Aacharya Tulsi's 102th Birth Anniversary
Aacharya Tulsi's 102th Birth Anniversary
आचार्य तुलसी के 102 वें जन्मोत्सव पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन

बीकानेर । आचार्य तुलसी ने शक्तिप्रदान की तभी आज पदयात्रा करके शक्तिपीठ पहुंच पाया। ये उद्गार शासनश्री मुनि पानमल जी ने आचार्य तुलसी के 102वें जन्मोत्सव समारोह के अवसर पर पद यात्रा के शक्तिपीठ पहुंचने पर कही। आचार्य तुलसी जन्मोत्सव के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आज प्रातः 8ः45 बजे तेरापंथ भवन से नैतिकता का शक्तिपीठ तक पदयात्रा करते हुए पहुंचे। इस पदयात्रा का मुनि श्री पानमल जी ने नेतृत्व किया। उल्लेखनीय बात यह रही कि पिछले कुछ माह से मुनि श्री पानमल जी लगभग बेड रेस्ट पर ही थे। उनका अचानक पैदल चलकर आचार्य तुलसी समाधि स्थल पहुंचने की घटना को लोग ’आस्था का फल’ ही मान रहे है। इन्द्रचन्द सेठिया ने कहा कि पदयात्रा प्रत्येक मौहल्ले व क्षेत्र से शक्तिपीठ तक आने के लिए होनी चाहिए। यह पदयात्रा तेरापंथ भवन से शक्पिीठ तक हुई जिसमें सैकड़ो श्रद्धालु शामिल हुए।

सम्मान समारोह
यह समारोह ’नैतिकता का शक्तिपीठ’ पर आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित किया गया। डाॅ. किरण नाहटा ने रामचन्द्र जैन व अक्षयचन्द्र शर्मा का परिचय देते हुए आचार्य तुलसी राजस्थानी शोध संस्थान में उनके परिवार के उल्लेखनीय योगदान की चर्चा की। डाॅ. धर्मंचन्द जैन ने डाॅ. किरण नाहटा का अभिनन्दन करते हुए उनके द्वारा आचार्य तुलसी राजस्थानी शोध संस्थान की स्थापना एवं विकास तक के योगदान का उल्लेख किया। इस अवसर पर आचार्य तुलसी राजस्थानी शोध संस्थान को समृद्ध बनाने में उल्लेखनीय योगदान के लिए डाॅ. किरण नाहटा, अषोक शर्मा एवं डाॅ.सी.के.जैन का अभिनन्दन किया गया। समारोह में उपस्थित मुख्य अतिथि सांसद अर्जुनराम मेघवाल, महापौर नारायण चैपड़ा, प्रो. सुमेरचन्द जैन  एवं जयचन्दलाल दफ्तरी ने इनको साहित्य, शाॅल एवं अभिनन्दन पत्र भेंट कर इनका स्वागत किया। जेठमल बोथरा, बसन्त नौलखा एवं डाॅ. पी.सी. तातेड़ ने माल्यार्पण किया।
भावांजलि समारोह
मुख्य समारोह में मुनिश्री पानमल जी ने कहा कि गुरुकृपा से हर असम्भव एवं कल्पनातीत कार्य में सरलता से सफलता मिल जाती है। उन्होंने कहा कि आचार्य तुलसी के हाथों दीक्षित होकर उनका आज्ञानुवर्ती बनने से उनका जन्म सफल हो गया है। समारोह के मुख्य अतिथि अर्जुनराम मेघवाल ने अपनी भावाभिव्यक्ति करते हुए कहा आचार्य तुलसी द्वारा प्रतिपादित अणुव्रत आन्दोलन समाज को बुराईयों से बचाता है उन्होंने कहा कि अणुवत एक्सप्रेस ट्रेन का अध्यात्मिक महत्व जानकर आत्मतोष है कि एक पुण्य कार्य में मेरा प्रयास सफल रहा। उन्होने कहा तुलसी जयन्ती पर सदाचार व संतोष का संदेष लेकर जाए। मुनिश्री शान्तिकुमार जी आचार्य तुलसी के साथ अपने सम्बन्धों की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने अनेक कार्यकर्ताओं का निर्माण किया। जैन लूणकरण छाजेड़ ने कहा कि महापुरूषों की जयन्ती मनाने से उनके गुणों से नयी पीढ़ी को प्रेरणा मिलती है। मुनिश्री पीयूषकुमार ने कहा कि व्यक्ति को आचार्य तुलसी के जीवन से षिक्षा लेकर हमेषा अच्छे और सकारात्मक कार्य करने चाहिए। उन्होंने आचार्य तुलसी को भावांजलि अर्पित करते हुए ’इक दिन बिक जायेगा मिट्टी के मोल, जग में रह जायेंगे प्यारे तेरे बोल’ गीत गाकर बताया कि आचार्य तुलसी के बोल व संदेष सदा सदा कायम रहेंगे।
डाॅ. पी.सी. तातेड़ ने समारोह का विषय प्रवत्र्तन करते हुए कहा कि नैतिकता का शक्तिपीठ आस्था एवं शक्ति का केन्द है। यहां प्रतिदिन सैकड़ों व्यक्ति आकर शक्ति प्राप्त करते हैं। उन्होंने कहा कि आचार्य तुलसी शोध संस्थान को समृद्ध बनाने में स्व. रामचन्द्र जैन एवं अक्षयचन्द्र शर्मा के परिजनों का विषेष सहयोग रहा। तेरापंथ सभा बीकानेर के सुरपत जैन ने कहा कि आचार्य तुलसी ने वर्ण, जाति एवं सम्प्रदाय से ऊपर उठकर मानव धर्म का कार्य किया। उन्होंने हजारो किलामीटर पदयात्रा करके राष्ट्र में नैतिकता की अलख जगाई एवं व्यसनमुक्त जीवन जीने की प्रेरणा दी। तेरापंथ महिला मण्डल गंगाषहर की मंत्री संजू लालानी ने कहा कि आचार्य तुलसी स्वप्नदृष्टा थे। तेरापंथ युवक परिषद, गंगाषहर के अध्यक्ष मनीष बाफना ने कहा कि आचार्य तुलसी ने विरोध को विनोद के रूप में लेने की बात कही। मुनिश्री विमलबिहारी व मुनिश्री श्रेयांसकुमार ने सुमधुर गीतिकाओं के माध्यम से आचार्य तुलसी को अपनी भावांजलि दी। समारोह में प्रतिष्ठान की गतिविधियों की जानकारी देते हुए कोषाध्यक्ष जतन दूगड़ ने कहा कि एक श्वांस से जन्म का प्रारम्भ होता है व एक अन्तिम श्वांस से जीवन का अन्त। प्रथम व अन्तिम इन दो श्वांसों के मध्य के जीवन का जिस प्रकार उपयोग किया जाता है वह महत्वपूर्ण होता है। दूगड़ ने कहा कि कुछ व्यक्ति जीवित होते हुए भी जीते नहीं है पर जो सार्थक जीवन जीते हैं वे अपने जीवनकाल के बाद भी सहस्त्राब्दियों तक अजर अमर रहते हैं।
समारोह में महापौर नारायण चैपड़ा ने महावीर के अनेकान्त की चर्चा करते हुए आचार्य तुलसी के अणुव्रत को अपनाने की बात कही उन्होने कहा कि नया मोड़ से समाज सुधार की अलख जगाई एवं महिलाओं मे जागृति लाकर समाज में बराबरी की भागीदारी निभाई है।
मुनिश्री विनीत कुमार जी आचार्य तुलसी के परिवार से दीक्षित परिजनों की स्मृती करते हुए कहा कि मां वदना के प्रति हम कृतज्ञता व्यक्त करते है कि उन्होने आचार्य तुलसी जैसा महान व्यक्तित्व संसार को दिया। उन्होंने कहा कि आचार्य श्री तुलसी हमेषा नयी बातों को महत्व देते थे। समारोह में अणुव्रत समिति बीकानेर के गोपाल आचार्य, किषन बैद, मोहनलाल, तेरापंथ कन्या मण्डल, गंगाषहर ने अपनी भावाभिव्यक्ति प्रदान की। समारोह का संचालन जैन लूणकरण छाजेड़ ने किया सांसद अर्जूनराम मेघवाल एवं महापौर नारायण चैपड़ा को साहित्य भेंट कर सभा अध्यक्ष शुभकरण सामसुखा ने सम्मानित किया। कार्यक्रम का प्रारम्भ मुनिश्री पीयूष कुमार जी द्वारा नमस्कार महामंत्र के उच्चारण एवं आचार्य तुलसी के सामुहिक जप से हुआ।
आचार्य तुलसी रीजनल कैंसर चिकित्सा एवं अनुसंधान केन्द्र में भर्ती सभी रोगियों को आचार्य तुलसी के जन्मोत्सव पर फल वितरण किए गए। सहमंत्री जेठमल बोथरा, डाॅ.पी.सी.तातेड़, जतन दूगड़, जैन लूणकरण छाजेड़, अषोक चैरड़िया, दीपक बैद, मनीष बाफना, राजेष बैद, जतन नौलखा, विनीत बोथरा ने तुलसी जयन्ती पर आरोग्यम की शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए फल वितरण किया।
नाट्यमय कव्वाली अणुव्रत एक्सप्रेस ट्रेन पर
 तेरापंथ कन्या मण्डल, बीकानेर ने ’अणुव्रत एक्सप्रेस’ नाम से नाट्यमय कव्वाली प्रस्तुत करके सबसे वाह-वाह लूंटी। संयोजिका प्रज्ञा नौलखा एवं सहसंयोजिका एष्वर्या बोथरा ने कैंसर ट्रेन एवं अणुव्रत ट्रेन के रूप में बच्चों की रेल बनाकर बुराइयों पर अच्छाई की विजय एवं दुराचार पर सदाचार का प्रभाव बताया। ’अणुव्रत एक्सप्रेस ट्रेन’ के प्रभाव से ’कैंसर ट्रेन’ का ’सद्भावना ट्रेन’ में रूपान्तरण हो गया। इस प्रस्तुति के लिए कन्या मण्डल के सभी सहभागियों को साहित्य भेंट कर सम्मान किया गया। प्रज्ञा नौलखा एवं एष्वर्या बोथरा को स्मृतिचिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
 आचार्यश्री तुलसी के जन्मोत्सव के अवसर पर सायं तेरापंथ भवन में आचार्य तुलसी भक्ति संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें मगन कोचर, सुनील पारख, महेन्द्र कोचर, राजेन्द्र बोथरा एवं सारिका सेठिया ने भक्तिगीतों से जन समुदाय को तुलसीमय कर दिया। इस भक्ति संध्या में प्रिया पारख ने मंगलाचरण किया। निर्मल बैद, मनोज छाजेड़ आदि ने भी अपनी सुमधुर प्रस्तुतियों से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। संचालन तेरापंथ युवक परिषद के रोषन बाफना ने किया।