– कक्षा 1 से 5वीं तक के बच्चों के लिए शुरु होंगी कोचिंग कक्षाएं
– बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए पढ़ाई के साथ-साथ डांस, एक्टिविटी तथा खेलकूद भी करवाया जाएगा
– जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को उपलब्ध करवाई जाएगी नि:शुल्क शिक्षा
श्रीगंगानगर। धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में इलाके में अपनी अग्रणी भूमिका निभाने वाली प्रसिद्ध संस्था प्रभु प्रेम ट्रस्ट धार्मिक क्षेत्र में धुआंधार आयोजनों की शृंखला के बाद अब शिक्षा के क्षेत्र में भी कदम रखने जा रही है। प्रभु प्रेम ट्रस्ट की कार्यकारिणी की एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें यह निर्णय लिया गया है। बैठक में डॉ. प्रभुदयाल अरोड़ा, अशोक खुराना, कमल अरोड़ा, राजेश अग्रवाल, देवेन्द्र खुराना, संजय बत्तरा, अर्शदीप कुलचानिया, निशांत धींगड़ा, हर्ष गोयल, विनीता बत्तरा, ज्योति वधवा अरोड़ा, सुगंधा शर्मा, ध्रुव बत्तरा, वैष्णवी सहित संस्था के पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे। संस्था के अध्यक्ष कमल अरोड़ा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि प्रभु प्रेम ट्रस्ट की स्थापना तीन संकल्पों के साथ की गई है, जिसमें प्रथम संकल्प धार्मिक, द्वितीय शिक्षा एवं तृतीय चिकित्सा क्षेत्र में कार्य करना है। बेहद ही सीमित समय में धार्मिक क्षेत्र में प्रभु प्रेम ट्रस्ट ने बड़े-बड़े धार्मिक आयोजन कर हजारों लोगों को संस्था के साथ जोड़ा है। अब द्वितीय संकल्प के रूप में शिक्षा के क्षेत्र में ट्रस्ट द्वारा कक्षा 1 से 5वीं तक के बच्चों के लिए नो प्रॉफिट नो लॉस की तर्ज पर उच्च गुणवत्ता युक्त ट्यूशन क्लासेज में शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए प्रभु पे्रम शिक्षा मंदिर की शुरुआत 15 अक्टूबर 2023 रविवार को प्रातः: 11.15 बजे प्रभु प्रेम भवन में प्रथम नवरात्र पर की जा रही है। संस्था की प्रवक्ता सुगंधा शर्मा ने बताया कि प्रभु प्रेम शिक्षा मंदिर में जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी। बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए पढ़ाई के साथ-साथ डांस, एक्टिविटी तथा खेलकूद भी करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि आज के दौर में बच्चों को पश्चिम देशों की तर्ज पर शिक्षा दी जा रही है, जिससे वे मूल भारतीय संस्कृति और हमारे धार्मिक मूल्यों को भूलते जा रहे हैं। इसलिए प्रभु प्रेम ट्रस्ट द्वारा संचालित प्रभु प्रेम शिक्षा मंदिर में शिक्षा के साथ-साथ हमारे धार्मिक एवं सामाजिक कर्तव्यों की जानकारी और शिक्षा छोटे बच्चों को शुरु से ही दी जाएगी, ताकि वे बड़े होकर समाज में भारतीय मूल संस्कृति को जीवित रख सकें। अगर महंगाई की बात करें तो आज शिक्षा सर्वाधिक महंगी हो गई, सामान्य परिवारों द्वारा बच्चे को उच्च गुणवत्ता युक्त शिक्षा दिला पाना बड़ा मुश्किल हो गया है। ऐसे में प्रभु प्रेम शिक्षा मंदिर के माध्यम से आर्थिक रूप से वहन लायक खर्च (नो प्रॉफिट नो लॉस की तर्ज) में उच्च गुणवत्ता युक्त शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी, ताकि अभिभावकों के लिए उनके बच्चें की शिक्षा एक बोझ की तरह न हो और वे उसे खुशी-खुशी वहन कर सके। इसके साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी। प्रभु प्रेम शिक्षा मंदिर की कमेटी ऐसे बच्चें को चिन्हित करेगी जो आर्थिक रूप से कमजोर हों उन्हें नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी, ताकि वे बड़े होकर शिक्षित समाज का हिस्सा बन सकें।