

-अमेरिका से शिप के माध्यम से और पाकिस्तान से ड्रोन से आते थे महंगे व अत्याधुनिक हथियार लॉरेंस के लिए
जयपुर(हरीश गुप्ता) ।कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गैंग के लिए हथियारों की व्यवस्था कनाडा निवासी गोल्डी बरार करता था। उसके साथ ही शूटर को अज्ञात स्थान पर हथियार देते और टारगेट पूरा होने के बाद वापस जमा कर लेते थे।
सूत्रों ने बताया कि लॉरेंस गैंग के पास अत्याधुनिक हथियारों की भरमार है। इसी गैंग का सदस्य कनाडा में बैठा गोल्डी बरार लॉरेंस के कहने पर हथियारों की व्यवस्था करता था। गोल्डी हथियार की फोटो व उसकी खूबियां व नाम बताता था। लॉरेंस हथियार पसंद आने पर गोल्डी को ऑर्डर दे देता था। पेमेंट के सिस्टम में हवाला भी एक जरिया होता था।
सूत्रों ने बताया कि हवाई जहाज में चेकिंग कड़ी होने के कारण शिप के माध्यम से अमेरिका से हथियार आते थे। ऐसे ही पाकिस्तान से बॉर्डर एरिया पर ड्रोन के जरिए हथियार पहुंचते थे। गैंग के पास हथियार पहुंचने के बाद पैकेट खुद लॉरेंस ही खोलता था और सबसे पहले हथियार वही चेक करता था।
सूत्रों की मानें तो शूटर को हथियार तभी दिया जाता था, जब उसे टारगेट दिया जाता था। शूटर तक हथियार पहुंचाने वाले गैंग के साथी की पहचान छुपी रहे, इसके लिए हथियार पहुंचाने वाला मुंह पर नकाब (कपड़ा बांधे) रखता था। शूटर को अज्ञात स्थान पर बुलाया जाता था और एक कोड बताया जाता था। शूटर वह कोड बताता, मिलान होने पर हथियार उसे सौंप दिया जाता था।कोड अक्सर अंकों में रखा जाता था। टारगेट पूरा होने के बाद शूटर वह हथियार वापस जमा करवाता था। जमा कराने का तरीका भी लेने की तरह ही होता था।
सूत्रों ने बताया कि छोटी-मोटी वारदात में देसी हथियार काम में लिया जाता था। लेकिन बड़ी वारदात में कोई चूक ना रह जाए, इसलिए विदेशी हथियार ही काम में लेते थे। टारगेट पूरा होने के बाद शूटर जिस फोन नंबर से आर्डर मिलता था, उसी नंबर पर सूचना देता था। तभी जगह और कोड बताया जाता था। गैंग के पास 10 लाख कीमत तक के हथियार है, जो बड़े ही अत्याधुनिक है।