए। उन्होने लिखा- पंजाब की कांग्रेस सरकार विकास विरोधी है और उसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की भी कद्र नहीं है। जो सबसे ज्यादा परेशानी वाली बात थी, वो थी प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक। प्रदर्शनकारियों को पीएम के रूट में घुसने की इजाजत दी गई, जबकि पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी ने एसपीजी को भरोसा दिया था कि रास्ता सुरक्षित है। मसला सुलझे या इस मुद्दे पर कोई बात हो पाए, इसके लिए पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी ने फोन भी नहीं उठाया। कांग्रेस सरकार जो तरीके इस्तेमाल कर रही है, उन्हें देखकर लोकतांत्रिक मूल्यों पर भरोसा करने वाले को दुख होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने बठिंडा में विमान से उतरने के बाद खराब मौसम की वजह से 20 मिनट इंतजार किया, फिर सड़क मार्ग से राष्ट्रीय शहीद स्मारक तक गए। इसमें उन्हें 2 घंटे से ज्यादा का वक्त लगना था। पंजाब के डीजीपी ने भरोसा दिलाया, इसके बाद उनका काफिला आगे बढ़ा। हुसैनीवाला में शहीद स्मारक के 30 किलोमीटर पहले उनका काफिला एक फ्लाई ओवर पर पहुंचा, जहां प्रदर्शनकारियों ने रोड ब्लॉक कर रखी थी। मोदी यहां पर 15-20 मिनट तक फंसे रहे। यह प्रधानमंत्री की सुरक्षा में बड़ी चूक मानी जा रही है। इस बारे में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने कहा, रात 3 बजे तक मैंने सभी सड़कें क्लियर करवाई हैं। प्रधानमंत्री को हवाई मार्ग से आना था, फिर फिरोजपुर भी हवाई मार्ग से ही जाना था। उनका सड़क से जाने का कोई कार्यक्रम नहीं था। उन्होंने अचानक बठिंडा आकर कार्यक्रम बदल लिया कि सड़क से जाना है। बिना किसी पूर्व कार्यक्रम के यह सब हुआ। इसमें किसी तरह की कोई सुरक्षा लापरवाही नहीं बरती गई। दूसरा, फिरोजपुर में उन्होंने बड़ी रैली रख दी। जहां 70 हजार कुर्सी लगा दी, लेकिन आदमी 700 भी नहीं आए। ऊपर से बारिश भी हो गई। इस वजह से उनकी रैली कामयाब नहीं हो पाई। उधर, किसान एकता मोर्चा ने कहा- हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि मोदी की रैली रद्द होने की वजह किसानों और पंजाब के लोगों का भीषण विरोध है, जिन्होंने मोदी को अस्वीकार कर दिया है। इसकी वजह से मोदी को अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। मोदी की रैली में भी बहुत कम लोग मौजूद थे। इनमें से ज्यादातर को तो जबरदस्ती रैली में भेजा गया था। पंजाबियों के निगेटिव रिस्पॉन्स की वजह से मोदी को अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार पीएम की सुरक्षा के लिए सड़क से गुजरते वक्त अतिरिक्त सुरक्षा होनी चाहिए थी, लेकिन यहां ऐसा कोई बंदोबस्त नहीं किया गया था। इसकी वजह से पीएम को वापस बठिंडा लौटना पड़ा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसका कड़ा संज्ञान लिया है और इसे गंभीर सुरक्षा चूक करार दिया है। इस बारे में पंजाब सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की गई है। इसके अलावा राज्य सरकार को कहा गया है कि इस मामले में जिम्मेदारी तय कर सख्त एक्शन लिया जाए।

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