–गोपालगंज में जहरीली शराब से 19 लोगों की मौत पर दिया गया था मुआवजा
–गलत बयानबाजी पर नीतीश कुमार को सीएम पद से इस्तीफा देना चाहिए


पटना रिपोर्ट अनमोल कुमार: बिहार में जहरीली शराबकांड में मृतक के परिजनों को मुआवजे को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। अब मृतक के परिजनों से मिलकर आए पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके नीतीश सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि बिहार उत्पाद अधिनियम 2016 की धारा 42 में 4-4 लाख मुआवजे का प्रवाधान है। उन्होंने कहा कि गोपालगंज शराब कांड में 14 परिवारों को 4-4 लाख मुआवजा दिया गया तो तो फिर सारण के मृतक परिवारों को मुआवजा क्यों नहीं दिया जाएगा? उन्होंने कहा कि ऐसे में नीतीश कुमार को गलत बयानबाजी करने के लिए सीएम पद से इस्तीफा देना चाहिए।
सुशील मोदी ने कहा कि सारण में जहरीली शराब से 70 से अधिक लोगों की मौत के बाद भी बिहार के सीएम नीतीश कुमार को कोई अफसोस नहीं है। वे कह रहे कि जो पियेगा वो मरेगा। मौत के बाद आश्रितों को मुआवजा देने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद पहली बार 15 अगस्त 2016 को गोपालगंज में हुए जहरीली शराब कांड में 19 लोगों की मौत हुई थी। उस समय सरकार ने मृतक के परिजनों को 4-4 लाख का मुआवजा दिया था। फिर सरकार अब छपरा-सिवान में जहरीली शराब पीने मरने वाले के परिजनों को क्यों नहीं मुआवजा दे रही? आखिर बिहार सरकार की पॉलिसी क्या है? शऱाब पॉलिसी को जब आप पढ़ेंगे तो नीतीश कुमार की पोल खुल जाएगी। पॉलिसी में प्रावधान है कि शराब पीने से मौत के बाद परिजनों को 4-4 लाख देना है। लेकिन यह राशि शऱाब बेचने वाले से लेकर दी जाएगी। छपरा जहरीली शराब कांड के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार न तो अपने खजाने से मुआवजा देने की बात कर रहे और न ही प्रावधान के अनुरूप जहरीली शराब बनाने वाले या बेचने वाले से 4-4 लाख दिलाने की बात कर रहे हैं।
सुशील मोदी ने कहा कि बिहार सरकार ने 2 अक्टूबर 2016 को बिहार गजट प्रकाशित कराया था, जिसका नाम था बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम 2016। इस अधिनियम में 100 पॉइंट्स दिए गए हैं, जिसमें शराबबंदी कानून से जुड़ेी पूरी जानकारी दी गई है। बिहार गजट के 42 वें नंबर पर compensation भुगतान करने हेतु कलेक्टर द्वारा आदेश दिए जाने से संबंधित जानकारी दी गई है। 42 वें नंबर के प्रथम पैरा में लिखा गया है कि ”दंड प्रक्रिया संहिता 1973 (1974 का 2) में इस अधिनियम के अधीन कलेक्टर को अधिकार है कि यदि उसे लगता है कि किसी स्थान पर बेचे गए शराब के सेवन के कारण किसी व्यक्ति की मृत्यु हुई या बीमार हुआ है तो वह निर्माता/ विक्रेता से compensation के रूप में प्रत्येक मृतक के प्रतिनिधि को कम से कम 4 लाख रू, गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त व्यक्ति को 2 लाख और किसी अन्य चोट खाने वाले व्यक्ति को 20 हजार रुपए भुगतान करने का आदेश देगा।
