जयपुर।राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का 3 मई को जन्मदिन है. मुख्यमंत्री अपना 72 वां जन्मदिन सादगीपूर्ण तरीके से मनाएंगे. इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न वर्गों के लिए मुख्यमंत्री की ओर से कई अहम घोषणाएं की जा सकती हैं. जयपुर में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करने के साथ-साथ शाम को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मिलने वाले स्मृतिचिन्हों के नीलामी कार्यक्रम में भी शामिल होंगे. नीलामी से मिलने वाली राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा करवाई जाएगी.

दरअसल, पिछले पांच दशक से राजस्थान की राजनीति में सक्रिय अशोक गहलोत राजस्थान की सियासत में केवल कोई अध्याय नहीं बल्कि एक पूरा युग हैं. तीसरी बार राजस्थान की मुख्यमंत्री की कमान संभालने वाले अशोक गहलोत ने राजस्थान के जनमानस को अपनी कार्यशैली कार्यप्रणाली और सरकार चलाने के तरीके से बेहद गहराई तक प्रभावित किया है. उनके कार्यकाल में राजस्थान में आम आदमी, दलित, वंचित पिछड़े वर्ग ने अपने जीवन में बदलाव महसूस किया है. अशोक गहलोत के होने के मायने हैं कि वर्तमान के मूल्यक्षरण के राजनीतिक दौर में भी यह विश्वास जीवंत है कि अब भी गांधीवादी रीति नीति, तौर-तरीकों एवं मूल्यों के सहारे राजनीति की जा सकती है.

अशोक गहलोत जिस माली जाति से आते हैं उसका राजस्थान में कोई बहुत बड़ा आधार नहीं है. इसके बावजूद ना केवल पांच बार सांसद, केन्द्र में तीन बार मंत्री, तीन बार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, दो बार कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पांच बार विधानसभा सदस्य एवं तीसरी बार मुख्यमंत्री बनना बताता है कि प्रदेश में अशोक गहलोत जातिगत समीकरणों से पर एक नेता हैं.

अशोक गहलोत के जीवन और राजनीतिक सफर को देखें तो ये एक साधारण परिवार से निकलकर आने वाले एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसने लाखों लोगों के जीवन को प्रेरणा दी है. अशोक गहलोत का जन्म 3 मई 1951 को जोधपुर में हुआ था. जोधपुर में जादूगर लक्ष्मणसिंह गहलोत के यहां जन्मे अशोक गहलोत छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं. विधि और विज्ञान के स्नातक, गहलोत ने अर्थशास्त्र विषय में स्नातकोत्तर तक शिक्षा प्राप्त की. गहलोत पहली बार 1980 में लोकसभा के सदस्य बने. वे पांचवीं बार 1998 में लोकसभा के सदस्य चुने गये. उन्होंने सातवीं, आठवीं दसवीं और ग्यारहवीं लोकसभा में भी जोधपुर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया.

वे तीन बार राजस्थान प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष रहे. उन्हें 1982 में पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री उपमंत्री, 1984 में खेल उपमंत्री, 1984 में ही पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री और 1991 में कपड़ा (स्वतंत्र प्रभार) राज्यमंत्री का दायित्व सौंपा गया. वे वर्ष 1989 में राजस्थान के गृह और जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री रहे. गहलोत ने चीन, साइप्रस, बुल्गारिया तथा संयुक्त राष्ट्र में भारतीय दल के सदस्य के रूप में अमेरिका की यात्रा की. जादू एवं देशाटन के शौकीन गहलोत ने इसके अलावा बैंकॉक, आयरलैंड, जर्मनी, कनाडा हॉन्गकॉन्ग, इटली, दुबई और फ्रांस के साथ अन्य कई देशों की यात्राएं भी की हैं. गहलोत 1974 से 1979 तक राष्ट्रीय छात्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. गहलोत वर्ष 2004 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री बनाये गये थे.