बरसात का समय आने वाला है और हम सभी यह प्रण करें कि इस बरसात हम ज्यादा से ज्यादा फल फ्रूट साग सब्जीयो के बीजों का रोपण करेंगे चाहे हम अपनी कंपाउंड में, अपनी जमीन पर या सरकारी बगीचे में, सड़क किनारे, तालाब की पाल या जहां भी जगह मिले, हमारे धार्मिक स्थानों पर, पित्र पर्वत, रालामंडल जैसी पहाड़ियों पर, स्टेट और नेशनल हाईवे के किनारों पर करें। इन सब को करने के लिए हमें बहुत सारे बीजों की जरूरत होगी जोकि हर घर से इकट्ठे हो सकते हैं घरों घर इन दिनों आम, पपीता, संतरा, जामुन, जाम, आंवला, कबीट, बैल, बैर, शहतूत, इमली, फालसा, चीकू और तमाम तरह की फ्रूट सब्जियां खाते हैं बस थोड़ी सी मेहनत करें उन बीजों को कचरे में न फेंकते हुए धूप में सुखाने को रख दें। हम जितने भी बीजों का रोपण करेंगे उसके 10 परसेंट भी पौधे उग गए तो आपका बहुत बड़ा कंट्रीब्यूशन पर्यावरण के लिए हो जाएगा। बीज संग्रह से कई लोगों को रोजगार भी प्राप्त हो जाएगा। हमारी जनता बेहद जागरूक है और निश्चित रूप से व्यक्तिगत, संस्थागत सभी बीजों के रोपण को अपना दायित्व मान लेंगे तो अभी की पीढ़ी और आने वाली पीढ़ी कितना आनंद उठाएगी इसकी कल्पना कीजिए चलते रास्ते व्यक्ति को खाने को मिलेगा तरह तरह के पक्षी आपको गूंजते में मिलेंगे। इसी को स्वर्ग की माया कहते हैं।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)