

द्वारोद्घाटन के साथ ऐतिहासिक महोत्सव का हुआ सुखद समापन
बाड़मेर । श्री महावीर जिन मन्दिर अंजनशलाका व प्रतिष्ठा को लेकर जैन श्रीसंघ, बाड़मेर एवं श्री भगवान महावीर जिन मन्दिर प्रतिष्ठा महोत्सव समिति की ओर से 04 मई से 09 मई तक लंगेरा रोड़ स्थित महावीर वाटिका के पावन प्रांगण में अंवति तीर्थाेद्धारक, खरतरगच्छाधिपति परम पूज्य आचार्य भगवन्त श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी मसा, वर्षीतप के तपस्वी रत्न, परम पूज्य आचार्य भगवन्त गुरूदेवश्री कवीन्द्रसागर सूरीश्वरजी मसा व बह्रमसर तीर्थाेद्धारक परम पूज्य आचार्य भगवन्त श्री जिनमनोज्ञसूरीश्वरजी मसा आदि ठाणा की पावन व मंगलमय निश्रा में ऐतिहासिक महोत्सव का सोमवार को जिनालय के द्वारोद्घाटन के साथ सुखद समापन हुआ ।
जैन श्रीसंघ, बाड़मेर के अध्यक्ष व महोत्सव समिति के संयोजक प्रकाशचन्द वडेरा ने बताया कि महावीर वाटिका में बने नूतन जिनालय की प्रतिष्ठा महोत्सव के अन्तिम दिन सोमवार को प्रातः में गुरू-भगवन्तों की पावन निश्रा व सकल श्रीसंघ की उपस्थिति में को चतुर्विघ संघ की उपस्थिति में जिनालय के द्वारोद्घाटन का कार्यक्रम आयोजित हुआ । परमात्मा महावीर के जयकारों से महावीर वाटिका का प्रांगण गुजायमान हो उठा । तथा अंजनशलाका व प्रतिष्ठा महोत्सव में पधारे सभी साधु-साध्वी भगवन्तों ने सुखसाता पूर्वक आगे की ओर विहार किया ।
महावीर वाटिका से विहार करते हुए खरतरगच्छाधिपति परम पूज्य आचार्य भगवन्त श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी मसा ने कहा कि परमात्मा महावीर की वाणी ही मनुष्य के जीवन के कल्याण व उद्धार का नेशनल हाई-वे है । गुरूदेवश्री ने सभी श्रावक-श्राविकाओं को प्रभु भक्ति व धर्म आराधना करने की बात कही ।
महोत्सव समिति के सह-संयोजक सम्पतराज मेहता व मांगीलाल गोलेच्छा ने बताया कि महोत्सव के अन्तिम दिन सोमवार को महावीर वाटिका में श्रद्धेय श्री छगनलाल खंगारमलजी छाजेड़ परिवार की ओर से प्रातः के नाश्ते का लाभ लिया । जिनके परिवार का जैन श्रीसंघ, बाड़मेर की ओर से हाथी के ओहदे पर बिठाकर वरघोड़ा सह बहुमान किया गया ।