बीकानेर,वर्तमान समय में जहाँ एक तरफ सिर्फ निजी स्वार्थ और स्वयं के लिए ही सम्मान करवाने का दौर चल रहा हो वहां अगर तीन चार दशक बीत जाने के उपरांत भी अपने गुरु के प्रति निष्ठा, समर्पण और सम्मान के भाव उसी रूप में शिष्यों के मन में रचे बसे हो ऐसे दृश्य बहुत कम देखने को मिलते है लेकिन इसका साक्षात रूप देखने को मिला आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान, गंगाशहर के सामने स्थित आशीर्वाद भवन में जब राजस्थान उद्योग सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और वर्तमान में जयपुर में उद्योग और वाणिज्य विभाग में अतिरिक्त आयुक्त के पद पर सेवारत श्री राजेंद्र सेठिया से तीस – पेंतीस साल पूर्व शिक्षा प्राप्त करने वाले और देश के कोने कोने में रहने वाले उनके शिष्य शिष्याओं ने साथ मिलकर उनके सम्मान का एक अनूठा और गरिमामय कार्यक्रम का आयोजन किया . जिसमे खास बात यह रही कि उन सेकड़ों शिष्य शिष्याओं ने अपने शिक्षा गुरु श्री राजेंद्र सेठिया का सम्मान स्वयं के साथ साथ राजेंद्र जी के शिक्षा गुरु प्रो. सुमेरचंद जैन, प्रो. एल एन खत्री, प्रो. श्रीमती शुक्ला बाला पुरोहित, प्रो. सतीश मेहता और श्री जेठमल कच्छावा सरीखे उस समय के जाने माने और वरिष्ठ गुरुजनों से संयुक्त रूप से करवाया !

इस अवसर पर श्री राजेंद्र सेठिया से स्कूली और कॉलेज की शिक्षा प्राप्त उनके बड़ी संख्या में शिष्य शिष्याओं ने एक स्वर में यही कहा कि गुरूजी से हमे केवल स्कूली और कोलेज शिक्षा ही नहीं मिली बल्कि उसके साथ नैतिक, मानवीय, धार्मिक और जीवनोपयोगी शिक्षा भी मिली और आज भी उनसे वैसा ही संपर्क बना हुआ है जिसके कारन आज तक भी हम सबको वही मार्ग दर्शन और जीवन बोध का पाठ मिल रहा है !

इस अवसर पर अपने अपने वक्तव्य में वरिष्ठ प्रो. सुमेरचंद जैन, दिल्ली से विशेष रूप से पधारी प्रो. श्रीमती शुक्ला बाला पुरोहित, प्रो. सतीश मेहता आदि ने श्री राजेंद्र सेठिया के नैतिक, प्रमाणिक, ईमानदार, मेहनती, धार्मिक आदि गुणों का उल्लेख करते हुए वर्तमान में सरकारी सेवा में इतने बड़े पद पर रहते हुए उनकी विनम्रता, शालीनता आदि विशेषताओं से उनके शिष्यों को प्रेरणा लेने का आहवान किया और उनके बचपन और स्कूली और कोलेज शिक्षा के समय परिस्थितयों से किये गए संघर्ष से प्रेरणा लेने को कहा !

श्री राजेंद्र सेठिया के ही शिष्य लुधियाना से आये सूर्य प्रकाश सामसुखा ने तीन दशक से ज्यादा समय पूर्व उनसे प्राप्त शिक्षा ग्रहण के समय के कई कई संस्मरण साझा किये और श्री राजेंद्र सेठिया के विरल व्यक्तित्व के गुणों का उल्लेख करते हुए उनकी परिवार के प्रति, माता पिता के प्रति, समाज के प्रति किये गए कार्यों, उनकी संघर्ष माय जीवन, ईमानदारी, दृढ आत्म विश्वास आदि के बारे में बताया,

कार्यक्रम के प्रारंभ में मंगलाचरण बालोतरा से पधारे प्रकाश श्रीश्री माल ने स्वरचित गीतिका से किया ! आज के कार्यक्रम में समाज के गणमान्य व्यक्ति बड़ी संख्या में उपस्थित रहे, श्री राजेंद्र सेठिया के परिवारिक जन, रिश्तेदार, मित्र बंधू आदि भी देश के कोने कोने से यथा जोधपुर, बालोतरा, जैसलमेर, हनुमानगढ़, दिल्ली, गुडगाव, मुंबई, बंगलौर, असम आदि जगहों से आये . सभी ने मुक्त कंठ से ऐसे आयोजन को अनुकरणीय और प्रसंसनीय बतलाया .
जोधपुर से पधारे श्री मर्यादा कोठारी, श्री हंसराज डागा, बालोतरा से आए श्री गौतम श्रीश्री माल, श्री धर्मेन्द्र डाकलिया, श्रीमती संजू लालानी, श्रीमती सुनीता पारख आदि ने भी अपने अपने विचार रखे।
श्री राजेंद्र सेठिया के दोनों पुत्रों, पुत्र वधुओं सहित छोटे छोटे पौत्र पौत्री ने भी आकर्षक प्रस्तुति के साथ विचार रखें !
कार्यक्रम का कुशल सञ्चालन मुंबई से आये शिष्य सुरेन्द्र बोथरा ने किया ! इस पुरे कार्यक्रम की आयोजना और संयोजना में सूर्य प्रकाश सामसुखा, अनिल सेठिया, राजेंद्र पारख आदि सेठिया जी के अनेकानेक शिष्य शिष्याओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा ..